-सफाई के बाद धातु की मोटी परत चढ़ाने की तैयारी

-काम की निगरानी करेगा जलकल विभाग

VARANASI

अंग्रेजों के जमाने के शाही नाले को नया जीवन देने की कवायद शुरू हो गयी है। अस्सी से लेकर भेलूपुर तक सफाई होने के बाद इस पर मोटी धातु की परत चढ़ाए जाने की तैयारी है। जल निगम की ओर से यह काम फरवरी माह में शुरू होगा। यह परत सिलिकॉन धातु जैसी चिकनी तीन मिमी मोटी होगी। काम की निगरानी जलकल विभाग करेगा। शाही नाले के दुरुस्त होने से शहर में सीवर की बड़ी समस्या दूर होगी। जलकल के सचिव आरएस सक्सेना के अनुसार नाले की ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए सावधानी से कार्य हो रहा है। मजबूती के लिए नाले की भीतरी दीवार पर धातु की परत चढ़ाई जाएगी।

कई एरिया से गुजरता है नाला

शाही नाले की दीवार क्ख् इंच लंबे व छह इंच चौड़े और साढ़े तीन इंच मोटे ईट से बनी है। ईट की जोड़ाई सूर्खी, चूना व गुड़ से की गई है। वक्त के साथ ये कमजोर होने के साथ जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो रही है। शाही नाला अस्सी से भेलूपुरा थाना, रेवड़ी तालाब, गिरजाघर, नई सड़क, बेनियाबाग पार्क, नगर निगम के दशाश्वमेध जोन कार्यालय, पियरी चौकी, कबीरचौरा स्थित जिला महिला अस्पताल व मंडलीय अस्पताल, लोहटिया, मैदागिन चौराहा, कोतवाली, विशेश्वरगंज, मछोदरी, तेलियानाला, कमलगढ़हा, जीटी रोड, पलंग शहीद से खिड़किया घाट के पास जाकर गंगा में मिलता है। इसका बहाव वर्ष क्98ख्-क्98ब् में बाधित हुआ था। जल संस्थान द्वारा बेनियाबाग में बनाई गई भूमिगत वाटर टैंक अंडर ग्राउंड शाही नाले के ऊपर से बनाई गई जहां से शाही नाले को खोद कर तिरछा करके मिलाया गया है। शाही नाले में सात फाटक लगे हैं। जरूरत पड़ने पर शाही नाले के फाटक को बंद करके पीछे से आ रहे पानी को रोक कर नाले की सफाई कराई जा सके। शाही नाले की गहराई अस्सी घाट पर क्ख् फीट, नई सड़क पर ख्ख् फीट व मछोदरी पर ख्8 फीट है। नाले में उतरने व चढ़ने के लिए सीढ़ी लगी है।