वाराणसी (ब्यूरो)सिगरा के विद्यापीठ रोड स्थित अन्नपूर्णा ग्रैैंडयोर अपार्टमेंट में गुरुवार रात धधकी आग ने प्रशासन की रीति-नीति पर फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैंअपार्टमेेंट में आग से बचाने के लिए फायर सिस्टम तो थे, लेकिन आधे-अधूरेइससे वहां 50 से अधिक लोगों की जान खतरे में पड़ गईहालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब लापरवाही से ऐसा हादसा हुआ होडीएम कौशलराज शर्मा ने रात में ही घटना के कारणों की जांच के लिए चार सदस्यीय अधिकारियों की समिति गठित की हैहालांकि प्रशासन द्वारा हर बड़ी आगजनी के बाद जांच बिठाई गई, लेकिन लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई कुछ नहीं हो पाईशहर बार-बार आग की घटनाओं से सहमता रहा और दमकल विभाग ने सर्वे कार्रवाई का नोटिस जारी करके अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लीशहर की ढेरों इमारतों में आग से सुरक्षा के पुख्ता संसाधन और इंतजाम नहीं हैंकहीं हैं भी तो हादसे के समय फुस्स हो जाते हैंइसी को लेकर शुक्रवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने शहर की मल्टीस्टोरी इमारतों में फायर सिस्टम को लेकर पड़ताल की

फायर स्टेशन की एनओसी जरूरी

शहर में कोई भी मालिक मल्टीस्टोरी इमारत का निर्माण करता है तो सबसे पहले उसे वीडीए से पास कराके लाइसेंस लेना होता हैइसके बाद वीडीए के लाइसेंस के आधार पर ही फायर स्टेशन की टीम इमारत का सर्वे कर के ïवहां के उपकरणों की जांच करके लाइसेंस देती हैएक अधिकारी ने बताया कि नई इमारतों के चयनित स्टाफ को बकायदा उनकी टीम उपकरणों को यूज करने की भी ट्रेनिंग देती है, ताकि विपरीत परिस्थितियों में उन उपकरणों का आसानी से उपयोग करके जीवन को बचाया जा सके.

ओनर नहीं करा रहे रिनूअल

अग्निशमन विभाग के अधिकारियों से बात करने पर पता चला कि आजकल फायर उपकरणों के लाइसेंस को रिनुअल कराने के लिए आनलाइन आवेदन करना होता हैलेकिन, उनके यहां आनलाइन आवेदन की संख्या नाममात्र हैइमारतों में लगे उपकरणों का रखरखाव ठीक तरीके से नहीं किया जा रहा हैयह साफ संकेत देता है कि यह आपके ओनर की लापरवाही है, जो आपके जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा हैकिसी दिन आपके साथ अनहोनी हो जाए तो ये सारे उपकरण शोपीस बनकर रह जाएंगे.

डीएम ने अधिकारियों की टीम की गठित

डीएम कौशल राज शर्मा ने अपार्टमेंट में आग लगने की घटना के कारणों की जांच के लिए अपर जिला मजिस्ट्रेट, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, सहायक पुलिस आयुक्त चेतगंज और वीडीए के संयुक्त सचिव परमानन्द यादव की समिति गठित की हैडीएम ने समिति के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह शुक्रवार को मौके का स्थलीय निरीक्षण कर बिल्डिंग में आग लगने की घटना किन कारणों से हुई, बिल्डिंग में आग से बचाव के मानक पूरे थे या नहीं, बिल्डिंग का नक्शा आग से बचाव के अनुरूप है या नहीं, आदि बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। इस दौरान थाना पुलिस व वीडीए के संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.

चार अपार्टमेंटों की यह है स्थिति

अन्नपूर्णा ग्रैैंडयोर अपार्टमेंट

यह अपार्टमेंट सिगरा के काशी विद्यापीठ रोड पर बना हुआ हैगुरुवार की रात इस अपार्टमेंट के चौथे फ्लोर के फ्लैट नंबर 401 की एसी का कंप्रेसर फटने से आग लग गई थीआग इतनी भयंकर लगी थी कि पास के तीन और फ्लैट को अपनी चपेट में लिया थालोगों की किस्मत अच्छी थी कि सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गयापड़ताल करने पर देखा गया कि वहां पर कई फ्लोरों पर लगा अग्निशामक यंत्र खराब पड़ा हुआ हैछठे और सातवें फ्लोर के अग्निशामक यंत्र में गैस ही नहीं हैइसे लापरवाही ही कहा जाएगा कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी इसी ठीक नहीं कराया गया.

