वाराणसी (ब्यूरो) बनारस में गंगा पार से बालू उठाने का मामला अब तूल पकडऩे लगा हैअस्सी घाट से राजघाट तक के बीच पांच किमी तक बनी नहर के ब्रेस्ड मैटेरियल के उठान का टेंडर पिछले साल निकाला गया थाटेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बालू का उठान कर लिया गयाइसके बाद जब गंगा में बाढ़ आई तो न नहर बची न बालू, लेकिन इसके बाद भी खनन किया जाता रहादो माह से चल रहे खनन का प्रशासन के पास कोई आकलन नहीं हैयही नहीं जब दिसंबर में टेंडर की अवधि पूरी हो गई तो इस समय किस टेंडर के तहत बालू उठाया जा रहा था, इसका जवाब किसी के पास नहीं हैअब मामले में 17 फरवरी को राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने वाराणसी के डीएम को सभी आवश्यक दस्तावेज व बालू खनन की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.

कोई रिकॉर्ड नहीं

सूत्रों की मानें तो विभाग के पास गंगा पार बालू के लिए किए गए खनन का कोई रिकॉर्ड नहीं हैवर्तमान में गंगा में बालू के लॉट उठाए जा रहे हैं, जिसका प्रशासन ने न तो कोई टेंडर निकाला है और न ही किसी प्रकार का कोई आदेश जारी किया है

ये है पूरा मामला

गंगा में वाटर चैनल बनाने के उद्देश्य से लगभग पांच किमी में अस्सी घाट से लेकर राजघाट के बीच नहर का निर्माण सिंचाई विभाग की ओर से कराया गयाइसमें लगभग 12 करोड़ रुपए खर्च किए गएतर्क दिया गया कि गंगा में पानी के दबाव को कम करने व घाट बचाने के लिए पांच किमी नहर का निर्माण कराया गया हैलेकिन विभाग की ओर से नहर निर्माण से पहले किसी एक्सपर्ट की राय तक नहीं ली गई, जबकि इनवायरमेंटल मामलों में डिस्ट्रीक्ट सर्वे रिपोर्ट तैयार की जाती हैइसके बाद इनवायरमेंटल इंफेक्ट असेसमेंट किया जाता है, लेकिन यहां कुछ नहीं कराया गया.

एक जून 2021 को एड

एक जून 2021 को गंगा में बनी नहर के ब्रेस्ड मैटेरियल के उठान के लिए एड निकाला गयाटेंडर की प्रक्रिया पूरी होते ही ब्रेस्ड मैटेरियल का उठान शुरू हो गयाबाढ़ आने से पहले तक लगभग पूरा उठान कर लिया गया थाबाढ़ के बाद नवंबर मिड से फिर खनन शुरू हो गयाजबकि नहर पूरी तरह से ध्वस्त होकर गंगा में विलीन हो गई थी.

मनमाने ढंग से खनन

बाढ़ का पानी उतरते ही जिस फर्म को जहां मन किया वहीं अवैध खनन कर बालू उठा लिया गयाजिन फर्मों को लॉट दिया गया था, उन्होंने गंगा पार से जमकर अवैध खनन कियाइस दौरान जेसीबी का उपयोग भी किया गया.

लगाई गई रोक

एनजीटी में केस फाइल होते ही खनन पर रोक लगा दियावर्तमान समय में सिर्फ एक जगह पर खनन हो रहा हैखनन विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक जिन्हें टेंडर मिला था उन्होंने बाढ़ के दौरान प्रार्थना पत्र भी दिया थाअब मामले को लेकर डीएम ने विभाग से रिपोर्ट तलब की हैकमिश्नर ने भी जांच के लिए कमेटी बनाई है

खनन से पूर्व के ये जरूरी

1. डीएसआर होता है तैयार

2. इनवायरनमेंट इंपेक्ट असेसमेंट

3. मौके पर सीसीटीवी

4. नियमित पेट्रोलिंग

5. प्रतिदिन रिपोर्टिंग

किस लॉट को कितना था निकालना

लॉट 2 - 87200 घनमीटर

लॉट 3 - 7364 घनमीटर

लॉट 5 - 28940 घनमीटर

लॉट 7- 57500 घनमीटर

लॉट 8 - 28475 घनमीटर

लॉट 9 - 44000 घनमीटर

डीएम के आदेशानुसार खनन के लिए ई-टेंडर कराकर रेत का उठान किया गयाजिस लॉट को जितना आवंटन किया गया था, उसी हिसाब से रेत उठाया गयाइसमें कुछ भी अवैध नहीं है.

- परिजात त्रिपाठी, खनन अधिकारी

ये पूरा मामला अवैध खनन का हैगंगा में जो नहर बनाई गई थी, वही गलत थापिछले साल बाढ़ में जब नहर गंगा में समा गई तो प्रशासन खनन किसका करा रहा थाइसका जवाब प्रशासन को देना ही होगा

- सौरभ तिवारी, अधिवक्ता

गंगा पार नहर में निश्चित समय बीत जाने के बाद भी खनन का खेल चल रहा थाडीएम ने नियम विरुद्ध जाकर खनन का आदेश दिया, जो पूर्ण रूप से गलत है

  • अवधेश दीक्षित, याचिकाकर्ता