-झूठ बोलकर डोमरी में आयोजित समागम में लाखों की भीड़ जुटाने के मामले में पुलिस ने पांच नामजद समेत प्रबंधकों के खिलाफ दर्ज की FIR

-पंकज बाबा का नाम ही गायब, कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस ने पार कराया बनारस बॉर्डर

VARANASI

रामनगर डोमरी में जयगुरुदेव के हुए समागम के दौरान जुटी लाखों की भीड़ के बीच मची भगदड़ में 25 लोगों की जान जाने के बाद जांच में जुटा प्रशासन सोमवार को आयोजकों के खिलाफ भी सख्त हो गया। शासन के निर्देश का झूठा हवाला देकर कार्यक्रम की परमिशन लिए जाने के मामले में एसओ रामनगर की तहरीर पर पांच नामजद आयोजकों समेत प्रबंधकों के खिलाफ तो केस दर्ज कर लिया गया है लेकिन पूरे कार्यक्रम के मुख्य आयोजक जयगुरुदेव के कर्ताधर्ता पंकज बाबा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसा क्यों हुआ इस बारे में कोई अधिकारी बोलने से बच रहा है पर चर्चा रही कि सत्ता के दबाव में पूरे घटनाक्रम के बाद भी बाबा का नाम एफआईआर से हटा दिया गया। यही नहीं बाबा की हनक के आगे प्रशासन इस कदर झुका कि उनके साथ मौजूद दर्जनों लग्जरी गाडि़यों के काफिले को बनारस की सीमा पार कराने के लिए पुलिस की स्पेशल टीम साथ गई।

420 का भी case

शनिवार को भगदड़ की हुई घटना के बाद पुलिस ने पूरी गलती आयोजकों की बताई थी। डीएम का भी कहना था कि आयोजकों ने झूठ बोला और तीन से चार हजार लोगों की जुटान की बात कहकर लाखों की भीड़ जुटा ली। जिसका खामियाजा ख्भ् लोगों को अपनी जान देकर भुगतना पड़ा। उस वक्त डीएम ने ये भी साफ कर दिया था कि आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई होगी। जिसके बाद सोमवार की सुबह रामनगर एसओ मूलचंद चौरसिया की तहरीर पर पुलिस ने समागम के लिए परमिशन लेने वाले बेचू प्रसाद, बाबू राय, चरण सिंह, अवधेश व यशवंत प्रसाद चौरसिया समेत प्रबंधकों के खिलाफ फर्जीवाड़े की धारा ब्ख्0, क्77, क्ब्9, क्ब्फ्, क्88 और फ्0ब् के तहत केस दर्ज किया है। हालांकि इनमें से किसी की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है।

बाबा को मिला पुलिस का साथ

भले पुलिस ने पांच नामजद समेत प्रबंधकों पर एफआईआर दर्ज की हो लेकिन कार्यक्रम के कर्ताधर्ता और जयगुरुदेव आश्रम के सर्वेसर्वा पंकज महराज के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बल्कि सोमवार की सुबह उनको बनारस से बाहर निकालने के लिए लग्जरी गाडि़यों के काफिले संग पुलिस की गाड़ी भी लगी और उनको भदोही सीमा तक छोड़कर वापस लौटी।