वाराणसी (ब्यूरो)पापा पार्क में खेलने नहीं जाऊंगा पार्क के झूले टूट गए हैगार्ड अंकल के न होने की वजह से पार्क में कोई भी घुस आता है और झूला, सर्कस पर सरकता हैइससे हमलोगों का झूला टूट गया हैयह सिनेरियों एक पार्क का नहीं बल्कि शहर के अधिकतर पार्कों का है जहां पर बच्चों के लिए रखे गए खेल के सामान बुरी तरह से टूट गए और जिम के कई पाटर्स भी गायब हो चुके है

जिसे देखो वही टूटा

न झूला झूलने के लिए झूले और ना बच्चों की चकरियां और न ही सरकने के लिए स्लाइडसभी टूट-फूटकर बिखर पडृे हैकहीं घास है तो कहीं झंखाड़, जहां है वहां कटिंग नहीं की गयी हैबच्चों के खेलने के लिए खेल के उपकरण बड़े-बड़े घासों से घिरा पड़ा हैयह हाल है रविन्द्रपुरी पार्क कादेखने में यह पार्क झंखाड़ नजर आता हैयही वजह है कि बच्चों ने इस पार्क से किनारा कर लिया है

शहीद उद्यान का बुरा हाल

सिगरा शहीद उद्यान में लगे बच्चों के खेलने के लिए लगे उपकरण काफी टूट चुके हैकही कुर्सी से टायर अलग हो गया है तो कहीं झूला टूटकर गिरा पड़ा हैबच्चे जब भी खेलने के लिए जाते है तो टूटा हुआ झूला देखकर वापस चले जाते हैयहीं हाल संकुल धारा पोखरे का हाला हैवहीं शहीद उद्यान में भी जिम टूटा पड़ा हैकंपनी गार्डेन में भी बच्चों के उपकरण खराब है.

नहीं होती दूब की कटिंग

संकुल धारा स्थित पार्क इन दिनों बदहाल अवस्था में है.न तो क्षेत्र की महिलाएं इस पार्क में आती और बच्चों ने भी आना बंद कर दिया हैयहां लगभग सभी उपकरण कबाड़ हो गए है और पार्क परिसर भी कबाड़ घर सा दिखने लगा हैपूरे पार्क परिसर में कुछेक जगह ही दूब है और जहां दूब है तो उसकी कटिंग नहीं की गई हैयही वजह है कि क्षेत्रवासी पार्क में जाने से परहेज करने लगे हैं.

चौकीदार ही नहीं

लोगों का कहना है कि ठंड के दिनों में आसपास के लोग मार्निंग वॉक करने के लिए आते है और दिन में कई लोग धूप लेने के लिए आते हैलेकिन गांधी पार्क में बच्चों के लिए ना तो झूले है और ना ही बच्चों के खेलने के लिए चकरियांजो है वह टूटी पड़ी हुई हैइसकी मेंटनेंस की जिम्मेदारी नगर निगम की है लेकिन मरम्मत नहीं किया जा रहा हैइसी पार्क की नियमित देखभाल हो और झूले इत्यादि लगे हो तो दूसरी कॉलोनी के पार्कों में जाना नहीं पड़ेचौकीदार भी नहीं है कि पार्कों की देखभाल करें

केयर टेकर हो तैनात

सार्वजनिक पार्कों में चौकीदार लगाया जाना चाहिए, ताकि इन पार्कों में अवांछनीय तत्वों का जमावड़ा नहीं होइसके चलते महिलाएं और बच्चे इन पार्को में आना बंद कर दिए हैपार्कों की देखभाल न होने की वजह से सरकार का लगाया पैसा व्यर्थ हो जाता है.

पार्कों की मेंटनेंस जल्द की जाएगीअभी हाल ही में कई पार्कों को अवांछनीय तत्वों से मुक्त कराया गया हैशहर के कई पार्कों में उपकरण लगाने का कार्य जल्द शुरू होगा.

अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त