वाराणसी (ब्यूरो)अब मैनुअल डीएल की जगह स्मार्ट कार्ड ने ले लिया हैसरकार के आदेश के बाद परिवहन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अब स्मार्ट कार्ड ही मान्य होंगेदरअसल पुराने मैन्युअल कार्ड दस्तावेज के प्रकार होते हैंवे ज्यादा समय में घिसकर खराब हो जाते हैैं और डाटा मिसप्रिंट हो जाता थाइससे ट्रैस करना कठिन हो जाता थाइन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखकर सरकार ने एक योजना वर्ष 2013 में लांच की थी और कहा था कि मैन्युअल कार्डधारक चेंज कराके नया स्मार्ट कार्ड जारी कराएंवहीं आदेश पारित किया था कि अब जो भी कार्ड बनाए जाएंगे, वह स्मार्ट कार्ड ही बनेंगे.

क्या होता है स्मार्ट कार्ड

स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस एक टेंपर प्रूफ प्लास्टिक कार्ड हैइसमें 64 केबी मेमोरी की एम्बेडेड माइक्रोप्रोसेसर चिप है जो आपकी सारी जानकारी स्टोर करती हैयह कार्ड कई सुरक्षा सुविधाओं के साथ आता हैयह रंगों के पैटर्न, डिजाइन, लोगो, होलग्राम आदि चीजों को धारित करता हुआ होता हैइस कार्ड का डुप्लीकेट नहीं बनाया जा सकता हैइस कार्ड के माध्यम से आरटीओ को ट्रैस करने में आसानी हो जाती है.

शहर में बढ़ा स्मार्ट कार्ड को लेकर क्रेज

अब शहर में स्मार्ट कार्ड बनवाने को लेकर लोगों में क्रेज बढ़ गया हैआरटीओ आफिस में रोजाना 50 से 70 लोग अपना कार्ड बनवाने के लिए टेस्ट देने के लिए पहुंच रहे हैैं और वहीं पर 300 से 400 के आसपास आनलाइन आवेदन भी मिल रहे हंैलेकिन, गर्मी ज्यादा होने की वजह से लोग उतनी संख्या में टेस्ट के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं.

स्मार्ट कार्ड दिखने में आधार कार्ड जैसा

स्मार्ट डीएल का लुक आधार कार्ड जैसा हैइसमें एक क्यूआर कोड बना होता है, जिसमें आपका सारा डाटा स्टोर होता हैस्मार्ट कार्ड रखने में आसान भी होता है और मैनुअल कार्ड की अपेक्षा यह लांग टाइम सेव भी रहता हैइसके क्यूआर कोड की मदद से आपकी सारी डिटेल ली जा सकती हैवहीं इस पर लगे कोड में आपके बैैंक अकाउंट की डिटेल भी होती है जिसकी मदद से परिवहन विभाग जुर्माना भी आसानी से वसूल सकता है.

डेडलाइन तक मैनुअल है मान्य

परिवहन विभाग ने आदेश दिया है कि मैनुअल कार्डधारियों के मैनुअल कार्ड डेडलाइन 31 मई 2022 तक मान्य होंगे, लेकिन उनको रिनुअल नहीं किया जाएगास्मार्ट कार्ड को फिर से बनवाना होगा और वही मान्य होगा.

परिवहन विभाग की योजना के तहत स्मार्ट कार्ड बनाए जा रहे हंैरेगुलर 60 से 70 लोग अपना टेस्ट देने के लिए आ रहे हैंयह योजना वर्ष 2013 से ही चल रही हैजल्द से जल्द लोगों को जागरूकता दिखाते हुए स्मार्ट कार्ड बनवा लेने चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े.

-पीयूष कुमार, रीजनल इंस्पेक्टर, डीएल शाखा, परिवहन विभाग, वाराणसी