- होटल, ठेलों और अन्य पब्लिक प्लेसेज पर बाल श्रम कर रहे बच्चों को मुक्त कराने के लिए चलाया जा रहा ऑपरेशन गिरा औंधे मुंह

-आई नेक्स्ट के स्टिंग में सामने आया सच, शहर के तमाम इलाकों में ठेलों से लेकर होटल और अन्य प्लेसेस पर काम करते दिखे बच्चे

-18 दिनों में सिर्फ एक बच्चे को छुड़ाया गया, जबकि हर दूसरे ढाबों, होटल्स में काम करते दिख रहे हैं मासूम बच्चे

VARANASI

मजदूरी के बोझ तले दबे मासूमों का बचपन ढाबों, होटल्स, लॉज, दुकानों में गुम होकर रह गया है। मालिकों की डांट फटकार को दिन-रात चादर बनाकर ओढ़ रहे मासूमों को भूख मिटाने के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना ही उनके लिए खेल का अहम हिस्सा बन गया है। 'ऑपरेशन मुस्कान' के मायने शायद इन्हें तो नहीं पता लेकिन जिन्हें इसके बारे में बाकायदा मीटिंग करके जानकारी दी गई वह सिर्फ कागजों पर ही ऑपरेशन मुस्कान की खानापूर्ति कर रहे हैं। एक जनवरी से सूबे भर में शुरू हुये ऑपरेशन मुस्कान अभियान के अंतर्गत बनारस में अब तक सिर्फ एक बच्चे को कैंट स्थित एक होटल से छुड़ाया गया है। जबकि सच्चाई यह है कि शहर के हर दूसरे ढाबे, होटल्स, रेस्टोरेंट्स, चाय पान की दुकानों, कर कारखानों आदि में मासूमों से श्रम कराया जा रहा है। अभियान के मायने तब समझ में आता जब हर दूसरे दिन बच्चाें को इन स्थानों से मुक्त कराया जाता।

यहां नहीं पड़ती जिम्मेदारों की नजर

काम के बोझ तले बचपन लुटा रहे इस मासूमों पर डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की नजरें नहीं पड़ रही हैं। या यूं कह लें कि जान बूझकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कैंट रेलवे स्टेशन व रोडवेज बस स्टेशन से सटे होटल्स, ढाबों, लॉज, रेस्टूरेंट्स में बच्चों को टेबल मेज पोछते, बर्तनों की सफाई, गैरेज में गाडि़यों की वाशिंग सहित कारखानों में जोखिम भरा कार्य करते हुए अमूमन हर कोई देखता है। लेकिन ऑपरेशन मुस्कान के तहत लगाये गये जिम्मेदार अधिकारियों सहित एनजीओ की नजरें इन पर नहीं पहुंच पा रही हैं।

क्फ् दिन में क्या कर लेंगे?

जब जनवरी माह के क्8 दिन बिना कुछ किये निकल गये तो यह समझना भी लाजिमी है कि बाकी के शेष बचे तेरह दिनों में जिला प्रोबेशन अधिकारी की टीम व गुडि़या संस्था, एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग की टीमें क्या खास कर लेंगी? ऑपरेशन मुस्कान के तहत दो टीमें गठित की गई हैं, जिला प्रोबेशन अधिकारी के नेतृत्व में ह्यूमन ट्रैफकिंग यूनिट, गुडि़या संस्था और एसएसपी आकाश कुलहरि ने क्राइम ब्रांच के छह जवानों को भी टीम में सेलेक्ट किया है।

ऑपरेशन मुस्कान के तहत दो टीमें गठित की गई है। होटल, ढाबों आदि स्थानों पर छापेमारी भी की जा रही है।

प्रभात रंजन,

जिला प्रोबेशन अधिकारी

क्राइम ब्रांच, गुडि़या संस्था, लेबर डिपार्टमेंट आदि मिलकर काम कर रहे हैं, बीत दो दिनों में कैंट स्टेशन के सामने एक होटल से एक बच्चे को मुक्त भी कराया। कुछ और बच्चों को छुड़ाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।

मंजू, प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर

गुडि़या संस्था