कचहरी में मिले हैंड ग्रेनेड पर दर्ज 36 नंबर मॉडल के आधार पर पुलिस कर रही है छानबीन

-आर्मी की चीजें सिविल में कैसे अवेलेबल हो रही, इसकी जांच के लिए एसएसपी ने सेना से मांगी मदद

VARANASI

बिना डेटोनेटर के हैंड ग्रेनेड कचहरी में किसने रखा? इसका राज मॉडल नंबर फ्म् खोलेगा। हैंड ग्रेनेड पर दर्ज मॉडल नंबर फ्म् के आधार पर जांच शुरू हो गई है। बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी और सेना के अन्य विंग सहित पुलिस को यह हैंड ग्रेनेड जारी किया जाता है। किस विंग का यह मॉडल नंबर फ्म् हैंड ग्रेनेड है इसकी जांच की जा रही है। सेना के एक अधिकारी की मानें तो मॉडल नंबर फ्म् सेना में ही यूज किया जाता है। आखिरकार फोर्स का हैंड ग्रेनेड कचहरी में कैसे पहुंचा यह यक्ष प्रश्न भी हर किसी के जुबां पर तैर रहा है। आर्मी की चीजें सिविल में कैसे अवेलेबल हो रही हैं इसकी जांच के लिए एसएसपी आकाश कुलहरि ने सेना से भी मदद मांगी है।

पुलिस के हाथ-पांव फूले

फोर्स में यूज होने वाले हैंड ग्रेनेड मिलने के बाद से खुफिया एजेंसीज से लेकर लोकल पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। बनारस से नई दिल्ली तक सुरक्षा से जुडे़ आलाधिकारियों के फोन घनघना रहे हैं। पुलिस परेशान है कि आखिरकार यह हैंड ग्रेनेड बाहरी हाथों तक कैसे पहुंचा?

कर्ली बाल वाले तीन कौन?

कचहरी कैंपस में जिस एडवोकेट के चैंबर के पास हैंड ग्रेनेड बरामद हुआ, उससे ख्0 मिनट पहले वहां तीन युवकों को देखा गया था। कर्ली बाल वाले ये तीनों युवक कौन थे? पुलिस इसकी पड़ताल में जुट गई है। बहरहाल पुलिस हर पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। हैंड ग्रेनेड रखे जाने के पीछे सूत्रधार कौन हैं, उनकी मंशा क्या रही? आखिरकार दशहत फैलाने के लिए कचहरी को ही क्यों चुना गया? इन सब सवालों का जवाब ढूंढ़ने में पुलिस लगी हुई है।