-मुगलसराय-बक्सर पैसेंजर ट्रेन में जवान की हत्या कर लूटी गई दो रायफलें नहीं बरामद कर सकी जीआरपी

-हर दूसरे दिन गुडवर्क के लिए फेमस जीआरपी हवा में मार रही है तीर, पंद्रह दिन पहले जवान की हत्या कर लूटी गयी थीं इंसास रायफलें

MUGHALSARAI

धड़ाधड़ खुलासे के लिए जानी जाने वाली मुगलसराय जीआरपी लूटी गई दो इंसास रायफलों पर आकर फुल स्टॉप हो गई है। यही नहीं, जीआरपी के जवान अभिषेक सिंह के हत्यारोपियों को भी नहीं ढूंढ सकी है। घटना को हुए एक पखवारा बीतने को है लेकिन जीआरपी जवान के पास से लूटी गई 'रायफलों' को बरामद करने में अब तक नाकाम ही साबित हुई है। कातिलों को पकड़ने के लिए हवा में तीर भी छोड़ रही है। लेकिन सही दिशा में जीआरपी के कदम नहीं बढ़ पा रहे हैं। बक्सर-जमानियां से एक चर्चित गिरोह के मेंबर को जीआरपी ने उठाया भी था लेकिन सत्ता के बेहद करीबी एक मंत्री के दबाव में आकर उसे रिहा करना पड़ा। मादक पदार्थ, मानव-कछुआ, जाली नोट, असलहों की तस्करी में लिप्त बदमाशों का लोकेशन तो जीआरपी ट्रेस कर लेती है लेकिन रायफल लूट कांड में जीआरपी के हाथ अब तक खाली हैं। बता दें कि क्ब् मई की रात आधा दर्जन बदमाशों ने मुगलसराय-बक्सर पैसेंजर ट्रेन में स्कोर्ट ड्यूटी में रहे जवान अभिषेक सिंह की गोली मार हत्या कर दी थी, तो वहीं जवान नंदलाल यादव को गंभीर रूप से जख्मी कर दो इंसास रायफलें लूट ली थीं। चौसा-बक्सर के बीच में बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम दिया था।

पंद्रह दिन में किया था गुडवर्क

अभी चार दिन पहले जीआरपी ने अटैची चोर गिरोह के दो सदस्यों को पकड़ा था, उसमें यह शो किया गया कि रेल टै्रक पर एक रुपये का सिक्का रख सिग्नल लाल कर ट्रेन को खड़ी करा देते थे फिर उसमें चोरी की घटनाएं करते थे। हालांकि इस खुलासे में दम तो रत्ती भर नहीं था, खुद जीआरपी के जवान भी इसे दबी जुबान से स्वीकार कर रहे थे। हर दूसरे दिन खुलासे के लिए फेमस जीआरपी ने यह गुडवर्क पंद्रह दिन में किया था।

स्कोर्ट में जाने से कतरा रहे जवान

बक्सर-बिहार की ओर स्कोर्ट ड्यूटी में जाने वाले जवान सहमे-सहमे से हुए हैं। बहुत से जवान स्कोर्ट ड्यूटी में जाने से इनकार भी कर रहे हैं। रायफल लूट कांड के बाद से जवानों की हालत ऐसी हो गई है कि बोगी में एक जगह स्थिर नहीं रह पा रहे हैं, हमेशा उनके मन में खौफ रहता है। यात्रियों की सुरक्षा को लेकर संवेदनशील तो हैं लेकिन ड्यूटी करने के साथ-साथ रायफल बचाने की टेंशन भी सता रही है, वर्ना रायफल लूटी गई तो फिर बर्खास्तगी भी तय है।

नक्सलियों पर गहराया है शक

जवान की हत्या कर रायफल लूटने में नक्सलियों पर शक गहराया हुआ है, यही कारण है कि पटना से लेकर मुगलसराय जीआरपी तक इस घटना के बाद कातिलों की तलाश में जुटी है लेकिन इन्हें सफलता नहीं मिल सकी है। हां, यह बात दीगर है कि यदि रायफलों की लूट नहीं हुई होती तो किसी भी गिरोह को दिखाकर हत्या का खुलासा अब तक कर दिया गया होता। लेकिन सवाल इसमें रायफल बरामदगी दिखाने का भी है। लिहाजा जीआरपी के हाथ अब तक खाली हैं। अब तो बक्सर से केस भी मुगलसराय जीआरपी को ट्रांसफर हो गया है।

रायफल लूटकांड के सूत्रधारों का पता लगाया जा रहा है, एक टीम बिहार में तस्दीक भी कर रही है।

त्रिपुरारी पांडेय, इंस्पेक्टर

जीआरपी, मुगलसराय रेलवे स्टेशन