डेंगू, मलेरिया, टायफाइड और चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारियों ने शहर के 75 परसेंट लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया हैहालात यह है कि हर दूसरा आदमी इन बीमारियों से अपनी जान बचाने के लिए ब्लड और प्लेटलेट्स के लिए परेशान हैसुबह हो या रात हाथ में पर्चा लिए ब्लड बैंक में दौड़ लगा रहा हैकिसी को ओ पॉजिटिव चाहिए तो किसी को बी पॉजिटिवआंकड़ों के मुताबिक ओ और बी पॉजिटिव ब्लड की 60 प्रतिशत डिमांड है.

शाम तक स्टॉक हो रहे खत्म

डिमांड इतनी अधिक है कि सुबह ब्लड बैंक में ब्लड और प्लेटलेट्स का स्टाक भरा जा रहा है और शाम तक खत्म हो जा रहा हैफिर भी डिमांड जस की तस बनी हुई हैब्लड बैंक के संचालकों का कहना है कि आम दिनों की अपेक्षा डिमांड दस गुना बढ़ गई हैमांग को देखते हुए आईएमए ने सभी स्टाफ के छुट्टियों को कैंसिल कर 24 घंटे मरीजों की सेवा में लगा दिया है.

कबीरचौरा ब्लड बैंक में मारामारी

कबीरचौरा ब्लड बैंक में पिछले 15 दिनों से ब्लड और प्लेटलेट्स के लिए मारामारी की स्थिति हैसुबह 8 बजे ब्लड बैंक खुलने का समय है, लेकिन इसके पहले ही हाथ में पर्चा लेकर मरीज के तीमारदारों की लंबी लाइनें लग जा रही हैंकई तो ऐसे भी पहुंच रहे हैं कि उनको पता भी नहीं है कि किस ग्रुप का ब्लड चाहिएबस पर्चा लेकर पहुंच जा रहे हैंब्लड बैंक का स्टाक करीब 600 यूनिट का हैइसके बाद दो बजे तक सारा का सारा स्टाक खत्म हो जा रहा है.

दीनदयाल में कम पड़ जा रहे स्टाक

पंदीनदयाल हास्पिटल में भी डेंगू, चिकनगुनिया, टायफाइड के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहेसाथ ही इससे अधिक मरीज ब्लड लेने के लिए पहुंच रहे हैंहालांकि यहां ब्लड बैंक के स्टोरेज की क्षमता 600 यूनिट हैइसके अलावा 60 यूनिट प्लेटलेट्स की हैसबसे अधिक ब्लड ओ पॉजिटिव और बी पॉजिटिव ब्लड की डिमांड हैज्यादातर लोग इसी ग्रुप का ब्लड लेने के लिए पहुंच रहे हंै.

आईएमए में 24 घंटे भीड़

लहुराबीर स्थित ब्लड बैंक की सबसे बड़ी संस्था आईएमए में 24 घंटे ब्लड के लिए मारामारी की स्थिति हैमरीजों की दिक्कतों को देखते हुए आईएमए के सारे स्टाफ की छुट्टियों को कैंसिल कर दिया गया हैसभी 24 घंटे मरीजों की सेवा में लगे हंैब्लड को लेकर कई बार मरीज और स्टाफ में नोकझोक भी हो जा रहा है इसके बाद भी स्टाफ मरीजों की सेवा में डटे हैंडोनर लेकर आने पर तुरंत ब्लड दिया जा रहा है.

दस गुना बढ़ गई डिमांड

सरकारी अस्पताल हो या फिर निजी अस्पताल में सभी जगह चिकनगुनिया, डेंगू, मलेरिया और टायफाइड के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैंजांच होते ही किसी में ब्लड की कमी तो किसी में प्लेटलेट्स कमी से मरीज घबरा जा रहे हैंउनको ठीक करने के लिए उनके तीमारदार परेशान हो जा रहे हंैहालात यह है कि भर्ती कराते ही एक यूनिट ब्लड के लिए ब्लड बैंक में दौड़ लगाना शुरू कर दे रहे हैंडाक्टरों का कहना है कि इस समय ब्लड की जबरदस्त डिमांड हैआम दिनों में जहां 7 से 8 यूनिट ब्लड और प्लेटलेस्स की डिमांड रहती थी वहीं दिनों बढ़कर 35 से 40 यूनिट हो गई है

ब्लड और प्लेटलेट्स की डिमांड को देखते हुए आइएमए के सारे स्टाफ की छुट्टी को कैंसिल कर दिया हैप्रतिदिन 60 से 70 यूनिट ब्लड की डिमांड बढ़ गई है.

डॉराहुल चंद्रा, अध्यक्ष, आइएमए

बुखार से ग्रसित मरीजों की संख्या कई गुना बढ़ गई हैसाथ ही ब्लड और प्लेटलेट्स की डिमांड भी बढ़ गई हैचिकित्सालय से प्रतिदिन से 25 से 30 यूनिट ब्लड और प्लेटलेट्स मरीजों को दिया जा रहा है

डासंदीप चौधरी, सीएमओ

पंदीनदयाल हॉस्पिटल में एसडीपी मशीन लगाने के लिए पिछले दो साल से मांग की जा रही हैअगर एसडीपी मशीन लग जाए तो मरीजों की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है.

राजेश गुप्ता, सचिव, केआरके