वाराणसी (ब्यूरो)पिपलानी कटरा तिराहे के पास कबीर टोली की पांच मूर्तियां लगी थीं, जिसमें दो के गायब होने की तस्वीर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने प्रकाशित कियाइसके बाद यह मामला सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआलोगों ने तरह-तरह कमेंट भी किएकिसी ने इसे दुखद, किसी ने प्रशासन से संज्ञान में लेने, किसी ने यहां की धरोहरों को खत्म करने की साजिश तो किसी ने तत्काल मूर्ति लगाने की मांग कीइसी बीच एक शख्स ने जानकारी दी कि दोनों मूर्तियां चार मार्च की रात में क्षतिग्रस्त हो गई थीमूर्तियां कहां है, इसकी जानकारी नहीं हैक्षतिग्रस्त मूर्तियों की खोज में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम कबीर मठ पहुंची तो चौकाने वाली तस्वीर सामने आईएक कमरे में क्षतिग्रस्त मूर्तियां पड़ी मिली

प्रबंधक ने सच बताकर चौकाया

दो मूर्तियों के गायब होने का मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने पर कबीर मठ के प्रबंधक प्रमोद दास ने सबसे पहले दैनिक जागरण आईनेक्स्ट को धन्यवाद दियाबातचीत में उन्होंने बताया कि मूर्तियां गायब नहीं हुई हैंक्षतिग्रस्त मूर्तियां मठ में ही है। 4 मार्च को रोड शो के दौरान तिराहा को कपड़ों के पर्दों से सजाया गया थारात में इस मार्ग से ट्रक गुजर रहा थाकिसी कारण पर्दा ट्रक में फंस गयाट्रक जैसे ही आगे की ओर बढ़ा तो पर्दे की चपेट में झाल बाबा और मजीरा बाबा की मूर्तियां क्षतिग्रस्त होकर सड़क पर गिर गईंघटना के बाद ट्रक वाला फरार हो गया

प्रशासन ने मूर्ति बनाने का भरोसा दिलाया था

प्रमोद दास के अनुसार दूसरे दिन घटना की जानकारी होने पर स्थानीय पुलिस और प्रशासन को अवगत कराया गया थाप्रशासन ने चुनाव के बाद दूसरी मूर्तियां लगाने का भरोसा दिलाया था, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद प्रशासन भूल गयाप्रमोद दास ने प्रशासन ने क्षतिग्रस्त मूर्तियों की जगह दूसरी मूर्तियां लगवाने की मांग की हैउधर, चेतगंज थाना प्रभारी का कहना है कि मठ के प्रबंधक ने खुद ही मूर्ति सही करारा लगाने की बात कही थीप्रबंधक ने कहा था कि इसके कारीगर बाहर से आते हैंहम बुलाकर सही करा लेंगे.

कबीर, तुलसी, रैदास के शहर बनारस में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की अपार चीजें विद्यमान हैंदो मूर्तियां गायब होना बड़ा मामला हैइसे सहेजकर रखना मठ और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी हैवहां दूसरी मूर्तियां तत्काल लगनी चाहिए.

-संजय गुप्ता, व्यापारी नेता

पिपलानी कटरा तिराहे पास कबीर की टोली की मूर्तियां लगी है, जो शहर की पहचान बन चुकी है, जिसे देखने के लिए कबीर के अनुयायी समेत बड़ी संख्या में पयर्टक भी आते हैं, लेकिन अधूरी तस्वीर देखकर लोग आहत होंगेतत्काल मूर्तियां लग जानी चाहिए.

-रमेश यादव