- भारत रत्‍‌न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की चोरी गई चांदी की तीन शहनाईयों को पोते नजरे आलम ने ही चुराया था

- सर्राफा को बेच दी थी सभी शहनाइयां, एसटीएफ ने पोते सहित सर्राफा कारोबारी पिता पुत्र को पकड़ा

- लकड़ी की एक शहनाई और एक किलो 66 ग्राम चांदी व मोबाइल फोन बरामद

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भारत रत्‍‌न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की चोरी गई चार शहनाइयों को किसी और ने नहीं बल्कि उनके ही पोते ने चुराया था.मामले का मंगलवार को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने खुलासा करने का दावा किया। टीम ने उस्ताद के पोते समेत उन दो सर्राफा कारोबारी बाप शंकर लाल सेठ और पुत्र सुजीत कुमार सेठ को भी पकड़ा है जिनके यहां नजरे आलम उर्फ शादाब ने दादा की चांदी की कीमती शहनाइयों को बेचा था।

शहनाई की चांदी को दिया गला

शादाब के पिता काजिम ने पांच दिसंबर को चौक थाने में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हालांकि इस गुडवर्क के बाद भी उस्ताद की बेशकीमती चांदी की शहनाइयों को मामूली आभूषण की तरह गला दिया गया और शहनाईयां बरामद नहीं हुई। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक लकड़ी की शहनाई, एक किलो 66 ग्राम चांदी की बटिया, बिक्री के 4200 रुपये व एक मोबाइल फोन बरामद किया है।

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चुकाने को उधार चुराई थी दादा की विरासत

- कई लोगों ने नजरे आलम ने उधार ले रखे थे रुपये, रोज रोज के तकादे से परेशान होकर शहनाई को चुराने का किया फैसला

- पुलिस को शक होने के बाद असम भागने की फिराक में था आरोपी

उस्ताद के बेशकीमती शहनाईयों को चुराने के पीछे आरोपी पोते ने बड़ी वजह बताई है कर्ज में दबे होना। आरोपी नजरे आलम के मुताबिक उसने कईयों से रुपये उधार लिए थे और इनको चुकाने के लिए उसने शहनाई चुराकर बेची थी। उसको जब ये एहसास हुआ कि वो शक के दायरे में है तो वो असम भागने की तैयारी में था लेकिन पकड़ा गया।

लगाई गई थी एसटीएफ

उस्ताद के सबसे छोटे बेटे काजिम हुसैन के चौक थानांतर्गत चाहमामा स्थित मकान से दिसंबर के पहले सप्ताह में तीन चांदी की व एक लकड़ी की शहनाई चोरी हो गई थी। चोरी का मामला सुर्खियों में था। जिसके कारण स्थानीय पुलिस के अलावा एसटीएफ को भी जांच में लगाया था। एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक के निर्देश व स्थानीय इकाई के एएसपी ज्ञानेंद्र नाथ व सीओ वीके सिंह के नेतृत्व में टीम जांच कर रही थी। इसी दौरान उस्ताद के पारिवारिक सदस्यों की भूमिका संदिग्ध होने के प्रमाण मिले थे। परिवार के लोगों की निगरानी बढ़ा दी गई थी।

कैंसिल किया था प्रोग्राम

इसी बीच मंगलवार को एसटीएफ को जानकारी मिली कि उस्ताद का पोता (काजिम का बेटा) नजरे आलम असम जाने वाला है। इससे पूर्व वह बाहर जाने का कार्यक्रम बना चुका था लेकिन ट्रेनों के विलंब से चलने के कारण नहीं जा सका। इस सूचना पर एसटीएफ ने चौक के हड़हा वीर मंदिर के पास घेराबंदी कर उस्ताद के पोते को गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर छोटी पियरी क्षेत्र निवासी शंकर लाल सेठ व उसके बेटे सुजीत कुमार सेठ को भी गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उस्ताद के पोते ने शहनाइयों की चोरी की बात स्वीकार की। उसने चांदी की तीन शहनाई सर्राफा कारोबारी के यहां 17 हजार रुपये में बेच दी थी। चोरी करने की वजह के बार में बताया कि उसने कुछ लोगों से रुपये उधार लिए थे। उसे चुकता करने के लिए चोरी को अंजाम दिया था। चांदी की तीन शहनाइयों व लकड़ी पर चढ़े चांदी के पत्तर वाली शहनाई को सर्राफा कारोबारी ने गला दिया था।

तीनों चांदी मिली थी तोहफे में

उस्ताद की चोरी गई तीनों कीमती शहनाइयां पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव, राजद नेता लालू प्रसाद यादव व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने उपहार के तौर पर दी थी। सभी शहनाई धरोहर के रूप में थीं। एसटीएफ टीम में निरीक्षक शैलेश सिंह, अमित श्रीवास्तव, रणजीत राय, गिरीश तिवारी व वृंदावन राय शामिल थे।

पहले ने आई नेक्स्ट ने बताया था किसी अपने को ही चोर

एसटीएफ ने भले ही इस मामले का खुलासा मंगलवार को किया हो लेकिन चोरी के दूसरे ही दिन अपनी फॉलोअप न्यूज में आई नेक्स्ट ने उस्ताद के परिवार के किसी के शामिल होने की बात कही थी। जिसे एसपी सिटी राजेश यादव ने भी कबूला था। हालांकि उस वक्त एसपी सिटी ने भारत रत्‍‌न के परिवार से सख्ती न कर पाने की बात कहते हुए जांच में दिक्कत की बात भी कही थी। इस न्यूज को किसी अपने ने ही चुराई है उस्ताद की शहनाई हेडिंग से आई नेक्स्ट ने पब्लिश की थी।