-गुगल ब्वॉय पहुंचा बनारस, श्री विद्या मठ में देखने को उमडे़ लोग

-जीनियस कौटिल्य शर्मा की कल्पनाओं की प्रस्तुति सुन लोग पड़े हैरत में

-कहा, ऐसी कार बनाऊंगा जो उड़ेगी और दुनिया को अंतरिक्ष की सैर कराएगी

-असाधारण प्रतिभा के धनी बालक ने अपने ज्ञान से लोगों को रूबरू करा डाला आश्चर्य में

VARANASI: उम्र छह साल और ज्ञान ऐसा कि बड़े-बड़े विद्वानों को भी दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर कर दे। हो भी क्यों न गूगल ब्वॉय के नाम से फेमस करनाल, हरियाणा के कौटिल्य शर्मा ऐसे ही ज्ञान के भंडार हैं। असाधारण प्रतिभा का धनी यह बालक शनिवार को बनारस पहुंचा। इसकी एक झलक पाने के लिए केदारघाट स्थित श्री विद्या मठ में लोग आतुर दिखे। भीड़ के बीच कौटिल्य ने जब अपनी कल्पनाओं की प्रस्तुति की तो लोग हैरत में पड़ गए। कहा कि एक ऐसी कार बनाऊंगा जो उड़ेगी और दुनिया को अंतरिक्ष की सैर कराएगी। यह पुष्पक विमान से बेहतर होगी। चारों ओर से खुली होगी। यह कार जमीन पर भी फर्राटा भरेगी। लोग घंटों की दूरी मिनटों में तय करेंगे। खर-खर की आवाज भी नहीं होगी। कार में बैठे लोग नॉयज पॉल्यूशन से परेशान नहीं होंगे।

सद्बुद्धि लेने काशी आया हूं

लोगों को अभी इस नये कार की बात हैरान किए हुए थी कि फिर उसने कहा रोटी से ज्यादा पराठा अच्छा लगता है। बिना मिर्ची की आलू-गोभी की सब्जी, संतरा, हरे रंग का सूती कपड़ा अच्छा लगता है लेकिन ये सब मुझे नहीं चाहिए। मैं तो काशी में सद्बुद्धि लेने आया हूं। पवित्र विश्वनाथ गली से होकर बाबा का दर्शन करूंगा। ज्ञान बुद्धि का आशीर्वाद लूंगा और गंगा जल लेकर वापस लौट जाऊंगा।

ज्ञान ने किया हैरान

क्लास वन में पढ़ने वाला स्टूडेंट अपनी तोतली आवाज से लोगों को मोहित कर सकता है। लेकिन उसमें ज्ञान लेस मात्र भी नहीं होता है। ऐसा ज्यादातर लोग मानते हैं। लेकिन कौटिल्य में ज्ञान तो अथाह है। इतनी छोटी उम्र में इतना सारा ज्ञान लोगों को हैरान करने के लिए काफी है। यही नहीं इसको प्रेजेंट करने का अंदाज भी अनोखा। बातचीत में कौटिल्य ने लोगों को एक स्कूल में स्टूडेंट्स द्वारा की गई गलत प्रस्तुति से अवगत कराते हुए प्रयास और प्रस्तुति की महत्ता को समझाने की कोशिश की। उसने संस्कृत के श्लोक भी सुनाएं। इसके अलावा जीनियस कौटिल्य ने अपनी किन और महत्वपूर्ण जानकारियों से लोगों को रूबरू कराया। आइये जानते हैं

वैदिक शिक्षा की राजधानी है काशी

कौटिल्य ने कहा कि काशी तो वैदिक शिक्षा की नगरी है। वहीं बिजनेस के लिए मुंबई टॉप पर है। देश का कैपिटल दिल्ली है। उसी प्रकार मॉडर्न एजुकेशन के लिए बैंग्लूर फेमस है। यही वजह है कि काशी में दुनिया भर से लोग वैदिक शिक्षा का अध्ययन करने आते हैं।

पवित्र स्थान व अच्छे इंसान पसंद

गुगल ब्वॉय के अनुसार शिमला, हरिद्वार, ऋषिकेश, प्रयाग व काशी जैसे पवित्र स्थल पसंद हैं। इसी प्रकार पवित्र इंसान को पंसद करता हूं। उनसे बातें करना, साथ रहना अच्छा लगता है। पांचजन्य शंख बजाना अच्छा लगता है। ग्रीन कलर मुझे सबसे प्रिय है।

बचपन से ही होनहार

कौटिल्य पंडित हरियाण के कोहन्ड (करनाल) गांव निवासी सतीश शर्मा का पुत्र है। उसके साथ दादा जयकिशन शर्मा भी आए हैं। घर का स्कूल है। उसी में माता-पिता और दादा टीचर हैं। कौटिल्य यहीं शिक्षा ले रहा है। इनके पेरेंट्स ने बताया कि पांच वर्ष की आयु में कौटिल्य में विलक्षण प्रतिभा दिखी। सैकड़ों मैग्जीन्स व न्यूज पेपर्स में खबरें छपीं। टेलीविजन पर भी कौन बनेगा करोड़ पति कार्यक्रम में अपने ज्ञान का लोहा मनवाया। दादा ने कहा कि कौटिल्य की चहुंओर सराहना सुन अच्छा लगता है लेकिन उसके फ्यूचर को लेकर डर भी लगता है। कहा कि जो भी सुन लेता है उसे याद रहता है। मन में जिज्ञासाएं बहुत हैं। इसलिए क्वेश्चन भी बहुत करता है। समझ अच्छी है। आंसर को आसानी से समझ लेता है और उसे भूलता नहीं। पांच साल की एज में दुनिया का नक्शा देखने के बाद अब उसे कंठस्थ हो गया है। किसी देश का नाम पूछिए तो उसकी सीमा से लगे कंट्री का नाम फटाफट बिना देखे बता देता है। और भी टैलेंट है जिसे जान, सुन और समझकर लोग हैरान हो जाते हैं।

काशी के विद्वान बताएंगे फ्यूचर

स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद ने बताया कि रविवार की शाम सात बजे श्री विद्या मठ में काशी के ज्योतिषाचार्यो को बुलाया गया है। वे कौटिल्य का भविष्य फल देखेंगे। कहा कि बालक का मन पवित्र है। बातें तो बहुत सुनता है लेकिन सद्बुद्धि, सदाचार के कारण पवित्र बातें ही याद रखता है। होनहार बालक है। इस अवसर पर मठ की पूर्णाबा, शारदंबा, कृष्णप्रिया नंद, अनन्ता नंद, ब्रह्माचारी, शिवजी शास्त्री, दीपेश दुबे, अमित तिवारी सहित सैकड़ों बटुक प्रेजेंट रहे।