- फर्जी मेट्रीमोनियल बेवसाइट के जरिए कई लोगों को लगाया लाखों का चूना

-रिश्ते तलाशने के नाम पर विज्ञापन लेकर वसूलते से पांच से दस हजार रुपये, तीन गिरफ्तार

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इंटरनेट के जरिए शादी कराने का वादा कर लोगों को ठगने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश पुलिस संग क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को किया। झारखंड के रहने वाले शातिरों ने फर्जी तरीके से मेट्रीमोनियल साइट का संचालन कर दर्जनों लोगों से लाखों रुपये ऐंठ लिये। एसएसपी आरके भारद्वाज ने गिरफ्तार इन तीनों को मीडिया के सामने पेश किया।

कुछ इस तरह होता था खेल

एसएसपी ने बताया कि कई दिनों से मेट्रीमोनियल साइट के जरिए रुपये ऐंठने की शिकायत मिल रही थी। इस पर जांच के लिए क्राइम ब्रांच को लगाया गया था। इस दौरान पता चला कि ऑनलाइन मेट्रीमोनियल साइट मैच प्वाइंट, बेस्ट पार्टनर, मेट्ीमोनी डॉट कॉम व हमसफर मेट्ीमोनी डॉटकॉम के नाम से ऑनलाइन शादी के प्रपोजल के लिए विज्ञापन जारी किये जाते थे। लोगों को फोन करके बताया जाता था कि आप अपने लड़के अथवा लड़की जिसकी शादी होनी है, की सारी डिटेल के साथ हमारे बेवसाइट पर अपलोड कर दें। आपकी डिमांड के हिसाब से रिश्ता मिल जायेगा तो आपको फोन नम्बर व अन्य विवरण दिया जाएगा। आप लोग आपस में वार्ता कर शादी तय कर लेना। बेवसाइट पर डाटा अपलोड करने के नाम पर पांच हजार रुपए फीस के रूप में लिए जाते थे। जब किसी की ओर से फीस इनके एकाउंट में भेज दिया जाता था तो इनकी ओर से अपने ही कर्मचारियों का नम्बर आवेदकों को प्रदान किया जाता था। कार्यालय में कॉल करने के लिए रखे गये वर्कर्स की ओर से जिस जाति का ग्राहक होता था उसको अपना नाम फर्जी तथा उसी की जाति का होना बताया जाता था जिससे ग्राहक को जल्द विश्वास हो जाता था और वह एकाउंट में पैसा डाल देता था। इस प्रॉसेस के बाद उनको शादी के नाम पर फर्जी एडिट की गयी फोटो व मोबाइल नम्बर भी दिया जाता था। फोटो व नम्बर देने के बाद उनका फोन रिसीव नहीं किया जाता था एवं बार-बार फोन करने पर उनके साथ गाली गलौज भी किया जाता था।

कुछ रुपये देकर चला रहे थे गैंग

पुलिस ने बताया कि जालसाज अपना ये पूरा धंधा कुछ रुपये महीने की सेलरी देकर चला रहे थे। ये लोग बेरोजगारों का भी गलत इस्तेमाल कर उनको क्रिमिनल बनाने में लगे थे। जालसाजों ने कबूल किया कि पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए हम लोगों ने ऑफिस में कार्य करने वाले कर्मियों को भ्रमित कर उनसे उनकी मूल आईडी प्राप्त कर उन्हीं के नाम से फर्म रजिस्टर्ड कराया तथा बैंकों में एकाउंट आदि खोले गये। खाता आपरेट खुद करते थे और बैंकों में लेनदेन के हिसाब से एसएमएस एलर्ट के लिए अपना मोबाइल बैंक में अपडेट कराया था ताकि रुपयों के लेनदेन की जानकारी इनको होती रहे। पुलिस के मुताबिक ये लोग पूरे देश में 50 से ज्यादा इस तरह का गैंग संचालित कर रहे हैं।

झारखंड था हेडक्वार्टंर

एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में हिमांशु पाठक मानगो जमशेदपुर (झारखंड), रामचन्द्र चौरसिया चक्रधरपुर पश्चिम सिंहभूमि (झारखण्ड) तथा टंकेश्वर प्रसाद सारागांव जांजगीर चापा (छत्तीसगढ़) के निवासी हैं। इनके पास से 20 हजार रुपये कैश के अलावा तीन लैपटॉप, पांच मोबाइल और सीपीयू मिला है