डीएम ने नगर आयुक्त को कार्यवाही के लिए कहा

विश्वनाथ कारिडोर में मंगलवार को हुए हादसे के बाद डीएम ने शहर के जर्जर भवनों का संज्ञान लिया है। भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसके लिए उन्होंने चिन्हित जर्जर भवनों को ध्वस्त कराने का निर्णय लिया है। इस संबंध में उन्होंने नगर आयुक्त गौरांग राठी से एक सप्ताह के अंदर जर्जर भवनों को ध्वस्त कराने का निर्देश दिया है।

डीएम कौशलराज शर्मा ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर कहा कि शहरी सीमा क्षेत्र में जर्जर भवनों का सर्वे नगर निगम द्वारा कराया गया है। भवन स्वामियों को ध्वस्तीकरण कराने के लिए पूर्व में नोटिस भी जारी किया गया है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। वर्तमान समय और मौसम के मद्देनजर इन भवनों में रहने वाले सदस्य और पड़ोस के घर सुरक्षित नहीं है। ऐसी दशा में यह बहुत ही जरूरी है कि सम्बन्धित भवन स्वामियों द्वारा अपने-अपने जर्जर भवन के ध्वस्तीकरण का कार्य स्वयं के खर्च पर एक सप्ताह के अंदर पूर्ण कराया जाए। यदि संबंधित भवन स्वामी की ओर से जर्जर मकानों के ध्वस्तीकरण का कार्य नहीं किया जाता है तो नगर निगम खुद इस कार्य को अपने संसाधनों से कराकर जर्जर भवनों का ध्वस्तीकरण करें। इस कार्यवाही पर होने वाले खर्च की वसूली संबंधित भवन स्वामी से किया जाए। साथ ही अभी तक सर्वे में पाये गये जर्जर भवनों को नोटिस नहीं निर्गत किया गया है, उसे दो दिन के अन्दर नोटिस निर्गत करते हुए ध्वस्तीकरण की कार्यवाही पूर्ण कराई जाए। डीएम ने निर्देशित किया है कि उपरोक्तानुसार वाराणसी शहर के जर्जर भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही एक सप्ताह में पूर्ण कराना सुनिश्चित करायें तथा आगामी दो दिन के भीतर यह अवगत करायें कि जोनवार ऐसे कितने भवनों को तकनीकी नोटिस देने का कार्य पूर्ण हो चुका और कितना लम्बित है। ताकि भवष्यि में जन हानि से बचा जा सके।

राज्यमंत्री के निर्देश पर रास्ते से हटाया गया पेड़

पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य एवं प्रोटोकॉल राज्यमंत्री डॉ। नीलकंठ तिवारी को जानकारी हुई कि नीचीबाग घंटाघर के पास पेड़ गिरने से यातायात प्रभावित हो गया है। उन्होंने नगर निगम ओर बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देशित कर तत्काल मौके से पेड़ को हटाकर यातायात को सामान्य किए जाने के निर्देश दिए। विभागीय अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पेड़ को कटवा हटवाया। इसके बाद यातायात को सामान्य हो गया। पेड़ गिरने के कारण घायल व्यक्ति को तत्काल इलाज सुनिश्चित करने के लिए मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया और घायल की चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करायी।