-तीन सेमी प्रति घंटा दर्ज हुई गंगा में बढ़ाव की रफ्तार, 24 घंटे में 95 सेमी बढ़ा जलस्तर

-शीतला मंदिर तक पहुंचा पानी, बढ़ाई गई सतर्कता, डर से घाट किनारे के लोग छोड़ने लगे घर-बार

VARANASI

गंगा की बढ़ती रफ्तार से किनारे रहने वालों में दहशत फैल गई है। हालात ये हैं कि घाटों की सीढि़यों से होते हुए गंगा अब आबादी की तरफ बढ़ने लगी है। जिसके कारण यहां के लोग सुरक्षित ठौर की तलाश में जुट गए हैं। बढ़ाव का असर यह है कि दशाश्वमेध और शीतलाघाट पर गंगा आरती स्थल को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा चुका है। और अब गंगा मां शीतला के पैर पखारने के लिए मंदिर में भी प्रवेश कर चुकी है।

लगाई गई पीएसी

गंगा में तेजी से हो रहे बढ़ाव की मुख्य वजह है उत्तराखंड में खोले गए टिहरी समेत एक अन्य बांध। इन बांधों को खोले जाने के कारण वहां से पानी अब यहां गंगा में पहुंचने लगा है। जिसके कारण रविवार की अपेक्षा सोमवार की सुबह गंगा के जलस्तर में बढ़ाव तेजी से होने लगा। केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक रविवार की शाम तक बढ़ाव दो सेमी प्रति घंटा दर्ज किया गया था लेकिन रात होते होते इसमें एक सेमी प्रति घंटा की बढ़ोतरी हो गई और बढ़ाव तीन सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से दर्ज किया गया। केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक रविवार की शाम छह बजे तक गंगा का बनारस में वॉटर लेवल म्7.0फ् मीटर दर्ज किया गया था जो सोमवार शाम छह बजे बढ़कर म्7.98 मीटर दर्ज हुआ। यानि ख्ब् घंटे में 9भ् सेमी बढ़ाव दर्ज किया गया है। तेजी से हो रहे बढ़ाव का असर भी गंगा किनारे दिखने लगा है। कांवरियों की भारी भीड़ को देखते हुए गंगा किनारे पीएसी से लेकर जल पुलिस की भारी भरकम फोर्स भी लगा दी गई है ताकि बहाव के चलते कोई घटना न हो जाये।

कट गया घाटों का सम्पर्क

गंगा में बढ़ाव का असर यह है कि बनारस आने वाले फॉरेनर्स और देशी सैलानी गंगा किनारे घाटों से होते हुए दूसरे घाटों तक नहीं जा पा रहे हैं क्योंकि एक घाट का दूसरे से सम्पर्क टूट गया है। वहीं पंडे अपने घाटों को छोड़कर सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहे हैं। गंगा में बढ़ाव से ढाब क्षेत्र में भी दिक्कतें बढ़ने लगी हैं। कई इलाकों में बिजली गुल होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बढ़ाव तेज होने के बाद प्रशासन ने निगरानी टीम को अलर्ट कर दिया है।

वरुणा में भी उफान

गंगा के साथ वरुणा में भी बढ़ाव काफी तेज हो गया है। सीवर रिवर्स करने के कारण कई घरों में पानी घुसने से लोगों को घरों को छोड़ना पड़ रहा है जबकि वरुणा से सटे निचले इलाकों में भी वरुणा का पानी कई घरों में पहुंच चुका है।