-श्रीनगर कॉलोनी में आईपीडीएस वर्क पूरा होने के बाद भी हवा में लटक रहा है बिजली का तार

-यहां अंडरग्राउंड केबलिंग में विभाग की नजर आ रही लापरवाही

पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट आईपीडीएस योजना के तहत बनारस में हवा में लटकते बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करा रही कंपनी काम पूरा हो जाने का दावा कर रही है। लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। अभी भी उन एरिया में लटकते तारों का जंजाल देखने को मिल रहा है। जहां आईपीडीएस का काम समाप्त हो चुका है। अगर यकीन न हो तो लक्सा स्थित श्रीनगर कॉलोनी का नजारा देख लें। यहां बिजली खंभों पर तारों का जंजाल अभी भी फैला हुआ है। इसे हटाएं बगैर काम पूरा होने का ढिंढोरा पीट दिया गया। यही नहीं इस प्रोजेक्ट में अंडरग्राउंड केबलिंग में बिजली विभाग की लापरवाही भी साफ नजर आ रही है।

तो कौन करेगा फिक्र?

इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम के तहत पुरानी काशी क्षेत्र में भूमिगत किए गए केबलिंग के दौरान छुटे हुए कार्य को लेकर किसी को भी फिक्र नहीं है। विभाग का कोई भी अधिकारी इस अनियमितता को लेकर जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। हर अधिकारी अलग-अलग दलील दे रहे हैं। अब आला अधिकारियों का कहना है कि आईपीडीएस वर्क पूरा हो चुका है। लिहाजा अब किसी भी एरिया के तार भूमिगत नहीं होंगे।

ये है योजना

बिजली विकास (आईपीडीएस) परियोजना के तहत पुरानी काशी के अन्तर्गत 16 स्क्वायर किलोमीटर इलाके के ओवरहेड तारों को अंडरग्राउंड किया जाना था। इसके लिए 431.96 करोड़ रुपए की धनराशि रीलिज की गई थी। पुरानी काशी के अलावा अन्य क्षेत्र के लिए 139.79 करोड़ दिया गया है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एक साल की डेडलाइन तय की गई थी। लेकिन ये काम 2 साल में भी पूरा नहीं हो सका है। अधिकारियों की मानें तो परियोजना का 98 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। जिन इलाकों में अंडरग्राउंड तार बिछाए गए हैं वहां के 50,000 उपभोक्ताओं को इसका फायदा मिल रहा है।

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अंडरग्राउंड तारों के बिछाने का काम ओवरऑल पूरा हो चुका है। अब अगर कहीं काम छूटा है तो इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।

एके श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर, आईपीडीएस

आईपीडीएस वर्क के तहत जहां कहीं भी काम छूटा है उसे पूरा नहीं किया जाएगा। जहां-जहां काम होना था हो चुका है।

आशीष अस्थाना, एसई, पीवीवीएनएल