वाराणसी (ब्यूरो)बाबा के भक्तों के लिए गुड न्यूज हैइस बार सावन में कांवरियों को बाबा विश्वनाथ को जल चढ़ाने के लिए मैदागिन और गोदौलिया के ट्रैफिक में नहीं जूझना पड़ेगान क्राउड के बीच जद्दोजहद करनी होगीकांवरियों व टूरिस्ट्स की फैसलिटीज के लिए अप्रैल माह के एंड से ही गंगा की लहरों में सोलर वाटर टैक्सी शुरू कर दी जाएगीइसके जरिए श्रद्धालु बाबा धाम में गंगद्वार के रास्ते से जाएंगे और पूरे धाम की भव्यता भी देख सकेंगे.

सावन में लाखों की क्राउड

सावन शुरू होने के एक माह पहले से ही श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन कांवरियों और भक्तों की सुविधा के लिए इंतजाम में जुट जाता हैभक्तों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिल सके, इसके लिए तमाम प्रबंध किए जाते हैंइस बार भक्तों की भीड़ को देखते हुए गंगा में वाटर टैक्सी चलाने का निर्णय लिया गया है.

चारों तरफ लगेंगे बोर्ड

अप्रैल मंथ से दो टैक्सी गंगा की लहरों में चलायी जाएगीइसके बाद टैक्सी की संख्या बढ़ायी जाएगीविश्वनाथ गली से लेकर घाटों पर वाटर टैक्सी के बोर्ड भी लगाएंगे जाएंगेइसके अलावा मैदागिन, दशाश्वमेध और गोदौलिया चौराहे के पास वाटर टैक्सी के बोर्ड लगाएंगे जाएंगेताकि सावन माह में आए कांवरियों को इधर-उधर भटकना न पड़े, वे घाट किनारे जाकर वाटर टैक्सी का लाभ ले सकें

कांवरियां कैंप में भी सुविधा

सावन में कांवरियों के क्राउड कंट्रोल के लिए सिटी में जगह-जगह कांवरियां कैंप लगाए जाते हैंइन कैंप में सिटी के सामाजिक संगठन के अलावा व्यापारिक संगठन कांवरियों की सेवा के लिए दिनरात उपलब्ध रहते हैंकांंवरियां कैंप भी कांवरियों की सुविधा के लिए वाटर टैक्सी के बोर्ड भी लगाएंगे जाएंगेजिन कांवरियों को वाटर टैक्सी के जरिए बाबा का दर्शन करने जाना होगा, वे घाट पर जाकर टैक्सी की सुविधा का लाभ ले सकते हैं.

कांवरियों भीड़ होगी कम

सावन में कांवरियों की क्राउड से सिटी का कोना-कोना पटा रहता हैंइनके सुगम दर्शन के लिए विश्वनाथ धाम में तीन से चार मार्ग बनाए जाते हैंइसके बाद भी भीड़ कम होने का नाम नहीं लेती हैगंगा की गोद में वाटर टैक्सी चलने से कांवरियों की भीड़ का प्रेशर काफी हद तक कम होगा.

सावन कांवरियों के लिए खास होता हैधाम बनने के बाद लाखों की संख्या में कांवरिए जल चढ़ाने के लिए आते हैंश्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन उनकी सुविधा के लिए प्रबंध करता हैइस बार भी उनकी सुविधा के लिए गंगा में सोलर वाटर टैक्सी चलाने का निर्णय लिया गया है.

सुनील वर्मा, सीईओ, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर