वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में इस वर्ष रिकार्ड गर्मी पड़ रही है और आग ने भी हाहाकार मचाना शुरू कर दिया हैपिछले दिनों अपार्टमेंट, घर, दुकान व खेत में भड़की आग से लाखों की संपत्ति खाक हो गई तो कहीं मौतें भी हुईंआग पर काबू पाने वाला अग्निशमन विभाग हर साल खुद को सक्षम बनाने की कवायद करता है, मगर ये कवायद अब तक धरातल पर नहीं उतरीशहर का विस्तार हो रहा है और हादसे बढ़ रहे हैं, मगर अग्निशमन के रास्तों के गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं लेतेअब तक न तो फायर स्टेशन, दमकल गाडिय़ों की संख्या बढ़ पाई हैं और न जवान.

जिले में बीते तीन माह में 50 से अधिक अगलगी की घटनाएं हो चुकी हैंअप्रैल से लेकर अगस्त के महीने तक लोगों को सतर्कता बरतने की जरूरत होती है, क्योंकि इन महीनों में अगलगी की घटनाएं भी अधिक होती हैवहीं, आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए भी वाराणसी में आबादी के हिसाब से फायर स्टेशनों की कमी भी देखी जा रही हैफायर स्टेशनों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव विभाग की ओर से बनाए तो जा रहे हैं, लेकिन फायर स्टेशन के लिए सबसे अधिक समस्या जमीन की उपलब्धता नहीं होना बताया गया हैवर्तमान में शहर से लेकर गांव तक 40 लाख की आबादी की आग की वजह से होने वाली जान-माल की हानि को रोकने के लिए अग्निशमन विभाग के पास सिर्फ सिर्फ चार फायर स्टेशन हैं.

आठ फायर स्टेशनों का होना जरूरी

आग से हर साल होने वाले भारी जान, माल के नुकसान को रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से फायर रिस्क एंड हेजार्ड एनालिसिस किया जाता हैइसमें जनसंख्या घनत्व के आधार पर अग्नि सुरक्षा संसाधनों का मानक तय होता है, लेकिन बनारस में करीब 40 लाख आबादी की आग से सुरक्षा के लिए कम से कम आठ फायर स्टेशनों को बेहद जरूरी माना गया है.

वरुणा पार हालत खराब

जमीन नहीं मिलने के कारण नए फायर स्टेशन का मामला अटका पड़ा हैसबसे खराब स्थिति वरुणा पार की है, जहां एक भी फायर स्टेशन नहीं हैहालाकि शिवपुर में फायर स्टेशन बनाने के लिए अग्निशमन विभाग की ओर से जमीन मांगी गई थी, लेकिन राजस्व विभाग ने जमीन देने से साफ मना कर दियाइस बीच कमिश्नर ने भी पत्र लिखकर जमीन की मांग की हैशिवपुर में एक समस्या यह भी सामने आ रही है कि अग्निशमन विभाग को जमीन हाईवे के किनारे चाहिए, ताकि दोनों तरफ का एरिया कवर हो सकेलेकिन, हाईवे से आठ किमी अंदर जमीन मिलने की वजह से यहां फायर स्टेशन का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया है.

सभी तहसीलों में जरूरी फायर स्टेशन

लीडिंग फायरमैन रामजीत सिंह ने बताया कि बनारस की आबादी के हिसाब से सभी तहसीलों में फायर स्टेशन का होना जरूरी है, लेकिन जनपद में सिर्फ चार ही फायर स्टेशन हैंपिंडरा में फायर स्टेशन का काम अंतिम रूप में है, लेकिन वह अभी संचालित नहीं हैराजातलाब तहसील मेंं जमीन को लेकर मामला अटका पड़ा हैजमीन की तलाश जारी हैमानक के अनुसार 4383 वर्ग मीटर सरकारी जमीन की तलाश हो रही हैइसके बाद दूसरे केंद्र की स्थापना की तैयारी होगी.

दो लाख की आबादी पर एक फायर स्टेशन जरूरी

फायर स्टेशन के तय मानक के हिसाब से लगभग दो लाख की आबादी पर एक फायर स्टेशन का होना जरूरी है, लेकिन चार फायर स्टेशन होना यहां की दयनीय स्थिति का हाल बयां करता हैआबादी और फायर ब्रिगेड के घटनास्थल तक पहुंचने के समय को अगर आधार माना जाए तो कम से कम आठ फायर स्टेशन की जरूरत बनारस के लिए मुनासिब समझा जाएगाइतना ही नहीं दो लाख की आबादी पर हमेशा एक यूनिट को तैयार रहने की आवश्यकता है, जिसमें तीन फायरमैन, एक ड्राइवर से लैस दमकल की एक यूनिट होनी चाहिएशहरी क्षेत्र में एक यूनिट से दूसरे यूनिट की दूरी पाच वर्ग किलोमीटर से अधिक न होयही नहीं आग लगने पर घटनास्थल तक पहुंचने के लिए 7 से 10 मिनट लगभग तय है

कम कर्मियों में कैसे होगा मुकाबला

सरकार निश्चित रूप से अग्निशमन केंद्र की स्थापना संग अत्याधुनिक संसाधन मुहैया कराने पर जोर दे रही है, लेकिन विभाग में कर्मियों की भारी कमी के संकट से मुकाबला कठिन होगाआग लगने के दौरान बचाव में मुख्य भूमिका भारी भरकम फायर ब्रिगेड वाहन के चालकों की होती है.

इन दो घटनाओं से समझिए हालात

7 अप्रैल : अन्नपूर्णा ग्रैैंडयोर अपार्टमेंट

सिगरा स्थित 11 मंजिला अन्नपूर्णा ग्रैंडयोर अपार्टमेंट में चौथी मंजिल पर भीषण आग लग गई थीइस घटना में फ्लैट पूरी तरह से जलकर राख हो गया, जबकि तीन अन्य फ्लैट में लाखों की क्षति पहुंची थीफायर ब्रिगेड की 12 गाडिय़ां आग बुझाने में लगी थींफंसे 50 से ज्यादा बाशिंदों को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बाहर निकाला गया, लेकिन इस घटना ने अपने पीछे कई सवाल छोड़ दिए हैैंजांच में अपार्टमेंट में अग्निशमन के लिए प्रशिक्षित स्टाफ की नियुक्ति न होने, प्रत्येक फ्लोर पर बने होज कैबिनेट को बंद रखने समेत कई खामियां बताई गई थीं.

14 अप्रैल : अशफाक नगर कालोनी

भेलूपुर की अशफाक नगर कालोनी में चल रही साड़ी फिनिशिंग व पैकिंग फैक्ट्री में शार्ट सर्किट से लगी आग में कारखाना संचालक पिता-पुत्र समेत कुल चार लोगों की मौत हो गईदरवाजे के सामने ही लगी आग के कारण एक कमरे में चल रही फैक्ट्री से ये लोग बाहर नहीं निकल सकेजब तक पुलिस व फायर सर्विस के लोग मौके पर पहुंचे आग बुझ चुकी थी, लेकिन अपने साथ चार जिंदगियों को भी राख कर चुकी थीहालांकि गली संकरी होने के कारण फायर विभाग की गाड़ी मौके तक पहुंच भी नहीं सकी.

संसाधनों की स्थिति

जनसंख्या - 40 लाख

फायर स्टेशन - 4 (कोतवाली, चेतगंज, भेलूपुर, ज्ञानवापी)

कुल गाडिय़ां - 24

यहां खड़ी रहती हैैं गाडिय़ां

चेतगंज : 13

भेलूपुर : 6

कोतवाली : 2

ज्ञानवापी : 0

रोहनिया थाना : 1

बड़ागांव थाना : 1

चोलापुर थाना : 1

फायर फैंटम : 8

ये हैैं आंकड़े

हाइड्रोलिक वाहन - 1

वाटर बाउजर - 3

पानी की क्षमता : 8 से 12 हजार लीटर तक

वाटर टेंडर : 7 (पानी की क्षमता 2 से लेकर 7 हजार लीटर तक)

वाटर मिस्ड वाहन : 400 लीटर तक क्षमता

कर्मचारियों की स्थिति

पद स्वीकृत रिक्त

चीफ फायर अफसर 1 0

फायर अफसर 4 2

सेकेंड फायर अफसर 11 10

लीडिंग फायरमैन 25 35

ड्राइवर 31 19

फायरमैन 146 124

पांच सालों में आग की घटनाएं

वर्ष 2017 में 430 आग की घटना

वर्ष 2018 में 731 आग की घटना

वर्ष 2019 में 608 आग की घटना

वर्ष 2020 में 409 आग की घटना

वर्ष 2021 में 502 आग की घटना

वर्ष 2022 (जनवरी से लेकर मार्च तक) में 53 आग की घटना

वर्जन

हमारे यहां अभी सिर्फ चार फायर स्टेशन हैंवर्तमान में पिंडरा में एक फायर स्टेशन लगभग बनकर तैयार है, जिसे जल्द ही शुरू कर दिया जाएगाराजातालाब और शिवपुर में जमीन का मसला सामने आ रहा हैयहां भी फायर स्टेशन बनाए जाने की आवश्यकता हैइसके लिए प्रशासन स्तर पर प्लानिंग की जा रही है.

-अनिमेष सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, वाराणसी