अन्याय प्रतिकार यात्रा के दौरान गोदौलिया पर हुए बवाल के मामले में पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट

-विधायक ज्यूडिशियल कस्टडी रिमांड बढ़ी, अगली सुनवाई दस नवंबर को

-पेशी के लिए फतेहगढ़ जेल से लाया गया बनारस

-रासुका मामले में एडवाईजरी कमेटी का नहीं आया है फैसला

VARANASI

अन्याय प्रतिकार यात्रा के दौरान हुए बवाल में मुख्य साजिशकर्ता के आरोप में रासुका के तहत निरुद्ध विधायक अजय राय की शनिवार को स्थानीय कोर्ट में पेशी हुई। पुलिस ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसमें एमएलए के अलावा ख्क् अन्य लोगों को भी आरोपित बनाया गया है। इनमें से क्म् अभी जेल में निरुद्ध है जबकि छह को जमानत मिल चुकी है। चार्जशीट में पुलिस ने विधायक के खिलाफ दो धाराएं और बढ़ा दी है।

भ्क्7 पन्ने की चार्जशीट

मामले की विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर संजय राय ने बताया कि भ्क्7 पन्ने की चार्जशीट तैयार की गयी है। इसमें कुल ख्ख् लोगों को आरोपित बनाया गया है। जिसमें कांग्रेस विधायक अजय राय मुख्य साजिशकर्ता बनाए गए हैं। मामले की सुनवाई के लिए शनिवार को विधायक अजय राय को कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (षष्ठम) की अदालत में पेश किया गया। इस दौरान सुबह से ही उनके सैकड़ों समर्थक कोर्ट परिसर में मौजूद रहे। पेशी के बाद उन्हें फतेहगढ़ की जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने विधायक के खिलाफ धारा क्88 और फ्ब् पुलिस एक्ट का इजाफा किया है।

एडवाइजरी कमेटी का फैसला आना बाकी

विधायक अजय राय को अभी राहत मिलती नहीं दिख रही है। उनकी ज्यूडिशियल कस्टडी रिमांड बढ़ा दी गयी है। इसकी वजह रासुका के मामले में फैसला अभी आना बाकी है। हालांकि अजय राय शुक्रवार को लखनऊ में रासुका मामले के लिए बनी एडवाइजरी बोर्ड के सामने अपना पक्ष रख चुके हैं। कमेटी ने विधायक का बयान दर्ज कर लिया है। अजय राय ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि प्रशासन ने उनके खिलाफ जानबूझकर राजनीतिक कारणों से रासुका की कार्रवाई की है। उनके बयान के बाद बनारस के डीएम और एसएसपी का भी बयान दर्ज किया गया है।

बीजेपी की सहानुभूति नाटक : अजय राय

पेशी पर आए विधायक अजय राय ने बीजेपी की सहानुभूति को नाटक करार दिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बीजेपी की ओर से जो सहानुभूति दिखायी जा रही है वह सरासर नाटक है। बीजेपी डैमेज कंट्रोल के लिए यह चाल चल रही है। जबकि सब उनके ही इशारे पर हो रहा है। कलराज मिश्र की ओर से अजय राय पर रासुका की कार्रवाई को गलत बताया गया था।