साढ़े पांच घंटे में पहुंचेंगे मदीने

हज हाउस स्थित इमिग्रेशन कैंप से शनिवार को मदीने के लिए उड़ान पकडऩे के लिए 265 लोगों का जत्था लाल बहादुर शास्त्री एयर पोर्ट को रवाना होगा। 10 बजे हज यात्रियों को लेकर छह बसें बाबतपुर के लिए कूच करेंगी। वहां से सउदी एअर लाइंस के प्लेन से 3.30 बजे हज यात्री मदीने के लिए उड़ेंगे। लगभग पांच हजार किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद नौ बजे हजयात्री मदीने पहुंचेंगे और इसी के साथ उनकी यात्रा का पहला पड़ाव पूरा होगा। शुक्रवार को पहले जत्थे के जायरीनों को पासपोर्ट व कड़े दिये गये। जायरीनों ने आज अपनी यात्रा सम्बन्धी अन्य औपचारिकताओं को पूरा किया।  

16 डिस्ट्रिक्ट के हैं जायरीन

सांस्कृतिक संकुल स्थित बनाये गये अस्थाई हज हाउस में 16 डिस्ट्रिक्ट के हज यात्रियों का इमिग्रेशन कैंप बनाया गया है। इनमें बनारस के अलावा गाजीपुर, जौनपुर, देवरिया, आजमगढ़, मीरजापुर, सोनभद्र, कौशाम्बी, बलिया, गोरखपुर आदि डिस्ट्रिक्ट शामिल हैं। सात सितंबर से 22 सितंबर तक मदीने की उड़ानों का सिलसिला जारी रहेगा। इस तरह तकरीबन 5225 लोग इस सीजन में हज यात्रा का सवाब हासिल करेंगे। पहले दिन 265 लोग मदीने की ओर उड़ेंगे जिनमें 77 जायरीन बनारस के हैं।

दुकानों पर सजा है जरुरत का

सांस्कृतिक संकुल में बनाये गये अस्थायी हज हाउस में सरकारी स्तर पर जायरीनों को हर सुविधा मुहैय्या कराने का इंतजाम किया गया है। हज पर जाने वालों के अलावा उनके परिजनों के भी खाने पीने का इंतजाम है। हज हाउस का माहौल मेले जैसा है। एक तरफ खाने पीने की चीजों की दुकानें सजी हैं तो दूसरी तरफ सजी दुकानों पर  हज पर जाने वालों के जरुरत का हर सामान उपलब्ध है। हज कमेटी से जुड़े मौलाना हसीन अहमद बताते हैं कि यहां पर 12 स्टॉल खाने पीने की चीजों की हैं तो छह स्टॉल पर हज यात्रियों की जरूरत के सामान उपलब्ध है।

पंखे से लेकर ओढऩे पहनने तक का सामान

हज हाउस में लगे स्टॉल्स पर जायरीनों के लिए शीशा, ताला, कैंची, बेल्ट लेदर बैग, हाथ के पंखे और दूसरे दर्जनों तरह के जरूरत के सामान उपलब्ध हैं। इसके अलावा इबादती सामान जैसे नॉर्मल तसबीह, सात दाने की तसबीह व जायनमाज आदि अवलेबल है। हज यात्रियों के लिए जरूरी एहराम भी यहां मिल रहा है। कीमत 350 से लेकर 650 तक। मौलान हसीन अहमद बताते हैं कि इस एहराम के बिना कोई भी हज की यात्रा नहीं कर सकता। मक्का शरीफ से तकरीबन 92 किलोमीटर में पहले यलयलम में इस एहराम के बगैर एंट्री ही नहीं है। पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग अलग एहराम है। ये एहराम बिना सिला हुआ कपड़ा होता है। पुरुषों के लिए एक एहराम कमर में बाध्ंाने के लिए और दूसरा ओढऩे के लिए होता है।

ये सफरी जायनमाज है खास

यात्रा में लगेज के वेट का भी ध्यान रखना है। इसलिए चीजें ऐसी हों जो छोटी और आसानी से रखी जा सके। अब जायनमाज मोटा होगा तो उसे रखने में दिक्कत होगी। इसके लिए सफरी जायनमाज भी उपलब्ध है। प्लास्टिक के इस जायनमाज को आप मोड़ कर अपने बेल्ट बैग में रख सकते हैं।

'तिरंगा' बतायेगा पहचान

हज पर देश विदेश से लाखों लोग आयेंगे। आपकी अपनी पहचान हो तो आसानी होगी। पासपोर्ट, कड़ा व दूसरे कागजात तो होंगे ही 'तिरंगा' जायरीनों को उनकी पहचान देगा। जी हां, हज हाउस में लगे स्टॉल पर तिरंगे की पट्टियां मिल रही हैं। जिन्हें हर भारतीय हजयात्री को अपने सामान व बैज पर लगाना होता है। तीन रंगों की यह पट्टी बता देगी कि फलां हजयात्री भारत से आया है।

अकीदत से पढ़ी जुमे की नमाज

चौकाघाट स्थित अस्थायी हज हाउस में जुमे की नमाज अदा की गयी। यहां व्यवस्था के बीच अव्यवस्था का भी आलम दिखा। वजू के लिए पानी खत्म हो गया तो दूसरी तरफ इबादतगाह में लोगों ने पंखे की कमी महसूस की। कारी शहाबुद्दीन ने नमाज पढ़ाई। अंत में उन्होंने मुल्क में शांति, एकता, तरक्की के लिए दुआएं मांगी।  

हज मिनिस्टर करेंगे रवाना

यात्रियों के काफिले को प्रदेश के हज स्टेट मिनिस्टर चितरंजन स्वरूप हज हाउस से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। उनके साथ पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर सुरेन्द्र सिंह पटेल भी होंगे। प्रदेश हज कमेटी के चेयरमैन व कैबिनेट मिनिस्टर मोहम्मद आजम खां को हज हाउस के हर दिन की जानकारी टेलिफोन से उपलब्ध करायी जा रही है।

 

 इन नम्बरों पर करें सम्पर्क

हज के सफर से जुड़ी  किसी भी दिक्कत के लिए इन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश स्टेट हज कमेटी 2508842, सेंट्रल हज कमेटी 2508841, अजादार हुसैन  9235610688, हज मास्टर ट्रेनर डॉ। अकबर अली 9415219421.