-आरटीओ में लर्निग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन हुए टेस्ट में 111 एप्लिकेंट्स में से 90 फेल, मात्र 21 हुए पास

-मेन व सिटी ऑफिस में लगे दस कंप्यूटर्स पर लिया जा रहा है टेस्ट

VARANASI

आप यदि लर्निग लाइसेंस बनवाने आरटीओ जा रहे हैं तो रुक जाइए, बिना कंप्यूटर सीखे गए तो फेल होना तय है। अब लर्निग लाइसेंस बनवाने के लिए सभी आवेदकों को ऑनलाइन टेस्ट देना पड़ रहा है, उसके बाद ही उन्हें यह लाइसेंस जारी किया जा रहा है। सोमवार को आरटीओ के बाबतपुर व सिटी ऑफिस में लर्निग लाइसेंस के लिए टोटल क्क्क् आवेदकों ने ऑनलाइन टेस्ट दिया जिनमें से केवल ख्क् आवेदक ही पास हो सके जबकि 90 फेल हो गए।

क्भ् मिनट में क्भ् क्वेश्चंस

लर्निग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन टेस्ट तो जरूरी कर दिया गया है मगर बाकि सभी प्रॉसेस पुराने तरीके से ही होंगे। आवेदकों को फॉर्म भर कर फीस जमा करने और कंप्यूटर पर फोटोग्राफी, बायोमेट्रिक के बाद उनको कंप्यूटर पर यह टेस्ट देना पड़ रहा है। ऑनलाइन टेस्ट के लिए ऑफिस में दस कंप्यूटर्स लगाए गए हैं जिस पर एक साथ दस आवेदक ही टेस्ट दे रहे हैं। टेस्ट में टोटल क्भ् क्वेश्चंस हैं जिसे क्भ् मिनट में सॉल्व करना है। जैसे ही आवेदक नौ मा‌र्क्स प्राप्त करेंगे उनका रिजल्ट तत्काल सामने प्रदर्शित होगा और वे टेस्ट में पास हो जायेंगे। उसके बाद उनका लर्निग लाइसेंस जारी किया जायेगा।

फेल होने पर दो और मौका

लर्निग लाइसेंस के लिए होने वाले ऑनलाइन टेस्ट में फेल होने वाले आवेदकों को दो और मौके दिए जाएंगे। जिसमें पहला आवेदन करने की डेट से एक वीक बाद जबकि दूसरा मौका आवेदन डेट से पंद्रह दिन बाद दिया जायेगा। इसकी अलग से कोई फीस नहीं ली जाएगी। लेकिन तीन बार टेस्ट पास न कर पाने पर पुन: फॉर्म भरना होगा और नया आवेदन करना होगा। वहीं जिनको कंप्यूटर की जानकारी नहीं है। उनको समस्या हो रही है। ऐसा टेस्ट देने के लिए पहुंच रहे लोगों के फेल होने की संख्या को देखकर पता चल रहा है। ज्यादातर लोगों को कंप्यूटर के बारे में जानकारी ही नहीं है। किसी को माउस चलाना तो किसी को सब्मिट करने नहीं आ रहा है। इसके चलते आवेदन करने वालों में अधिकतर फेल हो जा रहे हैं।

इस टेस्ट को शुरू करने का मकसद डिपार्टमेंट से दलालों की छुट्टी करना है। जिसमें लर्निग लाइसेंस के आवेदकों को ऑनलाइन टेस्ट देना अनिवार्य कर दिया गया है।

ओपी सिंह, आरआई, आरटीओ