- कैबिनेट से मंजूरी के बाद बनारस मेट्रो प्रोजेक्ट को मिली पहली किस्त

- शासन के निर्देश के बाद भी डीपीआर के लिए करना पड़ रहा है इंतजार

- राइट्स ने वीडीए को सौंपी फाइनल डीपीआर, कमेटी स्टडी कर वीडीए को देगी रिपोर्ट, कमिश्नर लगायेंगे मुहर

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बनारस में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए कैबिनेट की ओर से पहली किस्त की घोषणा कर दी गयी है। मेट्रो प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने के लिए स्टेट कैबिनेट ने 50 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही कानपुर में मेट्रो प्रोजेक्ट की शुरुआत करने के लिए भी 50 करोड़ रुपये देने की घोषणा की गयी है। लेकिन इस फंड के आने में अभी वक्त है। वहीं बनारस के मेट्रो की डीपीआर भी अब तक शासन को नहीं पहुंची है। बुधवार को डीपीआर मिलने के बाद इस पर कमिश्नर की मुहर लगने की उम्मीद है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपना अंतिम बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने ये घोषणाएं की है। उम्मीद जतायी जा रही है कि मार्च में बनारस और कानपुर में मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट की शुरुआत कर दी जाएगी। इस बजट में लखनऊ मेट्रो के लिए 814 करोड़ रुपये देने का एलान किया गया है। इसके लिए बनारस को जल्द से जल्द अपना फाइनल डीपीआर सबमिट करने का निर्देश दिया गया है।

डीपीआर के लिए गठित की गयी टीम

मेट्रो ट्रेन की डीपीआर तैयार कर रही कंपनी राइट्स ने पहले सॉफ्ट कॉपी और अब हार्ड कॉपी वीडीए को सौंपी है। इसकी स्टडी करने के लिए वीडीएम ने पांच सदस्यी टेक्निकल कमेटी गठित की है। ये कमेटी डीपीआर की स्टडी करेगी और जरुरत के अनुसार इसमें संसोधन किया जाएगा। इसके बाद उसे कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण को सौंपा जाएगा। इस टीम में वीडीए के तकनीकी विशेषज्ञ समेत अन्य संबंधित विभाग के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। उम्मीद जतायी जा रही है कि एक सप्ताह में डीपीआर शासन को भेज दिया जाएगा।

फ्लाई ओवर ने खड़ी की है परेशानी

पीडब्ल्यूडी ने इंग्लिशिया लाइन पर बनने वाले वाई आकार के ओवरब्रिज के पिलर को लेकर परेशानी आने की आशंका जताई थी। कमिश्नर ने पिछली बैठक में राइट्स व मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लखनऊ के अधिकारियों से वैकल्पिक व्यवस्था कर स्थिति स्पष्ट करने की बात कही थी। वहीं कैंट में मेट्रो स्टेशन के अंदर ही अंदर रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर यात्रियों को आने-जाने के लिए सुविधा दिये जाने का सुझाव दिया था।

लापरवाही में लटकी डीपीआर

ड्राफ्ट डीपीआर को लेकर विभागों में सामन्जस्य न होने के कारण इसे स्टडी करने के लिए उन्हें दिया गया था। लेकिन समय सीमा बीतने पर भी किसी कुछ विभागों ने स्टडी नहीं किया। जिसके कारण वीडीए बोर्ड और राइट्स टीम के साथ अन्य विभागों की हुई पिछले माह हुई बैठक में फाइनल डीपीआर का सिर्फ प्रेजेंटेशन ही हो पाया था।

अगले माह शुरु हो सकता है काम

स्टेट गवर्नमेंट बनारस मेट्रो प्रोजेक्ट को 2017 के विधान सभा चुनाव से पहले कुछ रूट पर ही सही लेकिन चला दिया जाएगा। कैबिनेट बैठक में संकेत मिले हैं कि मेट्रो प्रोजेक्ट की शुरुआत बनारस में मार्च के अंत तक कर देनी है।

ये है मेट्रो का प्लान

- बीएचयू से भेल और बेनियाबाग से सारनाथ तक के दो रूट के लिए राइट ने 12256 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाया है।

- मेट्रो के दोनों रूट को स्टार्ट करने का लक्ष्य 2021 रखा गया है।

- बीएचयू से भेल तक 19.33 किमी रूट पर 8418 करोड़ का आयेगा खर्च।

बेनिया से सारनाथ रूट पर 9.88 किमी का खर्च 3838 करोड़ रुपये का होगा।

- दोनो मेट्रो रूट का टर्मिनल बेनियाबाग में होगा।

बीएचयू से भेल तक 17 और बेनिया से सारनाथ तक नौ स्टेशन बनाये जाएंगे।

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फाइनल डीपीआर अभी तक मेरे पास नहीं आयी है। मुझे फाइनल डीपीआर मिल जाएगी उसके बाद इस शासन को भेजा जाएगा।

नितिन रमेश गोकर्ण, कमिश्नर