हाल-ए-बाढ़ राहत शिविर

-जिले में बनाए गये राहत शिविरों में दु‌र्व्यवस्थाओं की बाढ़

-शरण लिए पीडि़तों को समय पर नहीं मिल रहा भोजन

-पीने योग्य साफ पानी की भी सता रही कमी, बिजली न होने की समस्या से भी परेशान

VARANASI

बाढ़ में बेघर हो चुके पीडि़तों के लिए डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से जिले में 14 बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं। लेकिन इन राहत शिविरों में व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हो रही हैं। एक तरह से कहा जाए तो यहां दु‌र्व्यवस्थाओं की बाढ़ है। बाढ़ के चलते अपना घर बार छोड़कर यहां शरण लिए पीडि़तों में से किसी को सही समय पर भोजन नहीं मिल पा रहा है तो किसी को पीने योग्य साफ पानी की कमी सता रही है। यही नहीं मोबाइल चार्ज करने तक की व्यवस्था नदारद है। सोमवार को राहत शिविरों का जायजा लेने निकली आई नेक्स्ट टीम को हर शिविर में कुछ न कुछ खामियां ही मिलीं।

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Scene-1

अस्सी स्थित गोयनका संस्कृत पीजी कॉलेज कैंपस में बाढ़ राहत शिविर बनाया गया है। यहां लगभग साढ़े तीन सौ लोगों को आश्रय दिया गया है। राहत शिविर की कुल स्ट्रेंथ 350 से 400 के बीच रखी गई है। लेकिन यहां जब भोजन बंटने की बारी आ रही है तो किसी को मिल रहा है तो किसी को नहीं मिल रहा है, इसे लेकर बाढ़ राहत शिविर में जमकर जिच हो रही है। बाढ़ पीडि़त कैंप के कर्मचारियों पर ब्लेम लगा रहे हैं कि यह लोग खाना कम बांट रहे हैं।

Scene-2

वहीं नगवां स्थित एक संस्कृत विद्यालय में लगाये गए राहत शिविर में दो से ढाई सौ बाढ़ पीडि़त शरण लिये हुए हैं। यहां की कुल कैपिसिटी तीन सौ के आसपास है। बाढ़ पीडि़तों का ब्लेम है कि कर्मचारी खाद्यान्न बांटने में हीलाहवाली कर रहे हैं। सुबह में कोहड़ा की सब्जी, पूड़ी और रात में खिचड़ी बंट रही है। ख्0 अगस्त से कैंप लगा है लेकिन बच्चों को आधा लीटर दूध का पैकेट, बे्रड, बिस्किट कभी-कभी ही बांटा जा रहा है।

खाली हो गई है पानी की टंकी

ये दर्द सिर्फ इन शिविरों में शरण लिए बाढ़ पीडि़तों की ही नहीं है। सभी जगह ये हाल है। बाढ़ राहत शिविर में जल निगम की ओर से पानी ट्रैंकर का भी इंतजाम किया गया है लेकिन पानी टैंकर के राहत शिविर में आने के बाद उसके खाली हो जाने पर वापस नहीं लिया जा रहा है। अस्सी स्थित गोयनका में लगे राहत शिविर में पानी का टैंकर रविवार की शाम से ही खाली है लेकिन सोमवार तक इसे बदला नहीं गया। इससे बाढ़ पीडि़तों के समक्ष पानी का संकट आन पड़ा है। पानी नहीं होने के कारण तरह-तरह की समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं।

मोबाइल, पैसा हो रहा चोरी

नगवा के राहत शिविर में शरण लिए लोगों का कहना था कि यहां कुछ ऐसे भी लोग आ गये हैं जिनका घर बार भी नहीं डूबा है, फिर भी शरण लिए हुए हैं। यही लोग किसी का मोबाइल, पैसा और राशन तक गायब कर दे रहे हैं। इस तरह की समस्याएं भी फेस करनी पड़ रही हैं। सरकारी अधिकारी व कर्मचारी सिर्फ रजिस्टर मेंटेन कर रहे हैं। बिजली न होने से लाइट व मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहा है।

संस्थाएं भी बाढ़ में गुम

सामाजिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करने वाली सामाजिक संस्थाएं व एनजीओज भी इस बाढ़ में कहीं दिखाई नहीं दे रही हैं। ये हाल तब है जबकि डीएम ने सामाजिक संगठनों व स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील की है कि वे भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के राहत शिविरों में शरण लिए पीडि़तों के लिए खान-पान, बेडशीट, तख्त, मच्छरदानी आदि एडीएम ऑफिस में अवेलेबल कराएं। संस्थाएं इसके लिए कंट्रोल रूम नंबर 0भ्ब्ख्-ख्भ्0ख्म्म्ख् व नोडल अधिकारी एडीएम सिटी विंध्यवासिनी राय के मोबाइल नंबर 9ब्भ्ब्ब्क्70फ्0 पर संपर्क भी कर सकती हैं।

पानी का टैंकर रविवार की शाम से ही खाली है। कई बार शिकायत के बावजूद अभी तक पानी की व्यवस्था नहीं की गई है। बिना पानी के बहुत परेशानी हो रही है।

दीपक सिंह पटेल, बाढ़ पीडि़त

गोयनका राहत शिविर, अस्सी

भोजन बांटने में हीलाहवाली की जा रही है। किसी को मिलता है तो किसी को वह भी नहीं मिलता। बच्चों को दूध की व्यवस्था भी नहीं है।

दीपावली तिवारी, बाढ़ पीडि़त

गोयनका राहत शिविर, अस्सी

कैंप में मोबाइल चार्ज करने की व्यवस्था नहीं है। खाना कम बनवाया जा रहा है। दोनों टाइम खिचड़ी ही बांटी जा रही है।

अर्पित यादव, बाढ़ पीडि़त

नगवा राहत शिविर

राहत शिविरों में बाढ़ पीडि़तों को हर तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। बच्चों को दूध, ब्रेड, बिस्किट के अलावा पूड़ी सब्जी, खिचड़ी बांटी जा रही है।

विंध्यवासिनी राय

एडीएम सिटी

ये है इंतजाम

-सिटी में बनाए गए हैं क्ब् बाढ़ राहत शिविर

-बाढ़ राहत शिविर में हर व्यवस्था है मुफ्त