--BHU सहित कई संस्थाओं ने दर्ज किया वायुमंडल में प्रदूषण

का स्तर, कई गुना रही बढ़ोत्तरी

- मीरापुर बसहीं की हवा रही सबसे प्रदूषित

VARANASI

दिवाली के दिन आतिशबाजी के शौकीनों ने पूरे शहर के वायुमंडल में जहर ही जहर घोल दिया। व्हीसल ब्लोवर ट्रस्ट सहित सीड की ओर से मांपे गये एयर क्वालिटी में यह खुलासा हुआ है। शहर की फिजा में (पर्टिकुलेट मैटर) पीएम10 और पीएम2.5 की सघनता का लेवल दिवाली के दिन कई गुना बढ़ गया। जो क्रमश: 1.0 और 1.4 गुना अधिक रहा। पर्टिकुलेट मैटर की सघनता (पीएम2.5) एनएक्यू मानक से सात गुना और डब्ल्यूएचओ सिक्योरिटी बार्डर से 16.9 गुना अधिक पाया गया। व्हीसल ब्लोवर ट्रस्ट ने सिटी के 13 प्लेसेज और सीड की ओर 25 से 30 अक्टूबर की रात तक सिटी के चार एरिया में कराये गये डेटा निगरानी में शिवपुर का मीरापुर बसहीं सबसे अधिक प्रदूषित मापा गया। यहां एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन में 22.38 पीएम में 942.4 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर यानि की सबसे अधिक रिकॉर्ड दर्ज की गई। जबकि दिवाली की सुबह और आधी रात में पीएम10 व पीएम2.5 का औसत मूल्यांकन क्रमश: 355 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर व 304 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था। जबकि व्हीसल ब्लोवर ट्रस्ट के सर्वे में चौक, सिटी स्टेशन, गोदौलिया, सोनारपुरा, अस्सी, लंका, ककरमत्ता सहित 13 स्थानों पीएम10 व पीएम2.5 कई गुना अधिक रहा।

सेंटर फॉर इंवायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) की ओर से मीरापुर बसहीं, सिंधौरा रोड, एनएच31 एरिया व सुंदरबगिया में एयर क्वालिटी मापा गया। यहां पर्टिकुलेट मैटर की सघनता को एक समय सीमा के दौरान शाम 6 बजे से रात 10 तक आंके जाने पर पता चला कि दिवाली के पूर्व व दिवाली के दिन तुलना में पीएम 2.5 के लेवल में 30.1 परसेंट की वृद्धि नोट की गई। दिवाली की रात दस बजे से लेकर 12 तक प्रदूषण का लेवल सिक्योरिटी बॉर्डर से क्रमश: 7.1 गुना व 11.5 गुना ज्यादा पाया गया।

मेन प्वॉइंट

-लोग राष्ट्रीय सुरक्षा सीमा से सात गुना अधिक प्रदूषक सांस ले रहे थे

-सिटी में सिवियर एयर क्वालिटी एरिया जनरेट

-दिवाली पर 30 परसेंट पार्टिकुलेट मैटर की सघनता में वृद्धि

-दिवाली की रात 10 बजे से 12 बजे तक प्रदूषण का लेवल सबसे ज्यादा पाया गया

कुछ यूं बढ़ा प्रदूषण, माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

समय पीएम10 पीएम2.5

6.000am- 10.000am 306.9 213.5

10.01क्am- 2.000pm 126.2 84.9

2.01क्pm - 6.000pm 162.6 107.4

6.01क्pm-10.000pm 461.1 424.2

10.01क्pm -2.000am 7क्म्.ख् म्90.7

क्या है पीएमक्0

पीएमक्0 हवा में प्रदूषण को मांपने की इकाई है। हवा में मौजूद धूल के कणों को माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर इकाई में मापा जाता है। यह कण सांस लेने में काफी प्रॉब्लम क्रिएट करते हैं।

क्या है पीएम ख्.भ्

पीएमख्.भ् प्रदूषण के सबसे छोटे कण होते हैं। यह आसानी से लोगों के नाक और कान में पहुंच जाते हैं। लोगों के शरीर में पहुंचने के बाद ये शरीर को कमजोर करना शुरू कर देता है।

अत्यधिक आतिशबाजी के चलते धुंए में अलग-अलग विषैले पदार्थो के मिश्रण होने के चलते वायुमंडलीय धारणा क्षमता में कमी आई है। इसके चलते वायु में स्थिरता के साथ-साथ हवा की नमी में उच्च वृद्धि आंकी गई है।

अंकिता ज्योति

प्रोग्राम मैनेजर

सीड

आतिशबाजी के कारण शहर की फिजा में एक तरह का जहर घुल गया। इतने अवेयरनेस के बावजूद लोग पटाखा छोड़ने से बाज नहीं आये। कुछ तो कूड़ा जलने से भी शहर की फिजा दूषित हुई।

एकता शेखर

सीनियर कैंपेनर

व्हीसल ब्लोवर ट्रस्ट

दो दिन सांस में घुला जहर

पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान, बीएचयू के प्रोफेसर डॉ। आरके मल्ल, कृष्णा मुरारी व मनीष कुमार ने बताया कि दिवाली की रात 7 बजे पीएम क्0 पार्टिकल फ्क्0 माइक्त्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब हो गया था। जबकि सामान्य तौर पर यह आंकड़ा क्00 रहता है। दिवाली की रात क्ख् बजे ब्88, अगले दिन सुबह तक यही स्थिति रही। फ्क् अक्टूबर को सुबह क्0 बजे फ्भ्फ् और क् नवंबर को ख्7म् हो गया था। वहीं पीएम ख्.भ् पार्टिकल फ्0 को शाम 7 बजे 8ख् हो गया था, जबकि इसकी लिमिट म्0 माइक्त्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब होनी चाहिए। यह रात को क्ख् बजे 98भ्, फ्क् को म्07 व क् नवंबर को क्म्क् पर आ गया था। यानि दो दिनों तक जहर की सांस लेते रहे।