-बीएचयू के ट्रामा सेंटर में जांच लैब के टेंडर में हेरफेरी का मामला

-जांच के लिए बीएचयू पहुंची टीम ने तैयार की रिपोर्ट

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बीएचयू के ट्रामा सेंटर में जांच लैब खोलने के लिए जारी टेंडर में हुए घोटाले में बीएचयू के दो बड़े अधिकारी फंसते नजर आ रहे हैं। मामले की जांच के लिए बीएचयू पहुंची टीम ने दूसरे दिन बुधवार को भी सेंट्रल आफिस में फाइलें खंगाली और संबधित अधिकारियों से पूछताछ की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट पूरी कर ली है। यह जल्द ही वीसी के टेबल पर पहुंच जाएगी।

टेंडर शर्तो में किया था बदलाव

सूत्रों के अनुसार ट्रामा सेंटर में पीपीपी मॉडल के तहत डाइग्नोसिस सेंटर बनना था। इसके लिए टेंडर जारी किया गया। पर कुछ अधिकारियों ने अपनी पंसद की कंपनी को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से पहले के टेंडर को निरस्त कर नया टेंडर जारी करा दिया। इसमें पहले की अपेक्षा नियमों और शर्तो में खासी सहुलियत दी गयी थी। खास बात यह रही कि पसंद की कंपनी के पक्ष में फैसला भी कर दिया गया। इस मनमानी के खिलाफ प्रतिद्वंद्वी कंपनी सीवीसी हाइकोर्ट में पहुंच गई। इसकी शिकायत केन्द्रीय सतर्कता आयोग से भी की गई। जिसके बाद वीसी प्रो। गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने उक्त टेंडर को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया। साथ ही उन्होंने गड़बड़ी की आशंका पर एक जांच समिति बनाई। यही जांच समिति मामले की जांच कर रही है। टीम में सिक्किम यूनिवर्सिटी के फाइनेंस आफिसर डॉ। पीके सिंह व गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी के फाइनेंस ऑफिसर पद्माकर दीक्षित को शामिल किया गया। इसके अलावा टीम में बीएचयू के एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट के डीन प्रो। ए वैशम्पायन को भी शामिल किया गया है।