वाराणसी (ब्यूरो)यूपी सरकार प्रदेश में विकास की राह पर तेजी से लेकर चल रही हैविकास के साथ ही सरकार सामाजिक दायित्वों का निर्वहन भी कर रही हैसीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर प्रदेश के गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह की जिम्मेदारी सरकार उठा रही हैयोगी सरकार के पिछले पांच साल में सामूहिक विवाह में शामिल होने वालों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है, जिसमें अल्पसंख्यक जोड़े भी बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैंजिला समाज कल्याण अधिकारी जीआर प्रजापति ने बताया कि सीएम सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश में 2017 में सरकार बनने के साथ लागू की गयी थीवाराणसी में वित्तीय वर्ष 2018-19 में 377 जोड़ों की शादी हुई थी, जबकि ये संख्या वित्तीय वर्ष 2022 -23 तक आते आते बढ़कर 704 पहुंच गई हैयोजना का लाभ अल्पसंख्यक समुदाय के जोड़े भी ले रहे हैंवाराणसी में पिछले पांच साल में 53 अल्पसंख्यक जोड़ो का निकाह सीएम सामूहिक विवाह योजना के तहत हुआ हैयोगी सरकार का यूपी की सत्ता संभालने के बाद पिछले 5 साल में सामूहिक विवाह में जोड़ों की संख्या बढ़ रही है, जिसे इस वित्तीय वर्ष में दोगुना होने की उम्मीद है.

वित्तीय वर्ष जोड़ों की संख्या

2018 -19 377

2019 -20 401

2020 -21 280

2021 -22 535

2022 -23 704 (दिसंबर तक)

बेटियों के खाते में जाते हैं 35 हजार

सीएम सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रति लाभार्थी 51 हजार रुपये खर्च किए जाते हैं, जिसमें 35 हजार लाभार्थी कन्या के खाते में, 10 हजार का सामान और 6 हजार रुपये प्रति लाभार्थी आयोजन पर खर्च होता हैसामान में वर और वधु के वस्त्र, साफा, चुनरी, चांदी की पायल-बिछिया, टिन का बक्सा, बर्तन, प्रेशर कुकर जैसी रोजमर्रा की गृहस्थी के सामान भी दिए जाते हैं.

600 करोड़ रुपये का प्रावधान

उल्लेखनीय है कि 2017 में पहली बार सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत कराई थी। 2017-18 में 14580, 2018-2019 में 42371, 2019-2020 में 47097, 2020-2021में 22780, 2021-2022 में 49644 और 2022-2023 में अब तक 15 हजार से ज्यादा जोड़ों को लाभान्वित किया जा चुका हैउल्लेखनीय है कि इस योजना का उद्देश्य शादियों में अनावश्यक प्रदर्शन और फिजूलखर्ची को खत्म करने के साथ ही गरीब परिवारों की बेटियों के ऐसे विवाह की व्यवस्था करना है जिसमें जिले के वीआईपी जुटे होंयह सिलसिला जारी रहे इसके लिए बजट में 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है

मददगार बनी यह योजना

यह योजना बाल विवाह रोकने में मददगार हो रही हैबेटी की शादी के बोझ से निश्चिंत होने के बाद आम तौर पर उसके अभिभावक उसकी पढ़ाई पर भी ध्यान दे रहे हैंइस तरह इससे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का भी नारा साकार हो रहा है.