वाराणसी (ब्यूरो)राल्हूपुर में बंदरगाह के समीप बनने वाले फ्रेट विलेज को लेकर भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्लूएआइ) ने भूमि अधिग्रहण शुरू कर दियाभूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के लिए बीते दिनों जारी हुए सरकारी आदेश के बाद सोमवार सुबह नायब तहसीलदार के नेतृत्व में पंदीनदयाल उपाध्याय नगर के राजस्व विभाग की टीम ताहिरपुर गांव पहुंचीराजस्व विभाग की टीम पिलर गाड़ कर सड़क अधिग्रहण की कार्यवाही कर रही थी, तभी इसकी भनक ग्रामीणों को लगीसिर्फ 15 मिनट में मौके पर पहुंचे सैकड़ों ग्रामीणों ने पिलर गाडऩे का विरोध करते हुए धरना-प्रदर्शन शुरू कर दियाग्रामीणों ने राजस्व की टीम का पुरजोर विरोध कियामौके पर खुद को घिरा देख राजस्व टीम बंदरगाह की ओर भाग निकली.

एक चौथाई दे रहे मुआवजा

ग्रामीणों ने राजस्व विभाग द्वारा लगाए गए चार पिलरों को तोड़ कर तहस-नहस कर दियाग्रामीण वहीं धरने पर बैठ गएउनका कहना था कि वर्तमान में यहां जमीन का रेट 20 से 25 लाख रुपये बिस्वा है जबकि सरकार द्वारा सरकारी मालियत का चार गुना देने पर भी हम लोगों को महज छह लाख रुपये ही मिल रहे हैं, जो बहुत कम हैग्रामीणों ने बताया कि 100 मीटर की दूरी पर वाराणसी जिले के गांवों की जमीन के अधिग्रहण के एवज में सरकार द्वारा 28 लाख रुपये बिस्वे के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है.

आंदोलन की दी चेतावनी

ग्रामीणों का कहना था कि 15 वर्षों से अधिक समय से मकान बनवा कर रह रहे हम लोगों को उजाडऩे का प्रयास किया जा रहा हैग्रामीणों ने मंगलवार से अनवरत धरना प्रदर्शन की चेतावनी दीसाथ ही मामले का सही निस्तारण न होने पर वृहद स्तर पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

100 एकड़ जमीन की जरूरत

फ्रेट विलेज बनाने के लिए लगभग 100 एकड़ जमीन की आवश्यकता हैइसमें 10 एकड़ भूमि का अधिग्रहण भी हो चुका हैवर्तमान अधिग्रहण में ताहिरपुर व मिल्कीपुर गांव की खेती व आवासीय हिस्से भी आ रहे हैंसाथ ही मुआवजा की कम धनराशि मिलने के कारण भी लोग विरोध कर रहे हैं.