- आई नेक्स्ट के अनसेफ ग‌र्ल्स कैम्पेन में आयोजित हुआ ग‌र्ल्स का ग्रुप डिस्कशन

- पीपीएस ऑफिसर एवं सीओ ट्रैफिक जया शांडिल्य ने सुनी समस्याएं, बताया रास्ता

- प्रॉब्लम्स सुन ऑफिसर भी हुई हैरान, जरूरी जानकारियों के साथ दिए बचाव के टिप्स

VARANASI : जब तक लेडीज विरोध करना नहीं सीखेंगी तब उनके साथ छेड़खानी से लेकर अत्याचार तक के मामले कम नहीं होंगे। जरूरत है तो छेड़खानी या बदतमीजी करने वालों के खिलाफ बेझिझक आवाज उठाने की। इसके बाद हर कोई मदद के लिए साथ होगा। वरना जब तक चुप्पी रहेगी, नारी को कमजोर समझने वाले गंदी नीयत के लोगों के हौसले बुलंद ही रहेंगे। यह बात निकलकर आयी आई नेक्स्ट की ओर शनिवार को नदेसर स्थित ऑफिस में आयोजित ग्रुप डिस्कशन में।

शहर में ग‌र्ल्स सेफ्टी को लेकर आई नेक्स्ट की ओर से चलाए जा रहे कैम्पेन 'अनसेफ ग‌र्ल्स' चौथे दिन ग्रुप डिस्कशन का आयोजन किया गया था। इसमें की परसन के तौर पर पीपीएस ऑफिसर जया शांडिल्य मौजूद रहीं। जया बनारस में सीओ टै्रफिक पर की जिम्मेदारी संभालने के साथ लेडीज सेफ्टी के लिए बनाए गए आनलाइन कम्प्लेंट सिस्टम की नोडल अफसर भी हैं। इस डिस्कशन में शामिल हुए तमाम यंग ग‌र्ल्स और वूमन इम्पावरमेंट फील्ड में काम करने वाली एजीओ की ऑफिशियल। एक ओर जहां पार्टिसिपेंट्स के बाद उन समस्याओं की लम्बी लिस्ट थी जिसे वह रोजाना फेस करती हैं तो दूसरी ओर पीपीएस जया शांडिल्य थीं जिन्होंने बताया कि ग‌र्ल्स किस तरह के मामले में क्या कर सकती हैं।

प्रश्न : ऑटो में लेडीज के साथ होने वाली छेड़खानी की घटनाओं पर कैसे लगे रोक?

उत्तर : ऑटो में छेड़खानी पर तुरंत रिएक्ट करें। ऐसे करने वालों को सबक सिखाएं। पब्लिक की हेल्प लेते हुए तुरंत पुलिस को इंफॉर्म करें।

प्रश्न : लेडीज सेफ्टी के लिए बनायी गई हेल्प लाइन क्090 पर कम्पलेन करने से रिस्पॉन्स न मिलने पर क्या करें?

उत्तर : क्090 पर शिकायत पर रिस्पॉन्स मिलता है। अगर इसमें वक्त लगता है तो क्00 पर सूचित करें

प्रश्न : लेडीज के साथ गलत हरकत करने वाले ऑटो ड्राइवर्स की पहचान कैसे करें?

उत्तर : रजिस्टर्ड ऑटो ड्राइवर को वर्दी, बैज, बिल्ला अनिवार्य किया गया है। इसका पालन न करने वाले ऑटो ड्राइवर का ऑटो नम्बर नोट करके हमारी पुलिस या टै्रफिक पुलिस से उसकी शिकायत करें।

प्रश्न : शिकायत करने पर पुलिसकर्मियों का रिस्पॉन्स ठीक क्यों नहीं होता है?

उत्तर : पुलिसकर्मियों को शिकायतकर्ता के साथ उचित व्यवहार करने का निर्देश दिया जाता है। ऐसा न होने पर उच्चाधिकारियों से उनकी शिकायत की जा सकती है।

प्रश्न : रेप जैसी गंभीर समस्या की शिकायत भी जेंट्स पुलिसकर्मी क्यों सुनते हैं?

उत्तर : ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। नियमों के तहत लेडीज पुलिसकर्मी के साथ पीडि़ता से पूछताछ की जानी चाहिए। ऐसा नहीं होने पर विरोध करें।

प्रश्न : कोई घटना होने के बाद शिकायत दर्ज करने के बजाय थानों पर सीमा क्षेत्र की बातें क्यों होती हैं?

