वाराणसी (ब्यूरो)साइबर ठगी का नया ट्रेंड सामने आ रहा हैफ्रॉडस्टर पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को फोन कर रहे हैं कि उनका पति या भाई संगीन अपराध में पकड़ा गया हैबात रफादफा करना है या जेल भेजना है, तय कर लोसीधी धमकी से घरवालों को धमका कर जालसाज पैसा ऐंठ रहे हैंठगी का धंधा वॉइस क्लोनिंग (आवाज की नकल) के जरिये चलाया जा रहा हैसाइबर ठग इतने शातिर हैं कि आपे परिवार के किसी भी मेंबर की आवाज सुनाकर आपसे रुपए मांगते हैंऐसे कॉल पर परिवार के सदस्य को बचाने के लिए या छुड़वाने के लिए बिना सोचे समझे हड़बड़ाहट में पैसे भी ट्रांसफर भी कर देते हैंशहर में भी कई लोग ठगों के इस पैंतरे में फंस चुके हैं.

केस 1

हैलो, मैैं दिल्ली क्राइम ब्रांच से बोल रहा हूंआप सिगरा निवासी मिस्टर रमेश गुप्ता (काल्पनिक नाम) की वाइफ बोल रही हैैंआपके हसबैैंड एलआईसी में सीनियर मैनेजर हैैंउनका एक्सीडेंट हो गया हैइस दौरान उनके पास से अवैध सामग्री मिली हैैंइस मामले में उन्हें जेल हो सकती हैउन्होंने हसबैैंड से बात भी कराई और कहा कि अगर उन्हें छुड़ाना है तो एक लाख रुपए भेज दीजिएइस पर महिला ने अपने परिचित से उधार लेकर 80 हजार रुपए देकर मामले को रफादफा कर दियाबाद में उसे मालूम हुआ कि उसके साथ फ्रॉड हुआ हैइसके बाद उन्होंने साइबर थाना में केस दर्ज कराया.

केस 2

हैलो, आप डॉक्टर मोहन लाल (काल्पनिक नाम) बोल रहे हैैंमैैं करनाल, हरियाणा क्राइम ब्रांच से बोल रहा हूंआप वाराणसी के रेपुटेडेड डॉक्टर हैैंइसलिए बता रहा हूं कि आपका भाई अवैध सामग्री रखने के आरोप में हमारे कब्जे में हैअगर मामले को रफादफा करना है तो दो लाख रुपए भेज दीजिएडॉक्टर को जब शक हुआ तो उसने अपने परिचित को फोन कर दियाइसके बाद उसे फ्रॉड के बारे में जानकारी हुई तो शनिवार को साइबर थाना पहुंचेहालांकि, फ्रॉड नहीं होने के कारण थाने में मामला दर्ज नहीं किया गया और आगे से ऐसे मामलों में अलर्ट रहने को कहा गया.

अंजान कॉल पर न करें भरोसा

साइबर एक्सपर्ट श्यामलाल गुप्ता ने बताया कि ठगों के फोन उन लोगों के पास ज्यादा आते हैं, जिनके पति या बच्चे बाहर रहकर जॉब करते हैैंइससे जाहिर है कि फ्र ॉडस्टर उनके संस्थानों से ही उनका डाटा हासिल कर रहे हैैंऐसे फोन कॉल पर एकदम भरोसा नहीं करेंअंजान कॉल आए तो पहले अपने परिजनों की लोकेशन लेंपरिजनों का फोन नहीं लगे तो उनके दोस्तों या बॉस को कॉल कर उनकी लोकेशन पता करें.

ये ट्रेंड भी चलन में

वर्तमान में साइबर फ्रॉडस्टर नए-नए तरीके अपना रहे हैैंपार्ट टाइम जाब, इनवेस्टमेंट के नाम पर, टास्क पूरा करने के नाम पर अधिकतर फ्रॉड कर रहे हैैंसाइबर फ्रॉडों द्वारा लोगों को टारगेट करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन अलग-अलग भाषाओं में तैयार कर दिया जाता हैविज्ञापन के लिए गूगल और मेटा का इस्तेमाल होता है यानी वेबसाइट, फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप, टेलीग्राम, ट्विटर, लिंक आदि माध्यम से पार्ट टाइम जॉब या किसी लिंक या पोस्ट को लाइक करने का काम या इनवेस्टमेंट का हाई रिटर्न देने का प्लान बताते हैंशुरू में इनके द्वारा अच्छा रिटर्न या जॉब के बदले पैसा देकर विश्वास में लेते हैं और विश्वास में लेने के बाद छोटी-छोटी धनराशि के माध्यम से इनवेस्टमेंट कराते हैैं और फिर बड़ी धनराशि इनवेस्ट कराकर लिंक अथवा वेबसाइट को ब्लॉक कर देते हैं.

बिजनेस के बहाने 6 लाख की ठगी

पेंसिल पैङ्क्षकग के बदले अच्छी कमाई का लालच देकर साइबर ठगों ने छह लाख रुपए ठग लिएशिवपुर थाना क्षेत्र के भरलाई निवासी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि पत्नी ने छह जनवरी को फेसबुक पर नटराज पेंसिल का विज्ञापन देखाउसमें कम रुपये निवेश करके पेंसिल पैङ्क्षकग व्यवसाय शुरू करने के बारे में बताया गया थाउस पर दिए गए नंबर 9861742994 पर फोन करने पर उससे नटराज पेंसिल की आइडी बनाने के लिए 620 रुपए की मांग की गईइसके बाद नटराज पेंसिल का मालिक बनकर रजिस्ट्रेशन फीस, जीएसटी रजिस्ट्रेशन समेत कई बहाने से कई बार में छह लाख 11 हजार रुपये ऐंठ लियाअभी और रुपयों की मांग की जा रही है.

ऐसे करें बचाव

-किसी भी लिंक या वेबसाइट की वैद्यता जांच कर लें.

-ज्यादा रिटर्न सदैव फ्र ॉड करने के उद्देश्य से दिया जाता है, इससे बचें.

-जॉब/पार्ट टाइम जॉब में अपनी गोपनीय जानकारी कभी नही दें.

-किसी भी तरह का रिमोट एक्सेस साफ्टवेयर जैसे क्विकसपोर्ट, एनीडेस्क आदि कभी भी इंस्टाल न करें.

यहां करें कंप्लेन

7839856954- हेल्पलाइन साइबर सेल (वाराणसी)

1930- साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर

एनसीसीपीआर- नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल

बैंक, बिजली और दूसरे विभागों के अधिकारी बनकर ठगी के तरीके लोग समझ चुके हैंइसलिए जालसाजों ने नया तरीका अपनाया हैउनकी नजर में परिजनों को पुलिस के कब्जे में सुनकर माता-पिता या पत्नी घबरा कर उनके बचाने के लिए पैसा देने से नहीं चूकेंगेइसलिए यह हथकंडा अपना रहे हैंऐसी कई शिकायतें सामने आई हैं.

विजय नारायण मिश्रा, साइबर थाना, वाराणसी

फैक्ट एंड फीगर

12 से 15 साइबर क्राइम की घटनाएं हो रहीं डेली

350 ठगी के मामले इस साल आए हैैं अब तक

30 मामले दर्ज किए गए साइबर थाना में

03 करोड़ रुपए से अधिक का हुआ फ्रॉड

2693 केस बीते साल साइबर सेल में दर्ज