वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में लगन सीजन में आगाज हो चुका हैशादियों-विवाह व अन्य मंगल कार्य फुल स्पीड में चल रहे हैैं लगन में खपत बढऩे से दूध, खोवा और पनीर समेत अन्य दूध के बने आइटम महंगे हो गए हैंबाजार में दूध और दूध से बने उत्पादों की कीमत आसमान छूने से कई घरों का बजट भी गड़बड़ा रहा हैदूध मंडियों में अच्छा दूध करीब 110 से 122 रुपये प्रति लीटर तक बिक रहा हैजबकि पनीर 470 से 510 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा हैवहीं, थोक खोवा मंडी, चौक व अन्य मंडियों में खोवा 390 से 410 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा हैकई लोगों ने बताया कि जिन लोगों ने पहले से ऑर्डर देकर बुकिंग कराई थी, उसी भाव पर इनदिनों माल देने में व्यापारी आनाकानी कर रहे हैं.

जरूरत बनी मजबूरी

कोविड के लॉकडाउन दौर के गुजरने के बाद इस साल अगहन की लगन भी करारी चल रही हैशहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में सिमित तिथियों पर बड़े पैमाने पर शादी- विवाह के कार्यक्रम हो रहे हैंलिहाजा, शहर के पहाडिय़ा, लंका, सारनाथ, विद्यापीठ, चौक, कमच्छा, गोदौलिया, चौकाघाट, शिवपुर, मैदागिन और लहुराबीर समेत अन्य बाजारों में बाजारों व मंडियों में दूध उत्पाद महंगे बिक रहे हैंशादी व अन्य कार्यक्रम की तिथि तय होने से मजबूरन लोगों को बाजार भाव पर ही खोवा, छेना और पनीर खरीदना पड़ रहा है.

घटी सप्लाई तो बढ़े दाम

रवींद्रपुरी के कैटरर सूर्यकांत का कहना है कि मांग की तुलना में मंडी में खोवा और पनीर की आवक कम रही हैग्रामीण क्षेत्रों में शादी की लगन अधिक होने की वजह से दूध और इससे बनी चीजों के भाव में तेजी आई हैखोवा व्यापारी प्रभंजन यादव ने कहा कि मंडी में खोवा की आवक कम हो रही है इसके चलते इन सामानों में महंगी देखी जा रही हैलगन के चलते आगामी दो हफ्तों तक कीमतों में उछाल मिलने के आसार हैं.

नियमित ग्राहकों को निराशा

दूध और खोवा मंडियों में इन दिनों सुबह से लेकर शाम तक भीड़-भाड़ लगी हुई हैकोई अपना ऑर्डर लेने पहुंचा है तो कोई हलवाई की डिमांड के आइटमों को लिस्ट लिए घूम रहा हैशहर के खोवा व दूध मंडियों में बढ़ी हुई कीमतों पर माल बिकने से दूधियों की चांदी हैवहीं, दूध कहीं और बढ़े दामों में बिक जाने पर दूधिये नियमित ग्राहकों को लौटा दे रहे हैं.

आंकड़ों पर एक नजर

दूध- 110 से 122 रुपए प्रतिकिलो

पनीर- 470 से 510 रुपए प्रतिकिलो

खोवा- 390 से 410 रुपए प्रतिकिलो

लगन के चलते खोवा, पनीर और छेना की कीमतों उछाल देखने को मिल रहे हैइससे खानपान और सर्विस का चार्ज का बजट भी बढ़ गया है.

सूर्यकांत, कैटरर, रवींद्रपुरी

लगन समान रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चल रही हैअधिकांश दूध व दूध उत्पाद गांवों में अच्छे दामों पर बिक जा रहे हैैंइस तेजी के असर से शहर भी नहीं बच सका है.

प्रभंजन यादव, खोवा व्यापारी, सिगरा