काशी विद्यापीठ छात्रसंघ का बिगुल बजते ही नये चेहरे आए सामने

क्लासमेट नहीं जानते कितनों के नाम

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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्रसंघ इलेक्शन का बिगुल बजते ही दावेदारों की बाढ़ आ गयी है। सभी पदों के लिए सैकड़ों दावेदार मैदान में आ गए हैं। इनके फ्लेक्स, पोस्टर व होर्डिग्स पूरे शहर में पट गए हैं। लेकिन बहुत सारे दावेदार ऐसे हैं, जिनको उनके क्लास के ही स्टूडेंट्स नहीं जानते। लेकिन वो अपना टेंपो हाई किए हुए हैं। ऐसा एक दो पोस्ट पर चुनाव लड़ने का दावा करने वालों के साथ नहीं है बल्कि सभी पोस्ट पर ऐसे दावेदार उतर गए हैं। ये कैसे अपनी हवा बनाएंगे, ये तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन बिना जाने पहचाने कैंडीडेट को स्टूडेंट्स कैसे अपना पदाधिकारी चुनेंगे यह बड़ा संकट है।

नहीं पहचानते क्लासमेट

यूनिवर्सिटी में इस बार सेशन लेट होने से बहुत सारे कोर्सेज में क्लासेज ही नहीं चली। जिससे एक ही क्लास में पढ़ने वाले बहुत सारे स्टूडेंट्स एक दूसरे को जानते ही नहीं हैं। अब जब स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन का बिगुल बज गया है तो एक साथ पढ़ने वाले स्टूडेंट्स में से कई मैदान में उतर गए हैं। सिचुएशन यह है कि वो मैदान में उतर तो गए हैं, लेकिन उनको अपने ही क्लास के सहपाठी जानते पहचानते नहीं है। ऐसे में उनका भविष्य क्या होगा, यह आने वाला समय ही बताएगा। नाम न लिखने की शर्त पर एक पूर्व अध्यक्ष ने बताया कि छात्रसंघ चुनाव से पहले बहुत सारे लोग पोस्टर, होर्डिग्स व फ्लेक्स लगाते हैं, लेकिन मैदान में उतरने से पहले ही वो बैक हो जाते हैं।

कहीं हवा तो नहीं बना रहे

एडमिशन लेते ही छात्रसंघ के लिए पदाधिकारी बनने की जुगत में लगने के पीछे कई बात हो सकता है। उनमें सबसे बड़ी बात कैंपस व क्लास में अपनी हवा बनाना भी है। यही वजह है कि बिना जान पहचान के ही ऐसे कई चेहरे हैं जो मैदान में हाथ पैर मारने लगे हैं। ये कब तक बने रहेंगे, यह तो नॉमिनेशन होने तक क्लीयर नहीं होगा। ऐसा पूर्व के कई पदाधिकारियों का कहना है।