जिसे दी बेटी उसे ही पिलाया जहर

ताजा घटना है जंसा के भाऊपुर की। यहां के लोगों के लिए गुरुवार की सुबह चौंकाने वाली थी। एक खेत में अज्ञात युवक की लाश देख सनसनी फैल गयी। कोई नहीं पहचान पा रहा था कि मरने वाला कौन है और कहां से आया है। लाश कई जगह से काली और नीली पड़ी थी जो ये दर्शा रहा था कि मौत की वजह जहर है। पुलिस पहुंची तो एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ। भाऊपुर के एक शख्स ने ये खुलासा करके सबको हैरान कर दिया कि लाश किसी और की नहीं बल्कि मौका ए वारदात पर काफी देर से मौजूद राम प्रसाद के दामाद की है। फिर क्या था। पुलिस फास्ट हुई और भाऊपुर के रहने वाले रामप्रसाद से कड़ाई से पूछताछ की तो वो सच सामने आया, जिसकी किसी को उम्मीद न थी।

जेब से मिला रेलवे टिकट

जब तक पुलिस को ये नहीं पता था कि लाश किसकी है तब तक उसके शिनाख्त की हर कोशिश की गयी। जेब की तलाशी में मुंबई से वाराणसी तक पांच अप्रैल का एक  रेल टिकट और मोबाइल फोन मिला। मगर जैसे ही एक शख्स ने ये बताया कि अरे ये तो राम प्रसाद का दामाद है तो अचानक की एक बड़े ड्रामे का पर्दा उठ गया।

बाप ने सुनाई पूरी कहानी

रामप्रसाद और उसके दो बेटों से पूछताछ के बाद पुलिस ने मृतक के बाप को बुलाया। रोहनिया के कनेई निवासी मिठाई लाल ने मौके पर पहुंच लाश की शिनाख्त अपने बेटे पंकज के रूप में। मिठाई लाल ने ही सिलसिलेवार पूरी कहानी सुनाई तो पुलिस भी दंग रह गयी। मिठाई के मुताबिक पंकज उनके तीन बेटों में दूसरे नंबर पर था। बड़े बेटे पवन उर्फ राजेश की शादी रामप्रसाद की बड़ी बेटी गीता से हुई है जबकि पंकज और नीतू की शादी लव मैरिज थी। इस तरह एक ही परिवार की दो बेटियां मिठाई लाल के घर बहू बन कर पहुंची।

नीतू की थी दूसरी शादी

मिठाई लाल ने ये भी खुलासा किया कि नीतू की पंकज से दूसरी शादी थी। नीतू की पहली शादी मिर्जामुराद के संजीव से हुई थी लेकिन पति पत्नी के बीच विवाद के चलते नीतू ने संजीव को छोड़ दिया। इसी बीच नीतू और पंकज के बीच नजदीकियां बढ़ी और दोनों ने 2010 में लव मैरिज कर ली। इस शादी को लेकर मिठाई लाल पंकज से खफा थे जबकि रामप्रसाद व उसके दोनों बेटे सुरेश व राजेश खुश थे। उन्होंने ही पंकज को अपना घर-जमाई बना लिया। बाद में पंकज की नौकरी मुम्बई के एक इम्ब्राइडरी कारखाने में लगा दी। काफी दिनों से पंकज मुम्बई में ही नीतू व बच्चों के साथ रह रहा था।

चाल-चलन पर हुआ टकराव

इस लव मैरिज में नया मोड़ तब आया जब मुम्बई में पंकज और नीतू के बीच तकरार बढऩे लगी। मिठाई लाल का आरोप है कि नीतू के करेक्टर को लेकर पंकज परेशान था। इस पर नीतू ने पंकज से तलाक के लिए प्रेशर भी बढ़ा दिया। राम प्रसाद और उसके बेटे भी पंकज पर नीतू को छोडऩे के लिए दबाव बनाने लगे। इसी मामले में बातचीत के लिए राम प्रसाद ने पंकज को मुम्बई से अपने घर बुलाया। छह अप्रैल को पंकज अकेले ही मुम्बई से बनारस आया और अपने रोहनियां घर पर कुछ दिन रहने के बाद दो-तीन से ससुराल में आकर रहने लगा। उसे रास्ते से हटाने के लिए राम प्रसाद और बेटों ने मिलकर जहर दिया।

स्निफर डॉग ने दिया आखिरी सुराग

वैसे तो पुलिस को राम प्रसाद एंड संस पर तभी शक हो गया था जब उन्होंने मौके पर मौजूद रहते हुए भी डेडबॉडी को पहचानने से इंकार कर दिया था। फिर मृतक के पिता मिठाई लाल का खुला आरोप भी ससुराल वालों की तरफ ही इशारा कर रहा था। मगर पुलिस का शक यकीन में तब बदला जब स्निफर डॉग को बुलाया गया। स्निफर डॉग डेडबॉडी सूंघने के बाद राम प्रसाद के पम्पिंग सेट पर पहुंची और फिर तेजी से आधा किमी दूर सीधे राम प्रसाद के घर जा पहुंची। घर में एक बंद कमरे की ओर डॉग का इशारा हुआ तो पुलिस ने ताला तोड़ा। इसके बाद स्निफर डॉग वहीं जाकर बैठ गई तब पुलिस ने राम प्रसाद व बेटों को गिरफ्तार कर लिया।