वाराणसी (ब्यूरो)विधानसभा चुनाव के बाद यूपी में नगर निकाय चुनाव की तैयारी शुरू हो गई हैप्रारंभिक चरण में नगर निकायों के क्षेत्र का परिसीमन और सीटों के आरक्षण को लेकर प्रक्रिया अंतिम चरण में हैप्रदेश के 16 नगर निगमों में सबकी नजर वाराणसी पर हैआरक्षण रोस्टर के आधार पर इस बार वाराणसी में मेयर पद ओबीसी पुरुष के लिए आरक्षित होगाइसके अलावा जनसंख्या के आधार पर नगर निगम में वार्डों की संख्या 100 ही होगीअभी तक 90 वार्ड ही हैंहालांकि मेयर पद के आरक्षण और वार्डों की संख्या पर अंतिम निर्णय शासन को लेना है.

1995 में शुरू हुई थी प्रक्रिया

वाराणसी में 1995 में हुए नगर निगम चुनाव में जनता द्वारा मेयर चुने जाने की प्रक्रिया शुरू हुई थीपहली बार मेयर पद महिला ओबीसी के लिए आरक्षित हुआ थाभाजपा प्रत्याशी सरोज सिंह ने चुनाव जीता थाइसके बाद वर्ष 2000 के नगर निगम चुनाव में सामान्य पुरुष था, जिसमें भाजपा के अमरनाथ यादव ने जीत दर्ज की थी। 2006 में मेयर पद ओबीसी पुरुष के लिए रिजर्व हुआ तो कौशलेंद्र सिंह ने बाजी मारी। 2012 में सामान्य के लिए मेयर सीट आरक्षित किया गया, जिसमें रामगोपाल मोहले विजयी हुए थे। 2017 में महिला ओबीसी होने के कारण मृदुला जायसवाल मेयर चुनी गईंआरक्षण रोस्टर के अनुसार इस बार वाराणसी में मेयर पद ओबीसी मेल होगाहालांकि इस पर अभी अंतिम निर्णय शासन की ओर से लिया जाना है

वाराणसी में 10 ही वार्ड बढ़ेंगे

इस बार नगर निगम के लिए न्यूनतम वार्ड संख्या 60 और अधिकतम 110 रखने की योजना हैइसके तहत वार्डों के गठन के मसले पर नए फॉर्मूले के तहत विचार किया जा रहा हैवर्ष 2017 के नगर निकाय चुनाव में जनसंख्या आधार वर्ष 2011 की जनगणना को माना गया थापिछले 10 सालों में शहरों की आबादी और क्षेत्र दोनों का काफी विस्तार हुआ हैजनगणना के ताजा आंकड़ों के नहीं होने के कारण सरकार की ओर से अनुमानित आंकड़ों के आधार पर नगर निकायों को परिभाषित करने की योजना हैआबादी के बढ़े फॉर्मूले के आधार पर नगर निकायों की सीमाओं में विस्तार कर वार्ड की संख्या को बढ़ाया जाएगाइसके लिए स्थानीय नगर निगम की परिषदीय विभाग ने वाराणसी में 10 नए वार्ड का प्रपोजल बनाकर शासन को भेजा है.

अंतिम निर्णय शासन का होगा

शहरी क्षेत्र में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए वार्डों की संरचना में बदलाव हो सकता हैप्रदेश के सभी 16 नगर निगम मुख्यालय से वार्डों के गठन को लेकर प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया हैमाना जा रहा है कि वार्डों के गठन, परिसीमन और सीटों के आरक्षण के मसले पर सीएम योगी आदित्यनाथ के स्तर पर जल्द ही बैठक होगीइसमें प्रस्तावों को मंजूरी दी जा सकती है.

अब तक के मेयर व कार्यकाल

-सरोज सिंह- 30 नवंबर 1995 से 29 नवंबर 2000

-अमर नाथ यादव- 30 नवंबर 2000 से 20 जनवरी 2006

-कौशलेंद्र सिंह- 17 नवंबर से 2006 से 19 जुलाई 2012

-रामगोपाल मोहले- 20 जुलाई 2012 से अगस्त 2017

-मृदुला जायसवाल- 20 नवंबर से अब तक

नगर महापालिका के मेयर

-कुंजबिहारी गुप्ता- एक फरवरी 1960 से 30 अप्रैल 1962

-बृजपाल दास- एक अप्रैल 1962 से 31 जनवरी 1966 तक

-श्याम मोहन अग्रवाल- पांच जुलाई 1968 से पांच जुलाई 1970 तक

-सरजू प्रसाद दुबे- छह जुलाई 1971 से पांच जुलाई 1971 तक

-पूरन चंद्र पाठक- छह जुलाई 1971 से 30 जून 1973 तक

-मोस्वालेह अंसारी- 12 फरवरी 1989 से पांच फरवरी 1994 तक

नगर निगम में शामिल 84 गांवों के बाद वार्डों की संरचना में बदलाव होगामौजूदा समय में 90 वार्ड है। 10 और वार्ड का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया हैइस पर अंतिम निर्णय शासन ही लेता हैइसके अलावा मेयर पद के आरक्षण की प्रक्रिया शासन स्तर से तय होती है

-पीके द्विवेदी, अध्यक्ष नगर निगम परिषदीय विभाग