वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में इन दिनों गंगा भरी हुई बह रही हैघाट किनारे पानी अधिक होने के साथ बहाव भी तेज हैगहराई और बहाव के फोर्स का अंदाजा नहीं होने से कई बार गंगा में स्नान करते समय स्नानार्थी धोखा खा जाते हैैंपिछले दो माह में गंगा में बाढ़ के दौरान रोज लगभग दो लोगों के डूबने की घटनाएं सामने आई हैंहादसे के दौरान जिन पर गोताखोर और स्थानीय लोगों की नजर पड़ जाती है, उनकी जान बच जाती है, अन्यथा की स्थिति में शव ही गंगा से बाहर आता हैहाल के दिनों में गंगा में डूबने से तीन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैशहर के तुलसी घाट, दशाश्वमेध घाट, सिंधिया घाट, प्रयाग घाट, गंगा महल घाट, मान मंदिर घाट और अस्सी घाट डेंजर प्वाइंट बने हुए हैंयहां अनजान लोगों को अकेले स्नान करने से बचना चाहिए

केस-1

दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के सिंधिया घाट पर गंगा में आठ नवंबर 2022 को बंगलुरू निवासी 55 वर्षीय चक्रपाणि की डूबने से मौत हो गईसुबह करीब 11 बजे स्नान के बाद उन्हें विश्वनाथ धाम में दर्शन पूजन के लिए जाना थास्नान के दौरान ही सीढिय़ों के पास फिसल कर वह गंगा में डूब गएस्थानीय गोताखोरों की मदद से जल पुलिस ने शव निकलवाया.

केस-2

बभनपुरा के पास गंगा नदी में नहाने के दौरान आठ नवंबर को ही दो लड़कियां डूब गईंदूसरे दिन नौ नवंबर को उनकी लाश गंगा से बाहर निकली गईइसमें एक कक्षा 6 व दूसरी कक्षा 11 की छात्रा थीनदी में डूबने से मौत होने की ये घटनाएं आए दिन बनारस के घाटों पर सामने आती हैंलेकिन लगातार घटनाओं के बाद भी प्रशासन की ओर से सुरक्षा के उपाय नहीं किए जा रहे हैं

घाट पर इंतजाम नाकाफी

प्रति माह लाखों की तादाद में सैलानी और पर्यटक बनारस घुमने आते हैैंइस दौरान ये गंगा में स्नान भी करते हैंघाटों पर चेन बैरिकेटिंग, पयाप्र्त संख्या में चेतावनी बोर्ड, बहुभाषी चेतावनी बोर्ड, गोताखोरों की नियुक्ति और पेट्रोलिंग के अभाव में अक्सर सैलानियों के डूबने की घटनाएं सामने आती हैं.

नवंबर में ऐसा पहली बार

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार को गंगा का जलस्तर 62 मीटर पर बना हुआ थाराजघाट के गोताखोर बहादुर मांझी बताते हैैं कि यह पहली दफा है, जब नवंबर तक गंगा का पानी घाटों की तकरीबन एक दर्जन सीढिय़ों को डुबोए हुए हैधारा में बहाव भी तेज हैपानी अधिक होने से पक्के घाटों के किनारों पर भंवर बनते हैैंगंगा नदी का ड्रेनेज सिस्टम घाटों किनारे अद्र्ध चंद्राकार हैइससे गंगा की धारा करीब एक दर्जन घाटों से सीधे टकराती हैस्नान के लिए गंगा में उतरे सैलानियों को धारा का यह खेल मालूम नहीं होता है और वे भंवर व धारा में उलझ कर अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठते हैैं

स्नान के दौरान बरतें सावधानी

- पानी में उतरने से पहले गहराई की जानकारी ले लें.

- अकेले हों तो अच्छा यही कि स्नान करने के लिए पानी में न उतरें.

- सुनसान घाट पर स्नान से बचें.

- घाट के पास जलस्तर और नोटिस बोर्ड पर नजर रखें

- स्मार्टफोन में वाटरलेवल की अपडेट प्राप्त कर लें.

- आपात स्थिति में घाटों के किनारे के नाविकों, लोगों और जल पुलिस को सूचित करें

गंगा में इन दिनों पानी अधिक हैगंगा में स्नान करने वाले सैलानियों को नाविक अपने स्तर से जागरूक करते हैैंप्रशासन व जल पुलिस घाटों की मानिटरिंग बढ़ाएसाथ ही डेंजर घाटों पर नोटिस बोर्ड और कर्मचारी तैनात करे, ताकि हादसों से लोगों को बचाया जा सके

प्रमोद मांझी, अध्यक्ष, नाविक संघ

गंगा घाटों पर सैलानियों और पब्लिक की सुरक्षा के लिए जल पुलिस एक्टिव हैगंगा में लोग गहरे पानी में नहीं उतरेंसंबंधित थाने की पुलिस समय-समय पर गश्त करती रहती हैकई घाटों पर पुलिस प्रशासन द्वारा नोटिस बोर्ड लगाए गए हैैं

आरएस गौतम, डीसीपी काशी