'मोहल्ले का हाल'

- पार्षद को नहीं पड़ता फर्क, जनता के लिए एरिया बन गया है नर्क

- रानीपुर मोहल्ले में पीने का पानी, सड़क और सफाई से लोगों का हाल है बुरा

VARANASI

नल खोलते ही पानी ऐसा आता है कि लगता है कनेक्शन सीवर लाइन में जोड़ दिया गया है। सड़क पर चलिए तो लगता है पहाड़ी एरिया में चल रहे है। इस एरिया में स्ट्रीट लाइट का पोल तो लगा है लेकिन वह खुद को देख ले यहीं बहुत है। रास्ते पर रोशनी क्या करेंगे। ये सारी परेशानी अलग-अलग एरिया की नहीं जनाब सिर्फ रानीपुर मोहल्ले का हाल है।

पांच साल से नहीं बनी सड़क

रानीपुर के रहने वालों का कहना है कि इस मोहल्ले में आने वाली सड़क को सीवर लाइन बिछाने के लिए खोदा गया था। लेकिन वह अब तक नहीं बनी हैं। पांच साल बीत गया है लेकिन कोई सुधि लेने वाला नहीं है। यहां के पार्षद अजय कुमार गुप्ता भी जीतने के बाद झांकने तक नहीं आते है। विकास कार्य तो दूर की बात है।

पार्षद को नहीं कोई मतलब

यहां के पार्षद को लोगों ने इसलिये चुना था कि वह जनता की समस्या को दूर करेंगे। लेकिन वह समस्या नहीं खुद ही जनता से दूर हो गये है। उन्हें इनकी समस्या से कोई मतलब नहीं है। इस एरिया में पानी, रोड, स्ट्रीट लाइट और कूड़ा सबसे बड़ी परेशानी है।

हफ्तों नहीं उठता है कूड़ा

नगर निगम कूड़ा उठान के लिए योजनाएं तो बहुत बना रही है लेकिन इस मोहल्ले का जो हाल है उसके लिए सफाई और कूड़ा उठान यहां हफ्तों तक नहीं होता है।

सीवर की पाइप डालने के लिए खोदाई की गयी थी, लेकिन रोड पांच साल तक नहीं बनायी गयी है। यहां पर चलना भी दुश्वार हो जाता है। पार्षद को परेशानी से कोई मतलब नहीं है।

सत्येंद्र कुमार सिंह, स्थानीय निवासी

इस एरिया में पीने के पानी की बहुत बड़ी परेशानी है। आये दिन सप्लाई वाटर में सीवर का पानी आने लगता है। शिकायत करने के हफ्तों बाद उसे ठीक किया जाता है।

अरुण अग्रवाल, स्थानीय निवासी

सप्लाई वाटर गंदा आता है, स्ट्रीट लाइट खराब है, सड़क की हालत ऐसी की लोग रोज गिरते है, कूड़ा कभी कभार उठाया जाता है। वहीं हमारे पार्षद और नगर निगम के अधिकारी अपने कान में तेल डालकर बैठे हैं।

राकेश केशरी, निवासी

इस मामले में जब पार्षद अजय कुमार गुप्ता से संपर्क करने के लिए फोन किया गया तो वह शाम पांच बजे से रात नौ बजे तक बंद ही मिला। इससे यह साफ हो जाता है कि इन जनाब को जनता की परेशानी से कितना सरोकार है।