रूद्रा अपार्टमेंट

रूद्रा अपार्टमेंट भी सिगरा के काशी विद्यापीठ रोड पर हैयह अपार्टमेंट कुल दस मंजिला हैशुरुआत के दौरान ही लाइसेंस की आवश्यकता हुई होगी, तभी का इसमें अग्निशामक यंत्र लगाया गया हैजब टीम ने उसकी उत्पादन तिथि देखी तो उस पर 2012 लिखा हुआ थाइनका फायर कंट्रोल रूम खाली पड़ा हुआ थाइसमें कोई स्टाफ मौजूद नहीं थाउसमें रहने वाले लोगों से जब जात की गई तो जानकारी मिली कि उनको उपकरणों की कोई जानकारी नहीं है और न ही उन उपकरणों का कभी मेंटेनेंस होते हुए देखा हैये सिर्फ शोपीस हंैगेट पर सिर्फ दो गार्ड रख दिए गए हैैं, जिन्हें यूज करने की जानकारी नहीं है.

गणेशा अपार्टमेंट

यह अपार्टमेंट सिगरा के अन्नपूर्णा नगर में दस मंजिला बना हुआ हैसारे अपार्टमेंटों जैसा हाल इसका भी हैयहां पर देखा गया कि फायर कंट्रोल रूम में बिजली की व्यवस्था ही नहीं है, जिसकी वजह से फायर पैनल बंद पड़ा हुआ हैयहां तक कि फायर अलार्म भी खराब हालात में हैयही नहीं हर फ्लोर पर फायर अलार्म मौजूद भी नहीं हैअपार्टमेंट में रहने वाले लोगों से बात करने पर पता चला कि उनको फायर सेफ्टी की कोई भी ट्रेनिंग नहीं दी गई है.

विद्यासागर अपार्टमेंट

सिगरा के ही इलाके में विद्यासागर अपार्टमेंट बना हुआ हैइसकी हालात यह है कि अग्निशामक यंत्र फेल हैगार्ड गायब हैंफायर कंट्रोल रूम बेसमेंट में पार्किंग के पास बनाया गया है, जिससे छठे से लेकर आठवें फ्लोर तक रहने वाले लोग इससे आसानी से कांटेक्ट भी नहीं कर सकेकई अलार्म के वायर कटे हुए मिले, जो यह दिखाते हैं कि यहां पर जिदंगी के साथ कितना भयानक खिलवाड़ चल रहा है.

सोसायटी के ओनरों को फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने के बाद ही लाइसेंस दिया जाता हैसमय-समय पर वर्कशाप के माध्यम से ट्रेनिंग भी देते हैंआजकल जो घटनाएं हो रही हैं, उसकी मेन वजह है कि उपकरणों का रखरखाव ठीक तरीके से नहीं किया जाता हैसमय-समय पर उनको बदला नहीं जाता हैपुराने उपकरणों को लोग रहने देते हैं, जो इमरजेंंसी के दौरान ठीक से काम नहीं कर पाते हैैंआजकल उपकरणों के लाइसेंस की प्रक्रिया आनलाइन कर दी गई हैइसलिए लोगों को बढ़-चढ़कर टाइमली रिनुअल व टेस्टिंग करानी चाहिए.

-रामलखन चौहान, अग्निशमन अधिकारी, चेतंगज, वाराणसी

आग लगने पर इन बातों का रखें ध्यान

-यदि आपके पास अग्निशामक यंत्र है और आप उसे हैंडल करना जानते हैं तो उसे सक्रिय करें.

-आग बढऩे पर अग्निशामक दल को बुलाने के लिए 101 या 112 नंबर डायल करें.

-किसी बड़ी बिल्डिंग या ऑफिस में आग में फंसे हों तो तुरंत फायर अलार्म सक्रिय करेंहमेशा आग बुझाने वाला यंत्र और बचाव कंबल तैयार रखें.

-घर में बेवजह की रद्दी व कचरा नहीं रखना चाहिए, ये आइटम जल्द आग पकड़ते हैं.

-लिफ्ट के बजाय सीढिय़ों का ही उपयोग करें.

-धुएं में घिरने पर जमीन पर बैठ या लेट जाएं, इससे धुएं का असर आप पर कम होगा.

-आग लगने पर तुरंत बिजली का मेनस्विच बंद कर दें

-एसी, फ्रि ज, कंप्यूटर, टीवी के लिए पावर स्विच लगवाएं