--ISI की शह पर बाजार में उतारी गई नकली नोटों की खेप

--RBI ने 2005 के पहले छपे नोटों को लेकर किया आगाह

VARANASI (Oct 29)

त्योहारी मौसम में लोग शगुन के लिए खरीदारी कर रहे हैं। वहीं इस खुशनुमा माहौल को बदरंग करने के लिए नकली नोटों की खेप बाजार में उतार दी गई है। इसको देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी एडवाइजरी जारी की है कि बाजार में भ्00 या क्000 के नोटों का ट्रांजेक्शन करते समय सावधान रहें। जरा सी लापरवाही से बाजार में सर्कुलेट हो रहा जाली नोट आपकी जेब में पहुंच सकता है। यह जाली नोट न केवल आपको फाइनेंशियल लॉस पहुंचाएगा बल्कि कानूनी पेचीदीगियों में भी फंसा सकता है। बीते साल इसी समय एटीएस वाराणसी ने चौबेपुर थाना क्षेत्र के कादीपुर इलाके में छापा मारकर ख्ब् लाख के नकली नोट बरामद किए थे। आरबीआई की एडवाइजरी के बाद शहर के सभी बैंक अलर्ट हो गए हैं अपने कस्टमर्स को अवेयर भी कर रहे हैं।

क्या है असली की पहचान

आम आदमी के लिए असली और नकली नोटों की पहचान करना मुश्किल होता है, लेकिन अगर ध्यान से देखा जाए तो इनमें फर्क को आसानी से पहचाना जा सकता है।

- असली करेंसी नोटों पर बाई तरफ महात्मा गांधी का हल्का शेडेड वॉटर मार्क होता है।

- सिक्योरिटी थ्रेड पर भारत और आरबीआई लिखा होता है। ध्यान रहे कि भ् से भ्0 रुपये के नोटों के तार पर केवल भारत छपा होता है।

- भ्00 व क्000 रुपये के नोटों की कीमत रंग बदलने वाली इंक यानि ऑप्टिकल वैरिएबल इंक से लिखी होती है।

- नोट पर बाई तरफ गोल, तिकोना, आयताकार उभरा हुआ चिन्ह बना होता है जो ब्लाइंड लोगों के लिए पहचान चिह्न का काम करता है।

- यह चिन्ह ख्0 रुपये के नोट पर वर्टिकल रेक्टेंगल, भ्0 रुपए के नोट पर चकोर, क्00 रुपये के नोट पर ट्राइएंगल, भ्00 रुपये के नोट पर गोल और क्000 रुपये के नोट पर डायमंड शेप में होता है।

ख्00भ् से पहले की सीरीज से रहें सावधान

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, वाराणसी डिवीजन के एजीएम जोगेंद्र सिंह ने बताया कि ख्00भ् से पहले छपी करेंसी नोटों में सिक्योरिटी फीचर कम थे, जिसके कारण नकली नोट बनाने वाले ख्00भ् के पहले की सीरीज की ही नकल करते हैं। आरबीआई ने ऐसे नोटों को सर्कुलेशन से हटाने का फैसला किया है। इससे दो फायदा है एक तो नकली नोटों का खतरा कम होगा और दूसरा ब्लैक मनी कम होगी।