उत्तर : बड़ी घटना होने पर किसी भी थाने पर एफआईआर दर्ज करायी जा सकती है। उसे बाद में घटना के एरिया में आने वाले थानों को ट्रांसफर कर दिया जाता है।

प्रश्न : घर में अपनों से हो रहे यौन शोषण को कैसे रोका जा सकता है?

उत्तर : इसके खिलाफ पीडि़ता को खुद अपनी आवाज उठानी होगी। अपना हो या पराया, किसी की भी गलत हरकत को बर्दाश्त न करें। हिम्मत दिखाएं। पुलिस उसकी मदद को मौजूद है।

सेफ रहने के लिए बेसिक फंडे

(फार योर इंफॉर्मेशन)

-अपना हो या पराया किसी के भी शोषण को बर्दाश्त न करें

-आदर्श स्त्री बनने के चक्कर में चुप्पी घातक हो सकती है

-छेड़खानी जैसी घटनाओं पर तुरंत रिएक्ट करें

-घर, सफर या कॉलेज कैम्पस में अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें

-कानून की ओर दिए जाने वाले अपने अधिकारों को जानें

-कानून की गलत इस्तेमाल न करें और दूसरों को भी रोकें

-हर वक्त पॉजिटिव एटीट्यूड रखें, निगेटिव एटीट्यूड नुकसान पहुंचाता है

-अपने गैजेट्स का इस्तेमाल वेपन की तरह करें

हर लेडी के लिए सावधानी ही बचाव है

(फॉर योर हेल्प)

-जरूरी न हो तो देर रात अकेले सफर न करें

-सफर करना पड़े तो व्हीकल का नम्बर नोट कर लें

-अपने आने की जानकारी और रास्ते के बारे में अपनों को जानकारी दें

-अपने स्मार्टफोन में सिक्योरिटी संबंधी एप डाउनलोड करें

-कोई घटना होने पर तत्काल कंट्रोल रूम को सूचना दें

-ज्वेलरी और काफी अधिक रुपये लेकर सफर न करें

-पुलिस की ओर से ऑनलाइन शिकायत की सुविधा का इस्तेमाल कर सकती हैं

- ब्लैक पीपर आदि सेफ्टी से जुड़े सामान अपने पास रख सकती हैं

लेडीज अपने साथ हो रही इव टीजिंग आदि जैसी घटनाओं पर चुप्पी न साधें। उसका खुलकर विरोध करें। पुलिस आपकी मदद के लिए मौजूद है। विशेष तौर पर लेडीज की सेफ्टी के लिए बनाई गई हेल्पलाइन से काफी मदद मिलेगी।

जया शांडिल्य, सीओ टै्रफिक

लेडीज की शिकायत को पुलिस गंभीरता से नहीं लेती है। इस वजह से कई बार पीडि़ता पुलिस के पास जाने से हिचकती है।

- रीनू चतुर्वेदी, सोशल एक्टिविस्ट

घर में भी लेडीज सेफ नहीं हैं। कई ऐसे मामले आ रहे हैं जिनमें यौन शोषण करने वाला कोई अपना ही होता है।

-मृणालनी अम्बेश, स्टूडेंट

ऑटो में सफर करने के दौरान अक्सर छेड़खानी जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ता है।

नुपुर गुप्ता, स्टूडेंट

गलत हरकत का विरोध करने पर कई बार पब्लिक सपोर्ट नहीं करती है। उल्टे लेडीज को ही गलत ठहराने लगती है।

-हर्षिता पाण्डेय, स्टूडेंट

लेडीज के लिए स्पेशल ट्रांसपोर्ट बेहद जरूरी है। जेंट्स के साथ सफर करने में अनसेफ फील होता है।

-मेखला श्रीवास्तव, स्टूडेंट

लेडीज के साथ छेड़खानी करने में बड़ी उम्र वाले भी शामिल होते हैं। विरोध करने पर वे अपनी उम्र का हवाला देते हैं।

-मनीषा सिंह, स्टूडेंट

नियमों का पालन न करने वाले ऑटो ड्राइवर वुमेन सिक्योरिटी के लिए बड़ी प्रॉब्लम हैं।

-नाजिया नूर, स्टूडेंट