-नोट बंदी के बाद ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन कर रहे गाडि़यों के खिलाफ अभियान जारी

-चालान के बाद जुर्माने में छोटे नोट न देने पर गाड़ी हो जा रही है सीज, पब्लिक की बढ़ी परेशान

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500 और 1000 के नोटों की बंदी के बाद हर विभाग भले ही खूब रेवेन्यू कमा रहा हो लेकिन ट्रैफिक पुलिस ठाले में थी। यही वजह है कि ठाले को दूर करने के लिए उसने सिटी में ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन कर रही गाडि़यों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। इस दौरान हर चौराहे पर चालान कर वसूली जारी है लेकिन चालान के बाद जुर्माने में पुराने व बंद हो चुके नोटों को नहीं, चलन में रहने वाले नोटों को ही लिया जा रहा है। इस कारण जिन गाडि़यों का चालान किया जा रहा है उनके ओनर तो परेशान हो ही रहे हैं। गाडि़यों का चालान होने से पब्लिक की परेशानी भी बढ़ गई है। उसे साधन मिलना मुश्किल हो रहा है।

ट्रैफिक मंथ गया सन्नाटे में

दरअसल एक नवंबर से शुरू हुए ट्रैफिक मंथ के आठ दिन यानि आठ नवंबर तक ट्रैफिक पुलिस ने पांच लाख रुपये से ज्यादा का रेवेन्यू चालान से कमा लिया था लेकिन जैसे ही नोटबंदी हुई वैसे ही ट्रैफिक पुलिस का चालान भी बंद हो गया क्योंकि चालान के दौरान पकड़े जाने पर हर कोई 500 और 1000 के नोट ही देने लगा। जिसके चलते ट्रैफिक पुलिस को भारी नुकसान होने लगा। चूंकि चालान में सरकार ने पुराने नोटों को लेने का कोई आदेश नहीं दिया है। इसलिए ट्रैफिक पुलिस ने इस दिशा में कोई प्रयास न करते हुए चालान ही बंद कर दिया था लेकिन अब जब ट्रैफिक मंथ के कुछ दिन ही बचे हैं तो ट्रैफिक पुलिस कुछ रेवेन्यू कमाने में जुट गई है और चालान फिर से शुरू हो गया है लेकिन शर्त ये है कि ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन करने पर जिन गाडि़यों का चालान किया जा रहा है जुर्माने में फुटकर पैसे व चलन वाले नोट न देने पर उन गाडि़यों को सीज कर पुलिस लाइन भेज दिया जा रहा है। जिसके कारण पब्लिक को भी बीच रोड में मुसीबत झेलनी पड़ रही है। इस बारे में टीआई का कहना है कि चालान बंद हुआ ही नहीं है और अभी भी चालान की कार्रवाईजारी है। फुटकर पैसा देने वालों को चालान रसीद देकर वहीं गाड़ी को छोड़ दिया जा रहा हैं और न देने वालों के लिए गाड़ी व उसके कागजात या फिर डीएल जब्त करने की कार्रवाई हो रही है ताकि ट्रैफिक रूल्स को लेकर लोग अवेयर रहें।