-केंद्रीय कपड़ा मंत्री संतोष गंगवार ने चोलापुर में हथकरघा साझा सुविधा केंद्र का किया इनॉगरेशन

-कहा, अंतरराष्ट्रीय वस्त्र उद्योग का केंद्र होगा बनारस

VARANASI : बनारसी साड़ी, सिल्क वस्त्र पूरी दुनिया में छा जाएगा। आने वाले वक्त में बनारस अंतरराष्ट्रीय वस्त्र उद्योग का केंद्र होगा। यह बातें मंगलवार को केंद्रीय वस्त्र राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार ने कहीं। चोलापुर ब्लाक के देईपुर गांव में हथकरघा साझा सुविधा केंद्र का इनॉगरेशन करने के बाद देवानंदपुर गांव स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय कैम्पस में बुनकरों के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने कहा कि आने वाले दो-तीन सालों में बाजार की जरूरत के अनुसार अधिक मूल्य के कपड़ों का प्रोडरक्शन व डिस्ट्रिब्यूशन करने में हथकरघा बुनकर विश्व बाजार के मुताबिक अपडेट हो जाएंगे। हथकरघा साझा सुविधा केंद्रों के जरिए घर बैठे बुनकरों को सुविधाएं मिलेंगी। बनारसी साड़ी की ब्रैंडिंग व बनारसी वस्त्र उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा।

केन्द्र का होगा भवन

सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीई) के प्रबंध निदेशक प्रमोद नागपाल ने कहा कि बनारस में संचालित हथकरघा साझा सुविधा सेंटर्स के पास अब अपना खुद का भवन होगा। इसके लिए चोलापुर, रामनगर हथकरघा साझा सुविधा केंद्र का संचालन सीसीई करेगा। करधना व कुड़ी केंद्र का संचालन हैंडीक्राफ्ट्स एण्ड हैंडलूम एक्सपो‌र्ट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया तथा छाई बजरडीहा, मंगारी, हरसोस केंद्र का संचालन नेशनल हैंडलूम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा किया जाएगा। नेशनल हैंडलूम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक श्रीनिवास ने कहा कि बुनकरों को अन्य स्टेट में प्रशिक्षण का मौका मिलेगा। हथकरघा विकास आयुक्त आलोक कुमार ने कहा कि बुनकरों को उनके उत्पाद की उचित कीमत मिले और उपभोक्ताओं को मनपसंद सामान इसके लिए कदम उठाएंगे। केंद्रीय वस्त्र राज्यमंत्री ने इस अवसर पर बुनकर परिचय कार्ड, धागा पासबुक, हैंडलूम मार्क प्रमाण पत्र का वितरण किया।

भ्0 हजार तक बुनकरी गारंटी

केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने देईपुर, देवानंदपुर गांव में हथकरघा साझा सुविधा केंद्र में ट्रेनिंग प्रोग्राम को संबोधित किया। सुविधा केंद्रों का फायदा उठाने की बुनकरों से अपील की। कहा कि हथकरघा साझा सुविधा केंद्रों पर भ्0 लाख तक की बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इन सेंटर्स के जरिए बुनकरों को भ्0 हजार रुपये तक बुनकरी गारंटी मात्र छह फीसद ब्याज पर मिलेगी। अब तक ख्,88ब् बुनकरों को करीब नौ करोड़ सहायता दी जा चुकी है। इसके अलावा बुनकरों को रेलगाड़ी व हवाई जहाज की टिकट बुकिंग करने, पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, बिल का भुगतान, इंटरनेट आधारित शिक्षा आदि जैसी अन्य इंटरनेट पर आधारित लोक सेवाएं दी जाएंगी।