-महिला हॉस्पिटल की डॉक्टर्स ने कर दिया था प्रेग्नेंट लेडी को रेफर

-मंडलीय हॉस्पिटल इमरजेंसी के डेंगू वार्ड में हुई डिलेवरी

VARANASI

प्रेग्नेंट लेडी प्रसव पीड़ा से कराहती रही लेकिन धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर्स का दिल नहीं पसीजा। बला टालने जैसी नियत से महिला हॉस्पिटल कबीरचौरा से उसे बीएचयू के लिए रेफर कर दिया। लेडी मंडलीय हॉस्पिटल इमरजेंसी के डेंगू वार्ड पहुंच पायी थी कि उसकी हिम्मत ने जवाब दे दिया। वहां तैनात वार्ड ब्वॉय और स्टाफ नर्सेज ने लेडी डॉक्टर को बुलाकर डिलेवरी कराई। यातना का दौर इसके बाद भी खत्म नहीं हुआ। लेडी डॉक्टर ने एक बार फिर जच्चा-बच्चा को बीएचयू रेफर कर दिया। बेसुध पति पत्नी और नवजात बच्चो को लेकर बीएचयू रवाना हुआ। पति-पत्नी जिन डॉक्टर्स को भगवान मानते थे उनकी इस हरकत से उनका भरोसा उठ गया।

बड़ी उम्मीद से आयी थी बनारस

कैमूर बिहार के रहने वाले विनोद ने सुन रथा था कि बनारस में अच्छा इलाज होता है। गर्भवती पत्नी हीरा देवी (ख्भ् वर्ष) की डिलेवरी डेट आ पहुंची तो उसे जच्चा बच्चा क्0ख् एंबुलेंस से लेकर शुक्रवार की देर रात कबीरचौरा स्थित महिला हॉस्पिटल पहुंचा। यहां लेडी डॉक्टर्स ने अत्यधिक रक्त की कमी का हवाला देते हुए बीएचयू रेफर कर दिया। दर्द से तड़पती हीरा दो कदम चलने की स्थिति में नहीं थी। किसी तरह मंडलीय हॉस्पिटल इमरजेंसी के डेंगू वार्ड तक पहुंच पायी। यहां तैनात वार्ड ब्वॉय सोमनाथ व स्टाफ नर्सेज ने लेडी डॉक्टर को बुलाया और डिलेवरी कराई। लेडी डॉक्टर ने एक बार फिर हीरा को खून की कमी बताते हुए बीएचयू रेफर कर दिया।

हीरा की कंडीशन सीरियस था, वह एनीमिया से पीडि़त थी। खुद सर्जरी पर अड़ी थी। प्रसव कराने में जान का जोखिम था। ऐसे में उसे रेफर किया गया।

डॉ। शैला त्रिपाठी

प्रमुख अधीक्षक,

महिला हॉस्पिटल, कबीरचौरा