काशी विद्यापीठ में लागू होगा CBCS

- Students अपने intrest के अनुसार subject की कर सकेंगे पढ़ाई

- First phase में MBA, MCA व MFA में choice based credit system लागू करने की है योजना

VARANASI

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में नेक्स्ट सेशन से क्रेडिट बेस्ड चॉइस सिस्टम (सीबीसीएस) लागू करने का डिसीजन लिया गया है। फ‌र्स्ट फेज में पीजी के कुछ कोर्सेज में प्रयोग के तौर पर यह सिस्टम लागू किया जाएगा। यदि यह प्रयोग सक्सेस रहा तो पीजी लेवल के अन्य कोर्सेज में भी यह सिस्टम लागू किया जाएगा। यूनिवर्सिटी के इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आईक्यूएसी) के सन्वयक प्रो। कृपाशंकर जायसवाल ने बताया कि क्रेडिट बेस्ड चॉइस सिस्टम (सीबीसीएस) के लागू हो जाने पर स्टूडेंट्स अपने इंट्रेस्ट के अनुसार सब्जेक्ट की पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए 24 सितंबर को सुबह 10.30 वाणिज्य व प्रबंध संकाय में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। इसमें फ‌र्स्ट सेशन में क्वालिटी एजुकेशन पर मंथन होगा। वहीं सेकेंड सेशन में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम पर विमर्श होगा। उन्होंने बताया कि फ‌र्स्ट फेज में एमबीए, एमसीए व एमएफए में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू करने का प्लान है।

क्या है CBCS

क्रेडिट बेस्ड चॉइस सिस्टम के तहत स्टूडेंट्स अपने इंट्रेस्ट के अनुसार सब्जेक्ट की पढ़ाई कर सकते हैं। उन्हें अपने पसंद वाले सब्जेक्ट्स का कॉम्बिनेशन सेलेक्ट करने का मौका मिलेगा। फाउंडेशन कोर्स में स्टूडेंट्स को स्पोकेन इंग्लिश, वैल्यू एजुकेशन व पर्सनैलिटी डेवलपमेंट की भी शिक्षा दी जाएगी। इस व्यवस्था से कोर्सेज में समग्रता और एकरूपता आएगी। यही नहीं इससे स्टूडेंट्स को कॉलेज चेंज करने की भी सुविधा हो जाएगी।

एक class पर एक point

क्रेडिट बेस्ड चॉइस सिस्टम के तहत स्टूडेंट्स की ओवरऑल रैंकिंग हो सकेगी। एक घंटे की क्लास अटेंड करने पर छात्रों को एक प्वॉइंट हासिल होगा। इससे वे क्लास करने में इंट्रेस्ट लेंगे। वो क्लास बंक नहीं कर पाएंगे। ऐसे में एजुकेशन सिस्टम का लेवल बढ़ेगा।