-गंगा घाटों के कूड़े कचरे उस पर फेंके जा रहे है रेत पर, नाक पर रुमाल रखकर घूम रहे सैलानी

-मेयर ने राजघाट पुल के पार कराने का किया था वादा लेकिन गए भूल

VARANASI: बनारस में गंगा घाटों का अपना एक अलग ही महत्व है। यहां से गंगा की लहरों को निहारना अपने आप में रोमांचित करता है। यही वजह है कि देश विदेश से सैलानियों का जत्था बनारस घूमने के लिए आता है तो घाटों की सैर किए बिना वापस नहीं जाता। वीवीआईपीज तक की पहली पसंद घाट पर गंगा आरती देखना होता है। घाटों की सुंदरता में चार चांद लगाने के लिए पीएम मोदी ने घाट पर फावड़ा चलाकर घाटों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए काशी वासियों से अपील भी की थी। नगर निगम को इसके लिए खास तौर पर निर्देशित किया था। पीएम के इस फरमान के बाद घाटों पर थोड़ी बहुत सुंदरता दिखने भी लगी। घाटों को चमकाया जाने लगा लेकिन कूड़े कचरे को गंगा पार रेत पर डंप किया जा रहा है। जबकि राजघाट पुल के आगे कूड़ा गिराने का नगर निगम का वादा था। रेत पर कूड़े की दुर्गध टूरिस्ट्स के लिए मुसीबत बन गई है।

रेत पर मेले जैसा दृश्य

बहुत से टूरिस्ट्स गंगा घाटों की सैर करने के बाद उस पार का भी नजारा लेने के लिए पहुंचते हैं। इस टाइम गंगा में पानी कम होने के चलते रेत पर मेले जैसा दृश्य देखने को मिल रहा है। ललिता घाट के ठीक सामने से लेकर अस्सी घाट के पार रेता पर सैलानियों की जबरदस्त भीड़ हो रही है। टूरिस्ट्स यहां रेत पर एंजॉय तो कर रहे हैं लेकिन उन्हें नाक पर रुमाल भी रखना पड़ रहा है। जगह-जगह फेंके गए कूड़े-कचरे उन्हें ऐसा करने के लिए विवश कर रहे हैं। घाटों पर जितनी भी गंदगी निकल रही है उसे उस पर रेत पर ही ले जाकर फेंक दिया जा रहा है।

नाविक दर्ज करा चुके हैं विरोध

घाट किनारे रहने वाले नाविक रेत पर कूड़ा गिराए जाने का विरोध भी नगर निगम से दर्ज करा चुके हैं। लगभग डेढ़ माह पहले मेयर से मिलकर रेत पर गिराए जा रहे कूड़े का निस्तारण कहीं और करने की मांग भी किए थे। नाविकों के मुताबिक मेयर ने घाट से निकलने वाले कूड़ा-कचरे को एक माह बाद राजघाट पुल के पार कराने का वादा किया था लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।

माघ स्नान के लिए होगी भीड़

खिचड़ी पर गंगा में डुबकी लगाने के लिए घाटों सहित रेत पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ता है। देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का जत्था बनारस में पहुंचता है। ताकि गंगा में डुबकी लगाकर कुछ पुण्य कमा सके। लेकिन रेत पर हो रही गंदगी से इस बार श्रद्धालुओं की राह आसान नहीं होगी। यदि रेत पर सफाई नहीं कराई गई तो श्रद्धालुओं को स्नान में परेशानियां भी होंगी।

सात समंदर पार से आते हैं रेत पर

सात समंदर पार से टूरिस्ट्स का जत्था गंगा की लहरों को निहारने के लिए काशी नगरी में आता रहता है। स्टीमर व नाव पर सवार होकर गंगा की खूबसूरती को अपने कैमरे में कैद करने से रोक नहीं पाते। रेत पर भी फॉरेनर्स बहुत ज्यादा टाइम एक्सपेंड करते हैं। लेकिन इधर कुछ दिनों से रेत पर गंदगी देख वे घाट का रुख कर ले रहे हैं।

जिस तरह घाटों को चमकाया जा रहा है उसी तरह रेत पर भी सफाई होनी चाहिए। एक ओर सफाई दूसरी ओर गंदगी नहीं होनी चाहिए।

ऋषभ सिंह

टूरिस्ट

रेत पर फेंके जा रहे कूड़े कचरे से टूरिस्ट्स को प्रॉब्लम हो रही है। मेयर से इसकी कम्प्लेन भी की गई लेकिन अभी तक नतीजा कुछ नहीं निकला।

बाबू साहनी

राजेंद्र प्रसाद घाट