वाराणसी (ब्यूरो)बिजली विभाग अपनी लापरवाही की वजह से बैकफुट पर आ गया हैविभाग के जिम्मेदार कर्मियों की लापरवाही की वजह से आए दिन कर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ रही हैअब तक बनारस में सेफ्टी किट के अभाव में दो लाइनमैनों की काम के दौरान मौत हो चुकी है, वहीं काम के दौरान अब तक 6 से ज्यादा लाइनमैन घायल हो चुके हैंये लाइनमैन किसी तरीके से जीवन के बीच संघर्ष करते हुए अपने जीवन को बचा सकेलेकिन, विभाग की लापरवाही की वजह से अब तक दो लाइनमैन अपनी जान गवां चुके है वहीं जिम्मेदार अधिकारी जबाब देने को भी तैयार नहीं है.

केस नंबर 1

काम के दौरान लाइनमैन की मौत का पहला मामला बेनियाबाग उपकेन्द्र का हैइस उपकेन्द्र के लाइनमैन एनायतुल्ला उर्फ अब्दुल चेतगंज चौराहे पर शटडाउन लेकर फ्यूज बांध रहे थे कि उसी दौरान बिजली घर से बिना किसी सूचना के लाइट चालू कर दी गईइसकी चपेट में आने की वजह से वह कई दिनों तक हास्पिटल में संघर्ष करते रहे और फिर उनकी मौत हो गई.

केस नं 2

शहर में दूसरे लाइनमैन की मौत की घटना दिनदासपुर उपकेन्द्र से जुड़ी हुई हैइस फीडर के हीरापुर इलाके में लाइनमैन जंफर जोडऩे के लिए पोल पर चढ़कर काम कर रहा था कि इस दौरान बिजली चालू कर दी गई जिसके कारण सुरेन्द्र पटेल नामक लाइनमैन उसकी चपेट में आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई.

घटनाओं से लाइनमैनों में आक्रोश

लाइनमैनों की इस कदर से हो रही लगातार मौतों की वजह से उनके अंदर रोष का माहौल बना हुआ हैयहां तक लाइनमैन मजदूर यूनियन के बैनर तले कई बार विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैंलाइनमैनों की हमेशा से मांग रही है कि वह अपने जीवन को दांव पर लगाकर पोल पर चढ़कर काम करते हैंउन्हें सुरक्षित माहौल दिया जायेइसके साथ लगातार होने वाली घटनाओं में लिप्त जिम्मेदार लोगों पर विभागीय कारवाई के साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाये.

फाल्ट से हो रही है ऐसी घटनाएं

बिजली विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इन घटनाओं के पीछे विभाग के कर्मियों की लापरवाही ही होती हैबिजली घरों पर मौजूद जेई एवं एसडीओ शटडाउन की सूचना को जानते हुए भी बिजली सप्लाई कर देते हैं, जिसकी वजह से ऐसी घटनाएं हो रही हंैकहीं-कहीं पर तो लाइनमैन भी इसके जिम्मेदार होते हैं जो या तो उपकरणों एवं इन्फार्मेशन के अभाव में दुर्घटना के शिकार होते हैं.

लाइनमैनों के आवश्यक उपकरण

अर्थ चेन

ग्लब्स

सेल्फी बेल्ट

हेलमेट

बेनियाबाग वाले केस में एसएसओ को बर्खास्त कर दिया गया हैदूसरी घटना बारिश की वजह से लाइनमैन के पैर फिसलने की वजह से हो गई है। ïिवभाग के लाइनमैनों को सेफ्टी उपकरणों के साथ काम करने के लिए प्रमोट किया जा रहा हैनिसंदेह ऐसी घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हंै.

अनूप सक्सेना, अधीक्षण अभियंता, मंडल प्रथम

बिजली प्रबंधन से हमारी मांग है कि लाइनमैनों को टीएनपी उपकरण उपलब्ध कराए जाएंसाथ ही यह निर्देशित किया जाए कि बिना सेफ्टी उपकरणों के कोई भी लाइनमैन पोल पर चढ़कर काम न करेंयदि कहीं ऐसा पाया जाता है तो सुपरवाइजर के ऊपर कारवाई की जाए.

अंकुर पांडेय, संगठन मंत्री, मजदूर यूनियन

करंट से लाइनमैन घायल

शटडाउन लेने के बाद भी विद्युत स्पर्शाघात का मामला सामने आया हैसुंदरपुर चौराहे से सटे खोजवां वाले मार्ग पर बुधवार की देर रात मनोज पाल नामक लाइनमैन करंट से झटका खाकर पोल से गिर गयाउसके सिर में चोट आई हैउसे लाइफलाइन हास्पिटल में भर्ती किया गया हैनरिया उपकेंद्र से जुड़े इस पोल पर फाल्ट को ठीक करने के लिए लाइनमैन चढ़ा थाजानकारों का मानना है कि कभी-कभी हवाई बिजली या अगल-बगल की चालू लाइन भी अर्थ करंट उत्पन्न करती है जिससे झटके लगते हैंलाइनमैन के लिए अर्थ चेन व सेंसर हेलमेट इसीलिए जरूरी होता है.