वाराणसी (ब्यूरो)काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भारत कला भवन से लगभग एक दशक पहले चोरी हुए 11 मुगलकालीन चांदी के सिक्कों में से आठ सिक्कों का आज तक सुराग नहीं लगा हैइसके बावजूद फाइल बंद होने पर सवाल उठने लगे हैैंसूत्रों के अनुसार, कला भवन से गायब हुए सिक्कों की कीमत करोड़ों में हैबता दें कि 22 मई 2012 को बीएचयू के भारत कला भवन से मुगलकालीन चांदी के 11 सिक्के चोरी होने पर हड़कंप मच गया थापुलिस ने मुद्रा वीथिका के इंचार्ज की तहरीर पर चोरी का मुकदमा लिखा थाहालांकि, पुलिस की सख्ती पर कुछ देर बाद ही भवन के पश्चिमी द्वार से तीन सिक्के बरामद हो गए थेबताया जाता है कि बीएचयू प्रशासन ने भी अब इस मामले में दिलचस्पी लेना बंद कर दिया है और इस मामले में कला भवन के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को लापरवाही नहीं बरतने की हिदायत दे दी गई.

पुलिस के हाथ अब तक खाली

इस मामले में पुलिस ने जहां भवन में कार्यरत कर्मचारियों के फिंगर प्रिंट लिए थे, वहीं घटना वाले दिन म्यूजियम में आने वाले विजिटरों की सूची भी मंगाई थीतीन चौकीदारों की भूमिका संदिग्ध मानकर उनसे भी पूछताछ की गई थी, फिर भी निष्कर्ष नहीं निकलाहैरानी की बात यह है कि मामले को एक दशक से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं.

सभी साधे हैं चुप्पी

चोरी की इस बड़ी वारदात पर इस समय कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैंइस मामले में क्या हुआ? सिक्के मिले की नहीं? किसी की गिरफ्तारी की गई या नहीं? किसने वारदात को अंजाम दिया था? ऐसे ही कई सवालों का जवाब देने में लंका पुलिस और भारत कला भवन के अधिकारी बचते नजर आ रहे हैंसवाल पूछने पर सब चुप्पी साध लेते है.

स्क्रू खोलकर उड़ा दिए थे सिक्के

भारत कला भवन में प्राचीन सिक्कों को शोकेस के अंदर स्क्रू से कसा गया थाशोकेस भी बंद थाचोर ने पूरी फुर्सत से शोकेस को खोला और अंदर स्क्रू से कसे गए सिक्कों को खोल कर चुरा लियासूत्रों की मानें तो इतनी फुर्सत के साथ चोरी अंदर का ही कोई शख्स कर सकता है.

यह मामला बहुत ही पुराना है, लेकिन यह गंभीर विषय हैअगर अब तक सिक्के बरामद नहीं हुए हैं तो इसके पीछे का कारण जल्द ही पता लगाऊंगा.

बृजेश कुमार सिंह, एसएचओ, लंका

यह मामला बहुत पुराना हैअब तो यह किसी को याद भी नहीं होगाफाइल बंद हो गई हैयह जरूर है कि प्रशासन की ओर से विभाग में सभी को आगे से इस प्रकार की घटना न घटे, हिदायत दी गई थी.

जसमिंदर कौर, एचओडी, भारतीय कला भवन