-कचहरी में चल रहा था काम, नकली गाड़ी के कागजात से लेकर फेक मार्कशीट और अन्य कागजात बनाने का हो रहा था काम

- वकील के बेटे समेत तीन गिरफ्तार, मुख्य आरोपी फरार

1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ

रोहनिया पुलिस ने रविवार को फर्जी दस्तावेज का धंधा करने वाले एक बड़े गैंग को पकड़ा है। इस गैंग में शामिल एक वकील के बेटे समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि गिरोह का मुखिया फरार हो गया है। पुलिस ने इनके पास से कई विभागों की फर्जी मुहरें, चोरी की एक बाइक, नौ वाहनों के मूल रजिस्ट्रेशन फॉर्म, आठ वोटर आईडी कार्ड, 200 यूपी बोर्ड के अंकपत्र और प्रमाण पत्र, 150 यूपी बोर्ड के इंटर और हाईस्कूल के अंकपत्र, 50 अलग-अलग यूनिवर्सिटी की डिग्री और अंकपत्र, 10 टीजीटी के अंकपत्र खाली और छपे दोनों बरामद किए हैं।

डिक्की से हुई बरामदगी

रोहनिया थाने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एसपीआरए डॉ। सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि शनिवार को मोहनसराय में वाहन चेकिंग के दौरान एक युवक पुलिस को देखकर भागने लगा। दौड़ाकर पुलिस ने उसे पकड़ा व तलाशी ली तो बाइक की डिक्की से कई शिक्षण संस्थाओं की मार्कशीट मिली। गाजीपुर केरामपुर केरहने वाले रवि सिंह ने कड़ाई से पूछताछ करने पर सारा सच उगल दिया। उसने बताया कि कैंट थाना क्षेत्र के शिवनगर कॉलोनी में किराये के मकान में रहकर फर्जी दस्तावेज तैयार करता था।

निशानदेही पर हुई गिरफ्तारी

पुलिस ने रवि की निशानदेही पर एक वकील के बेटे संतोष त्रिवेदी निवासी सिकरौल, कैंट और चेतगंज के संदीप मिश्र को गिरफ्तार कर लिया। जगतपुर से एलएलबी की डिग्री हासिल करने वाले वकील के बेटे संतोष की दुकान पर पुलिस ने छापा मारा तो चंदौली पॉलिटेक्निक कॉलेज के दस अंकपत्र, क्षेत्रीय सचिवालय व माध्यमिक शिक्षा के भी ढेरों फर्जी दस्तावेज व कुछ लिफाफे बंद कागजात मिले जिस पर गोपनीय लिखा था।

जरूरतमंदों से करते थे सौदा

पूछताछ में जौनपुर के मूल निवासी संतोष ने बताया ने उसके साथी संदीप की भी कचहरी में मुहर की दुकान है। आरटीओ में दलाली करने वाले संतोष ने पुलिस को बताया कि जिन लोगों के पास दस्तावेज नहीं होते थे उन्हें ऊंची कीमतों पर फर्जी अंकपत्र तैयार करके देते थे। उनके गिरोह की ओर से तैयार किए गए फर्जी दस्तावेज के आधार पर कई लोग नौकरी पर हैं। कइयों ने अपने ड्राइविंग लाइसेंस बनवा रखे हैं। पूछताछ में आरोपियों ने गिरोह के मुखिया का नाम राजेश बताया जो पांडेयपुर इलाके में रहता है। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर छापा मारा लेकिन राजेश फरार हो चुका था। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।

-----------

अंदर के लिए खबर

ओएलएक्स पर चोरियों की गाड़ी का भी करा देते थे सौदा

- पकड़े गए गैंग ने किया खुलासा, चोरी की गाडि़यों की ऑनलाइन ब्रिकी के लिए तैयार करा देते थे कागजात

- नौकरी से लेकर जमानत के लिए होता था फर्जी कागजातों का इस्तेमाल

1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ

पुलिस के हत्थे रविवार को जो फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाला गिरोह चढ़ा है उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने ऑनलाइन सेकेंड हैंड गाडि़यां या अन्य चीजें सेल करने वाली साइट्स पर भी निगरानी बढ़ा दी है। क्योंकि पकड़े गए शातिरों ने बताया है कि वे उनका गैंग चोरी की मोटर साइकिलों को ओएलएक्स और क्विकर जैसी साइट्स पर सेल करने वाले बाइक चोरों के गैंग की भी मदद करता था। गाडि़यों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसकी ब्रिकी इनके जरिए होती थी और मोटी रकम इनको मिलती थी। इसके अलावा इनके तैयार फर्जी दस्तावेज जमानत कराने, नौकरी दिलाने और कई अन्य कामों के लिए भी इस्तेमाल किए जाते थे।

युवक ने बताया था एसओ को

इस बारे में रोहनिया एसओ शिवानंद मिश्र ने बताया उनको एक युवक ने थाने पर बताया कि ओएलएक्स पर एक बाइक उसे पसंद आई है। सेलर से बात की तो कागज निकलवाने के नाम पर उसने वक्त मांगा। इसलिए उसे डाउट है कि गाड़ी चोरी की न हो। युवक ने पुलिस को ये भी बताया कि बाइक बेचने वाले से उसकी मुलाकात हाईवे पर होनी है। इस पर पुलिस ने वहां चेकिंग शुरू की और युवक के आते ही थाने पहुंचे व्यक्ति की निशानदेही पर उसे पकड़ लिया। एसओ ने बताया कि ये गैंग कई अपराधियों की फर्जी जमानत कराने का भी काम कर चुका है। इसलिए ऐसे फर्जी जमानतदारों की भी तलाश की जा रही है जो इनके नकली दस्तावेजों के बल बाहर निकले हैं।

आई नेक्स्ट कर चुका है खुलासा

आई नेक्स्ट कचहरी परिसर में डीएम, एसएसपी की नाक के नीचे चल रहे फर्जी कागजात के इस गोरखधंधे का खुलासा दो बार चुका है। आई नेक्स्ट ने स्टिंग के जरिए ये आगाह भी किया है कि किस तरह कचहरी कैंपस में कई जगहों पर बन रहे फर्जी दस्तावेजों को इस्तेमाल आतंकी फर्जी सिम खरीदने व कई दूसरी चीजें करने के लिए कर सकते हैं। हालांकि पुलिस ने एक गैंग तो पकड़ा है लेकिन अभी भी कई दूसरे गैंग कचहरी में इस काम को कर पुलिस प्रशासन और सुरक्षा तीनों को झटका दे रहे हैं।