-शहर में चारों तरफ प्लास्टिक का ही नजारा

-ठेले के दुकानदार अधिक कर रहे है पॉलीथीन का यूज

VARANASI

सीन-वन

नई सड़क में फल विक्रेता के पास से कपड़े के थैले नदारद रहे। सेब-अनार की खरीदारी करने वालों को प्रतिबंधित प्लास्टिक में फल पैक करके थमाता रहा। एक कस्टमर ने प्लास्टिक बैन के बाबत फल विक्रेता से क्वेश्वन भी किया तो जवाब था कि हर कोई बेच रहा है तो हम भी बेच रहे हैं।

सीन-टू

बेनिया पार्क के समीप ठेले पर फल विक्रेता ब्लैक कलर की पॉलीथीन में हर कस्टमर को सामान देता रहा। यहीं नहीं एक साथ लाइन से आधा दर्जन से अधिक दुकानें लगी हुई थी, लगभग सभी दुकानों पर कस्टमर्स को प्लास्टिक के थैले में ही सामान थमाया जा रहा था। कहीं से भी ऐसा नहीं लगा रहा था कि सिटी में प्लास्टिक बैन भी है।

'चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात'

ऊपर में किए गए रियलिटी चेक तो महज एक बानगी भर है। शहर का ऐसा कोई भी कोना नहीं बचा होगा जहां धड़ल्ले से प्लास्टिक की ब्रिकी न होती हो। खास करके खाद्य पदार्थो और फुटकर सामान बेचने वाले शॉपकीपर्स कपड़े का थैला यूज ही नहीं करते। प्लास्टिक बैन के बाबत कहते भी है कि शुरुआती दौर में चेकिंग अभियान तो खूब चला लेकिन बाद में फिर वहीं कहावत चरितार्थ हुई 'चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात' कपड़े का थैला भी रखे थे। लेकिन प्लास्टिक के रेट से अधिक कॉस्टली होने के कारण कपड़े का थैला का यूज करना बंद कर दिये। जब चेकिंग की गति स्लो हुई तो हर कोई पॉलीथीन यूज करने लगा।

इन पर है बैन

प्लास्टिक के कैरी बैग, दुकानों पर सामान के लिए दिए जाने वाली पॉलीथिन, प्लास्टिक कवरिंग, प्लास्टिक शीट, मैगजीन, इन्विटेशन कार्ड, ग्रीटिंग कार्ड की पैकिंग के लिए प्लास्टिक कवर या पाउच के इस्तेमाल पर रोक रहेगी। अभी तक सिर्फ मानक (ब्0 मिमी तक मोटी) पॉलीथिन के इस्तेमाल पर रोक है।

हमे और आपको होना होगा जागरूक

पर्यावरण को बचाना है तो हमें और आपको ही पहल करनी होगी। यदि हम घर से सामान लेने निकलते हैं तो कपड़े का थैला, बैग लेकर निकलें, इसके लिए अपने आसपास के लोगों को भी अवेयर करें। प्लास्टिक बैग प्रदूषण का बड़ा कारण बनता जा रहा है और पशु इसे खाकर मर रहे हैं। जबकि सीवर चोक होने की सबसे बड़ी वजह प्लास्टिक कैरी बैग ही है।