वाराणसी (ब्यूरो)जैसे-जैसे तापमान चढ़ रहा हैवैसे-वैसे आगजनी की घटनाएं बढ़ रही हैंगुरुवार शाम अस्सी घाट पर आरती के दौरान आग लग गईयह देखकर घाट पर मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गईआसपास के दुकानदारों ने सूझबूझ दिखाते हुए आग पर काबू पायाइसी तरह राजातालाब स्टेशन रोड के पास गुरुवार दोपहर शॉर्ट सर्किट से ट्रांसफार्मर में आग लग गईवहीं, जंसा थाना क्षेत्र के हाथी मलिन बस्ती में बुधवार रात साढ़े आठ बजे गैस सिलेंडर में आगे लगने से चार लोग झुलस गएआगजनी की घटनाएं लगातार होती हैंबावजूद इसके लोग फॉल्स कॉल करने से बाज नहीं आते, जिससे कई बार फायर ब्रिगेड का काम प्रभावित होता हैअत: आगजनी जैसे संवेदनशील मामले में फॉल्स कॉल करने से बचना चाहिए

सही घटना नहीं बताते

वाराणसी में लगातार तीन दिन में आगजनी की चार घटनाएं हुईंचारों जगहों पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी नहीं पहुंचीइसकी सच्चाई जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने पड़ताल की तो इन जगहों से फायर ब्रिगेड के मुख्यालय में डायल 101 या 112 पर कोई कॉल नहीं आई थीमौके पर फायर ब्रिगेड की छह गाडिय़ां रेडी टू मूव स्थिति में खड़ी थींफायर फैंटम के पास भी जवान मुस्तैद दिखाहाईड्रोलिक फायर फाइटिंग गाड़ी भी दौडऩे के लिए तैयार थी

19 कॉल फॉल्स निकली

चेतगंज स्थित फायर विभाग के मुख्यालय में डायल 101 या 112 पर पिछले साल 2023 में वाराणसी के विभिन्न जगहों से 664 कॉल आई थींफायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पायाइसमें दालमंडी, नई सड़क, औरंगाबाजद, शिवपुर, जैतपुरा, ठठेरी बाजार समेत 19 जगह ऐसी थीं, जहां टीम पहुंची तो आगजनी की घटना ही नहीं हुई थी.

सिर्फ बड़ी आगजनी की आती कॉल

क्षेत्रफल के हिसाब वाराणसी काफी बड़ा जनपद हैएक छोर से दूसरे छोर यानी बाबतपुर से बछांव तक की दूरी लगभग 50 किमी हैइसी तरह संदहा से कछवां तक की दूरी हैइस लिहाज से वाराणसी में हर दिन आगजनी की घटनाएं होती हैंदैनिक जागरण की पड़ताल में सामने आया कि कार, बाइक और ट्रांसफार्मर, कूड़े समेत अन्य जगहों पर आगजनी की छोटी घटनाएं अक्सर हो रहती हैं, जिसकी सूचना फायर विभाग को नहीं आती हैबड़ी घटना होने पर ही कॉल आती है

तो घट जाएगा रिस्पांस टाइम

फायर विभाग के मुख्यालय में आगजनी की कॉल आते ही मात्र 52 सेकेंड में आग बुझाने वाली टीम गाड़ी में बैठ जाती हैइसके बाद तीस से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी सड़कों पर भर्राटा भरती हैकिसी भी सूचना पर अभी विभाग का रिस्पांस टाइम लगभग 2 मिनट 30 सेकेंड प्रति किलोमीटर है, जो शहर में एंक्रोचमेंट और अन्य मुसीबतों की वजह से चाह कर भी नहीं बढ़ाया जा सकता हैयदि शहर से इन बाधाओं को दूर कर लिया जाता है तो विभाग का रिस्पांस टाइम डेढ़ मिनट प्रति किलोमीटर हो जाएगा.

अतिक्रमण से रिस्पांस टाइम पीछे

सिगरा स्थित अन्नपूर्णा ग्रैंडयोर अपार्टमेंट की चौथी मंजिल पर आठ अप्रैल 2022 को भीषण आग लगी थी। 21 से अधिक लोग ढाई घंटे तक फंसे रहेसूचना के बाद मौके पर पहुंचने में फायर विभाग को आधे घंटे लग गए थेइसके बाद यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर आग लगने के बाद फायर डिपार्टमेंट समय पर पहुंचकर इसको काबू में क्यों नहीं कर पाताजबकि इतने संसाधन हैं कि अग्निशमन विभाग आग लगने की घटनाओं को क्षण भर में काबू में कर सकता हैलेकिन शहर में अतिक्रमण की वजह से अग्निशमन विभाग का रिस्पांस टाइम पीछे हो जाता है.

फैक्ट एंड फीगर

- 22 बड़ी गाडिय़ां हैं

- 6 फायर फैंटम

- 1 हाईड्रोलिक गाड़ी

- 24 मंजिल तक पहुंच सकती है हाईड्रोलिक गाड़ी

- 2 आगजनी की घटनाएं औसतन रोज होती हैं

- चेतगंज मुख्यालय, पिंडरा तहसील, रोहनिया थाना, भेलपूर थाना, विश्वनाथ धाम में 24 घंटे फायर टीम और गाडिय़ां मुस्तैद रहती हैं

वाराणसी में पर्याप्त संसाधन और टीम हैआगजनी की सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग तत्काल मौके पर पहुंचने का प्रयास करती हैट्रैफिक साफ रहती तो डिस्टेंस के हिसाब गाड़ी पहुंच जाती है, लेकिन जाम की स्थिति में थोड़ी देर हो जाती हैसोसाइटी से लेकर होटल और अपार्टमेंट में समय-समय फायर फाइटिंग सिस्टम भी चेक किया जाता है.

आनंद सिंह राजपूत, सीएफओ