वाराणसी (ब्यूरो)पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी बिहार तक के मेडिकल हब के रूप में डेवलप हो चुके बनारस शहर में नकली मेडिसिन का कारोबार जड़े जमा चुका हैफेक कोरोना वैक्सीन, किट और सिरप की करोड़ों रुपए की दवा मिलने का कलंक शहर झेल ही रहा था कि अब नकली होम्योपैथ दवा से शराब बनाने का केस ने बनारस को फिर से बदनाम कर दियाहालात यह है कि इस सेक्टर से जुड़ा हर कोई शॉक्ड हैनकली दवाओं के सौदागरों का कारोबार डे बाई डे और बढ़ता ही जा रहा हैनशे का कारोबारियों का नेक्सस इतना स्ट्रांग है कि इनके आगे सभी बौने नजर आ रहे हैं.

केस-1

2 फरवरी 2022

बनारस में फेक मेडिसिन का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा हैयहां के सौदागरों का नेक्सस इतना स्ट्रांग है कि यहां से बैठे-बैठे कई स्टेट में नकली दवाइयों की सप्लाई कर देते हैंजब तक इसकी भनक डिपार्टमेंट को लगती है तब तक करोड़ों का वारा-न्यारा हो चुका होता हैलंका स्थित रोहित नगर में 2 फरवरी 2022 को एक रूम में नकली कोरोना वैक्सीन और किट बनाने का कारोबार खुलेआम चल रहा थाइसकी भनक जब डिपार्टमेंट को लगी तो पैरों तले जमीन ही खिसक गईफिर क्या इसके बाद एसटीएफ ने अवैध कोरोना वैक्सीन और किट का कारोबार करने वाले गिरोहों को रेड डालकर पकड़ा.

केस-2

28 जून 2022

नकली दवाइयों के कारोबार के इन्फार्मेशन पर खाद्य सुरक्षा व औषधि डिपार्टमेंट की टीम ने भोजूबीर-सिंधोरा रोड स्थित कई दवा की दुकानों पर रेड डाला थाइनमें से करीब 30 शॉप ऐसे मिले जिनके नकली कैप्सूल, टैबलेट और सीरप का खेप मिला थाडिपार्टमेंट के अफसरों ने करीब सवा दो लाख की दवाएं भी जब्त की थीशॉप से लिए गए सैंपल को लखनऊ लैब में भेजा गया थाइनमें मीकोपोड सीवी, मेकोसेफ एलबी-625 जैसी दवाएं शामिल थी.

केस-3

16 सितंबर 2022

नशीली दवा का कारोबार करने वाले गिरोह को नेटवर्क इतना स्ट्रांग है कि डिपार्टमेंट के अफसरों के एक्शन लेने के बाद भी नहीं रुकाइसके बाद भी नशीली दवाओं का कारोबार जारी रहाइसके बाद भी डिपार्टमेंट के अफसर चुप नहीं बैठेइन्फार्मेशन मिलने के बाद 16 सितंबर को फिर कैंपेन चलाया और पीलीकोठी व मुर्दहा बाजार की दस दुकानों रेड की कार्रवाई कीइन दुकानों पर शॉक्ड करने वाली दवाएं मिलीइन दुकानों पर हिमाचल, सिक्किम, पुणे, असम व हरियाणा की फार्मा कंपनियों की दवाएं बेची जा रही थींइनके नकली होने के शक में खाद्य सुरक्षा व औषधि विभाग ने 19 मई से 16 जुलाई के बीच छापेमारी कर नमूने लिए थेइनमें गंभीर संक्रमण की स्थिति में उपयोग किए जाने वाले एंटीबायोटिक इंजेक्शन व दवाएं शामिल थीं.

इस साल 50 से अधिक मिलीं फेक दवाएं

शहर में नकली के साथ नशीली दवाओं के कारोबार ने पूरे शहर को बदनाम कर दियाआए दिन रेड के दौरान कहीं नशीली दवाइयों की खेप मिलती है तो कहीं टैबलेट और कैप्सूलडिपार्टमेंट ने जनवरी से लेकर दिसंबर तक इन्वेस्टीगेशन में करीब 50 से अधिक फेक व नशीली दवाओं को पकड़ा है जो स्लो प्वाइजन का काम करता है.

कारोबार में कई स्टेट के गिरोह

नशीली दवा के कारोबार में सिर्फ बनारस ही नहीं कई स्टेट के गिरोह भी शामिल होते हैपूर्वांचल के जिलों के अलावा बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा व उत्तराखंड के गिरोह पूर्वांचल के जिलों में नकली दवाओं का कारोबार धड़ल्ले से कर रहे हैंएक जगह उन पर एक्शन होता है तो दूसरे सिटी में अपना जाल फैलाना शुरू कर देते हैं.

होम्योपैथ सेक्टर को भी किया बदनाम

अभी तक तो सिटी में एलोपैथ में ही नकली और नशीली दवाओं का ही कारोबार चल रहा हैअब नशे के कारोबारियों ने होम्योपैथ के सेक्टर को भी नहीं छोड़ा और उसे भी बदनाम कर दियाबिहार में जहरीली शराब कांड में बनारस से कनेक्शन होने पर हर कोई शॉक्ड हैहोम्योपैथ दवा के नाम पर कच्चा माल सीरप बताकर करीब 84 पेटी बिहार ले जाकर शराब में यूज करना कितनी शर्म की बात है.

सिटी में नकली दवाओं का कारोबार पर लगातार विभाग एक्शन मोड में हैऐसे लोगों के खिलाफ डिपार्टमेंट लगातार एक्शन ले रहा हैफेक वैक्सीन और किट का कारोबार करने वाले गिरोह के खिलाफ केस फाइल कर दिया गया हैनकली दवा का कारोबार करने वाले गिरोहों के खिलाफ अब तक 8 मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। 21 और लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने जा रहा हैविभाग की कार्रवाई और जांच की प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी

एके बंसल, औषधि निरीक्षक

नशे के कारोबारियों ने अपने फायदे के लिए होम्योपैथ के सेक्टर को भी नहीं छोड़ायह सोचने वाली बात हैदवा के फील्ड में अब कोई भी सेक्टर सेफ नहीं हैकाशी में एक भी होम्योपैथ की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं हैइसके बाद भी इतने बड़े पैमाने पर बिहार सीरप भेजना बड़ी बात है.

डॉरचना श्रीवास्तव, होम्योपैथ आफिसर