-बाबा शब्द के प्रयोग करने पर जनसुनवाई पोर्टल पर की गई शिकायत

-डोर-टू-डोर पहुंच रही कूड़ा गाड़ी केतेज आवाज से लोग परेशान

'बाहर जाने की जिद न करो, न ही करो कोई बहाना, नहीं तो घर में आएगा कोरोना बाबा'। यह स्लोगन है स्मार्ट सिटी का। जो शहर के अधिकतर चौक -चौराहों पर लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम और शहर की कॉलोनी और मोहल्लों में डोर-टू-डोर पहुंच रही कूड़ा गाड़ी से बजाकर लोगों को कोरोना महामारी के प्रति अवेयर किया जाता है। कोरोना एक बीमारी है। इसके साथ 'बाबा' शब्द जोड़ा है, जबकि बनारस में बाबा का मतलब भगवान श्री काशी विश्वनाथ है। इसके साथ ही बाबा कीनाराम मंदिर से भी बाबा जुड़ा हुआ है। अवधूत बाबा समेत तमाम संत-महात्मा के नाम के साथ भी जुड़ा है। इसलिए वाराणसी में कोरोना के साथ बाबा शब्द लगाने पर जनसुनवाई पोर्टल पर महमूरगंज के रहने वाले प्रताप नारायण शर्मा ने आपत्ति जताई है और इसे हटाने की मांग की है।

बाबा विश्वनाथ के भक्त प्रताप नारायण बताते हैं कि बाबा शब्द हमारी आस्था से जुड़ा है। प्रतिदिन बाबा के दर्शन से हमारे के अंदर सकरात्मक ऊर्जा का संचार होता है। बाबा के नाम और दर्शन से लोगों का कल्याण होता है। काशी में बाबा का मतलब ही श्री काशी विश्वनाथ महादेव होता है। जबकि कोरोना एक महामारी बीमारी है। इससे कई लोगों की मौत हो चुकी हैं। बावजूद इसके कोरोना के साथ बाबा शब्द जोड़ा गया, जिससे काशी के लोगों की भावना को चोट पहुंचती है। इसलिए कोरोना के आगे बाबा शब्द नहीं होना चाहिए।

सीएमओ और डीएम से की शिकायत

नारायण बताते हैं कि जून के पहले सप्ताह में कोरोना के साथ बाबा शब्द जोड़ने की शिकायत सबसे पहले सीएमओ आफिस में थी, लेकिन वहां से डीएम आफिस भेज दिया गया। अगले दिन डीएम आफिस में जाकर शिकायत की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला तो 4 जून को जनसुनवाई पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि अभी तक मेरे पास किसी कहीं से भी फोन नहीं आया है। जब तक बाबा शब्द नहीं हटेगा, तब तक मेरी लड़ाई जारी रहेगी।

सिटी कमांड सेंटर में आती हैं शिकायतें

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा। एनपी सिंह के अनुसार हर दिन सुबह-सुबह गली, मुहल्ले और कालोनी में कूड़ा गाड़ी जाती है। लोगों को अवेयर करने और कूड़ा देने के लिए कूड़ा गाड़ी के साउंड सिस्टम से इसी स्लोगन बजता है। इसे लेकर सिटी कमांड सेंटर में अक्सर शिकायत आती है। लोगों का आरोप है कि इसके तेज आवास से नींद खराब होती है। ध्वनि प्रदूषण भी होता है। सुबह-सुबह भजन-कीर्तन और बच्चों की पढ़ाई में दिक्कतें आती हैं।

कोरोबा बाबा शब्द पर आपत्ति आई है। इस बारे में विधि विशेषज्ञ सेल से राय ली जा रही है। जरूरत पड़ी तो बनारस के विद्वानों से परामर्श लिया जाएगा। जो भी उचित होगा, उसे किया जाएगा। तेज आवाज की शिकायत भी काफी आई है। इस संबंध में कूड़ा गाड़ी चालकों को निर्देश दिया गया कि जहां भी तेज आवाज से आपत्ति है, वहां इसे स्लो बजाया जाए।

-डा। एनपी सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी