वाराणसी (ब्यूरो)। लोकतंत्र के महापर्व में अब चुनावी चर्चाओं का दौर चल रहा है। नॉमिनेशन और नामांकन पत्रों की जांच के बाद अब लगभग सभी आठ विधान सभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों की स्पष्ट हो गई है। शुक्रवार को नामांकन पत्रों की जांच में 69 प्रत्याशियों का पर्चा रिजेक्ट होने के बाद अब जिले में कोई विधान सभा ऐसी नहीं है, जहां दो ईवीएम को एक साथ जोडऩे की जरूरत पड़े। एक ईवीएम में कुल 16 प्रत्याशियों का नाम शामिल करने की क्षमता होती है और जिले में कोई विधान सभा ऐसी नहीं है, जहां इससे अधिक प्रत्याशी मैदान में बचे हों। इससे निर्वाचन आयोग की भी काफी मुश्किलें कम हो जाएंगी, एक्स्ट्रा ईवीएम की भी जरूरत नहीं होगी और 69 प्रत्याशियों के मैदान से बाहर हो जाने के कारण उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा भी नहीं देनी होगी। ईवीएम की संख्या कम होने से मतगणना और रिजल्ट में काफी कम समय लगेगा.
आयोग ने दिया मौका
जिला निर्वाचन अधिकारी व उप जिला निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि नामांकन के दौरान ही सभी प्रत्याशियों को जानकारी दी गई थी कि शपथ पत्र में किसी भी प्रकार की त्रुटि है तो नामांकन पत्रों की जांच शुरू होने यानी सुबह 11 बजे से पूर्व तक नया शपथ पत्र दे सकते हैं। नोटिस भी दी गई थी। कुछ लोगों ने समय से दिया, कुछ ने नहीं दिया।
टिक लगाकर छोड़ा
शपथ पत्र में कुछ निर्धारित कालम में 'लागू नहीं हैÓ लिखना था, लेकिन कई ने क्रास का चिह्न या टिक लगाकर छोड़ दिया, जो अवैध है। कुछ ने नामांकन पत्र के निर्धारित कालम में सही जानकारी नहीं दी। भरना कुछ था और भर कुछ और दिया। पर्चा खारिज होने के कारण प्रत्याशियों में नाराजगी है। दूसरी तरफ अब मैदान में 76 प्रत्याशी हैं। पर्चा वापसी की तिथि 21 फरवरी निर्धारित है। वाराणसी के आठ विधानसभा क्षेत्रों के लिए 145 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था, जिसमें 76 पर्चे वैध पाए गए। त्रुटि होने के कारण 69 प्रत्याशियों के नामांकन खारिज कर दिए गए.